हाल ही में एक पत्रकार हिरासत में लिया गया है, जिससे अब चीन प्रेमियों में जल्द ही अफरा तफरी मचने वाली है। प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने हाल ही में ‘स्वतंत्र पत्रकार’ राजीव शर्मा को कथित तौर पर वित्तीय हेरफेर के लिए हिरासत में लिया है। इससे चीन की कंपनियों भारत में झटका भी लग सकता है।
लेकिन ये राजीव शर्मा कौन है? इसका चीन प्रेम से क्या लेना देना? दरअसल, राजीव शर्मा एक ‘स्वतंत्र पत्रकार’ हैं, जो विभिन्न पत्रिकाओं एवं न्यूज पोर्टल्स के लिए नियमित रूप से लेख लिखते रहे हैं। राजीव शर्मा पर प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि राजीव ने चीनी इंटेलिजेंस अफसरों से पैसों के एवज में काफी संवेदनशील दस्तावेज़ साझा किये थे। राजीव के पास से कुछ दस्तावेज़ बरामद भी हुए थे।
ED has arrested Rajeev Sharma, a freelance journalist under PMLA on the charges of supplying confidential and sensitive information to Chinese Intelligence officers, in exchange for remuneration pic.twitter.com/qauHIsVIv2
— ED (@dir_ed) July 3, 2021
अब राजीव शर्मा की गिरफ़्तारी से लोग सोशल मीडिया पर दो गुटों में बंटे गये हैं। एक ओर तो वामपंथी निस्संदेह राजीव का बचाव कर रहे हैं, क्योंकि उनके लिए राजीव से निर्दोष प्राणी तो दुनिया में कोई हो ही नहीं सकता। दूसरी ओर जांच एजेंसियां का मानना है कि स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, क्योंकि राजीव शर्मा के यहाँ से जो दस्तावेज़ बरामद हुए हैं, उससे वह निर्दोष तो नहीं सिद्ध होता।
तो सच क्या है? यदि राजीव शर्मा के प्रोफ़ाइल पर दृष्टि डाली जाए, तो वह स्वयं भी कोई दूध का धुला नहीं है। स्वयं वामपंथी पोर्टल स्क्रॉल के रिपोर्ट के अनुसार, “राजीव एक यूट्यूब चैनल चलाता है, ‘राजीव किष्किन्धा’, जिसपर उसके हजारों फॉलोवर हैं। शर्मा के ट्विटर अकाउन्ट को Restrict कर दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वो चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लिए भी लिखता है। Scroll की रिपोर्ट के अनुसार Rajeev sharma ने आरोप लगाया कि उनके फोन को इज़राएल के जासूसी सॉफ्टवेयर Pegasus के जरिए निशाने पर लिया जा रहा है।
जब एक ऐसे व्यक्ति पर संवेदनशील दस्तावेज़ चीन के इंटेलिजेंस अफसरों के साथ साझा करने के आरोप लगे, जो पहले से ही ग्लोबल टाइम्स के लिए लेख लिख रहा हो, तो आप भली भांति समझ सकते हैं कि उसकी असल मंशा क्या रही होगी। स्वयं स्क्रॉल और द इंडियन एक्सप्रेस तक सिद्ध कर चुकें हैं कि यह व्यक्ति ग्लोबल टाइम्स के लिए लेख लिख चुका है।
अब राजीव शर्मा की गिरफ़्तारी से भला चीनी कंपनियों को कैसे नुकसान होगा? इसके बारे में भी जी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से प्रकाश डाला है जिसके मुताबिक, जो जानकारी राजीव शर्मा मुहैया कराता था, उसके बदले में राजीव को हवाला और शेल कंपनियों के जरिए चीनियों द्वारा पैसे भेजे जाते थे। जी न्यूज के रिपोर्ट के अंश अनुसार, “ये शेल कंपनियां चीन के नागरिक झांग चेंग उर्फ सूरज, झांग लिक्सिया उर्फ उषा, क्विंग शिओ नेपाल के एक नागरिक शेर सिंह उर्फ राज वोहरा के साथ मिलकर चला रहे थे। इसी शेल कंपनी के जरिए हवाला का कारोबार किया जा रहा था, और देश में काम कर रहीं चीन की कंपनियां हवाला के जरिए पैसों को भारत से चीन पहुंचा रही थीं। इसके साथ ही राजीव शर्मा को जासूसी के बदले पैसे दे रही थीं। राजीव शर्मा जासूसी के बदले मिलने वाले इन पैसों को अपने बेनामी खाते में जमा कर रहा था ताकी किसी को इस बात का शक भी ना हो”।
बता दें कि राजीव शर्मा को एक अन्य मामले में 2020 में भी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था। राजीव शर्मा नामक इस पत्रकार ने यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून, द क्विंट, सकाल टाइम्स इत्यादि के साथ काम किया है, और इसे देश से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज़ चुराकर चीन के साथ साझा करने और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
“राजीव शर्मा को इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था, और उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। फिलहाल राजीव शर्मा जमानत पर बाहर था। दिल्ली पुलिस की इसी चार्जशीट पर कार्रवाई करते हुए ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। मामले की जांच के बाद पता चला कि राजीव शर्मा पैसों के बदले काफी अहम जानकारी चीन के जासूसों तक पहुंचा रहा था और ये जानकारी देश की सुरक्षा से जुड़ी थी।
अब सोचिए, जब एक व्यक्ति के जरिए चीनी अफसरों की पहुँच ऐसी है, तो इनका नेटवर्क देशभर में कैसा होगा? ऐसे में राजीव शर्मा की गिरफ़्तारी से प्रवर्तन निदेशालय को काफी सहायता मिलने वाली है, क्योंकि राजीव शर्मा जैसे अनेक चीनी प्रेमियों के इस नेटवर्क को ध्वस्त करने में केंद्र सरकार को आसानी होगी। इसके साथ ही अब चीन के प्रेमियों की भी खैर नहीं।