राजस्थान ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद में 100 करोड़ का घोटाला : दैनिक भास्कर
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पंजाब और राजस्थान से सबसे अधिक भरष्टाचार की खबरें सामने आई हैं। कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार को एक्सपोज करने वाले दैनिक भास्कर को धमकी भी दी गयी थी। परन्तु अब इसी दैनिक भास्कर ने गहलोत सरकार की एक और पोल खोल दी है। रिपोर्ट के अनुसार गहलोत सरकार ने 35 हजार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 1 लाख तक में खरीदे और लगभग 100 करोड़ का घोटाला किया।
First Punjab, now Rajasthan#Pandemic profiteering is in vogue in @INCIndia ruled Sates
Bloated prices of O2 concentrators purchased by Rajasthan Govt reeks of corruption@RahulGandhi Ji, drop white paper shenanigans & focus on these dark, murky dealingshttps://t.co/GfNCnXYQC5 pic.twitter.com/4WopPKd6e1
— Dr Harsh Vardhan (Modi Ka Pariwar) (@drharshvardhan) July 2, 2021
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस की गहलोत सरकार ने दूसरी लहर के दौरान आनन-फानन में 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे हैं। जब इस समाचार पत्र ने पड़ताल की तो कई हैरान कर देने वाले सच सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार इसे गहलोत सरकार ने दलालों के माध्यम से निजी कंपनियों से खरीदा। यही नहीं 35-40 हजार रुपये वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक लाख रुपये तक में खरीदे गए। हैरान कर देने वाला सच तो यह है कि ज्यादातर कंसंट्रेटर 2 मई को कोरोना के सबसे अधिक कहर वाले दिन गुजरने के एक महीने बाद खरीदी गई।
अब इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का कोई इस्तेमाल नहीं है और ये अस्पतालों के कबाड़ में पड़े हुए हैं।
दैनिक भास्कर ने बताया कि उसने अपनी टीम को राजस्थान के 11 जिलों के 65 स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा, जहाँ से 1300 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सच्चाई सामने आई। यही नहीं भास्कर की टीम ने कंसंट्रेटर की कीमतों की जांच के लिए कंसंट्रेटर सप्लाई करने वाली कंपनियों से भी बात की। जो कंसंट्रेटर महंगी कीमत पर खरीदे गए वही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भास्कर को कंपनियां 35-40 हजार रुपये में देने को तैयार हैं।
पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट
दैनिक भास्कर रिपोर्ट के अनुसार, “नाम न छापने की शर्त पर एक निजी कंपनी ने बताया कि उस समय भी 5 लीटर क्षमता वाले कंसंट्रेटर 35-40 हजार रुपये के ही आ रहे थे। भास्कर टीम ने विधायक कोष से खरीदे गए 948 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की भी पड़ताल की, इसमें औसतन कीमत 1.06 लाख रु. बताई गई है।“
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दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उन कंपनियों से भी ख़रीदे गए जिनका नाम घोटालों में आ चुका है। रिपोर्ट के अनुसार 5 साल पहले हुए एनएचएम घोटाले में कमिशन बांटने वाले व्यक्ति की कंपनी के माध्यम से कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं।
सरकार का यह कहना है कि ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर संकट के समय खरीदे गए। परन्तु सवाल तो यह है कि दूसरी लहर के लगभग समाप्त होने के बाद इनकी सप्लाई क्यों की गई?
दैनिक भास्कर रिपोर्ट के अनुसार अजमेर (दक्षिण) के विधायक ने बताया कि, “मेरे विधायक कोष के 25 लाख रुपये में जो कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं उन पर न किसी कंपनी का नाम है न कोई गारंटी कार्ड। ये 10 लीटर प्रति मिनट पर 30% ऑक्सीजन बनाते हैं। ये अस्पताल में तो क्या घर पर उपयोग के भी काबिल नहीं हैं। ये कंसंट्रेटर पांच घंटे से ज्यादा नहीं चल सकते हैं।“
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर घोटाला कितने बड़े स्तर पर किया गया। इसी तरह कांग्रेस की पंजाब सरकार ने भी वैक्सीन को लेकर घोटाला किया था।