TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कन्हैया कुमार – एक Over-celebrated अंडरअचीवर

कन्हैया कुमार कुछ और नहीं बल्कि 'JNU की डिग्री लिए राहुल गांधी' ही हैं!

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
2 October 2021
in मत
कन्हैया कुमार – एक Over-celebrated अंडरअचीवर
Share on FacebookShare on X

कन्हैया कुमार! यह नाम सुनते ही भारत के लोगों के जेहन में JNU सबसे पहले आता है। फिर याद आती है JNU की वह शाम जिसमें कुछ युवा भारत के टुकड़े होने का नारा लगा रहे थे। यह वह शाम थी जिसके बाद से देश में दो-तीन नाम सभी के जुबान पर चढ़ गए। उन नामों में कन्हैया कुमार का नाम प्रथम था। उस घटना के बाद से लेकर कुछ दिनों पूर्व कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने तक, मीडिया का एक वर्ग उन्हें इस तरह से पेश करता है, जैसे उन्होंने कितना बड़ा काम कर दिया है तथा कितने बड़े राजनीतिक नेता हैं, जिसके भाषण से दर्जनों के भाव में लोकसभा क्षेत्र और विधानसभा क्षेत्र के परिणाम बदल जाते हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि चुनाव में जीतना तो दूर, उनकी जमानत तक जब्त होने की नौबत आ चुकी थी। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि कन्हैया कुमार एक Over-celebrated underachiever हैं तो यह विशेषण किसी भी कोण से यह गलत नहीं होगा। जिस तरह प्रशांत किशोर एक ओवररेटेड रणनीतिकार हैं, कन्हैया कुमार उसी के राजनीतिक प्रारूप हैं।

देखा जाए तो कन्हैया कुमार ने जीवन में देश विरोधी नारे लगाने के अलावा कुछ किया नहीं हैं। न ही एक छात्र, न ही एक शोधार्थी और न ही एक राजनीतिक जननेता, किसी भी रूप में कन्हैया कुमार का विश्लेषण किया जाए तो रिपोर्ट Zero ही आएगी।

संबंधितपोस्ट

वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

और लोड करें

कन्हैया कुमार के जीवन पर प्रकाश डाला जाए तो वे पटना से ही अखिल भारतीय छात्र परिषद (AISF) के सदस्य थे जो CPI की स्टूडैंट विंग है। दिल्ली आने के बाद 2015 में उन्होंने JNU में छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष पद के लिए चुने गए। फिर आया फरवरी 2016 जब उन्होंने आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में रैली निकाली और देश के टुकड़े-टुकड़े होने का नारे लगाया। यहीं से वामपंथी मीडिया ने उन्हें अपनी पलकों पर बैठा लिया और वे NDTV के रविश कुमार से लेकर The Wire तक के चहेते बन गए। हालांकि, देश विरोधी नारे के लिए उन पर मामला दर्ज हुआ लेकिन 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया।

और पढ़ें- भारत ने भारी-भरकम FDI के साथ वैश्विक रेटिंग एजेंसियों के मिथक को तोड़ दिया है

10 मार्च 2016 को, यह पता चला कि अक्टूबर 2015 में, कन्हैया पर JNU प्रशासन द्वारा एक छात्रा के साथ “दुर्व्यवहार” करने और उसे “धमकी देने” के लिए जुर्माना लगाया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार कन्हैया कथित तौर पर जून 2015 में खुले में पेशाब कर थे और जब उन्हें रोका गया था वे गाली-गलौज करने लगा। उस व्यवहार का विरोध करने वाली छात्रा को उन्होंने धमकाया भी।

उनका चर्चित होना, लेफ्ट ब्रिगेड के लिए संजीवनी के समान था। लेफ्ट पार्टियों और उनके समर्थकों को लगा कि उन्हें कन्हैया के रूप में पीएम मोदी को चुनौती देने वाला मिल गया। परंतु उन्हें नहीं पता था कि कन्हैया कुमार JNU की डिग्री के साथ राहुल गांधी साबित होंगे। यही हुआ, जिस तरह से India Today राहुल गांधी की 5 बार वापसी करा चुका है, वैसे ही कन्हैया को भी लुटियन से समर्थन मिला; लेख लिखे गए, समय-समय पर इंटरव्यू लिया गया, जिससे जनता के बीच कन्हैया कुमार का नाम गूँजता रहे, परंतु कहते हैं न ढाक के तीन पात।

29 अप्रैल 2018 को, वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की पार्टी राष्ट्रीय परिषद के लिए चुने गए। बाद में 2019 में, उन्हें CPI राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में शामिल किया गया। तब तक लुटियन्स ने कन्हैया कों एक ऐसे नेता के रूप में पेश कर दिया था तो पीएम मोदी कों चुनौते देने के लिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार था। लेफ्ट ब्रिगेड द्वारा देश में इतना हवा बना दिया गया कि अब यह कन्हैया की मजबूरी थी कि वह चुनाव में उतरे। 2019 के आम चुनाव में कन्हैया कुमार ने बेगूसराय से चुनाव लड़ने का फैसला किया।

और पढ़ें- एलन मस्क का उतरा नकाब : क्या Elon Musk वास्तव में PayPal के कोफाउंडर थे?

भारत में राजनीति करना कोई बच्चों का खेल नहीं है, आप सिर्फ नकारात्मक लोकप्रियता पर चुनाव नहीं जीत सकते। आप दिल्ली की लुटियन्स मीडिया द्वारा चने के झाड़ पर चढ़ाये जाने के बावजूद जमीनी स्तर पर लोगों से नहीं जुड़ सकते हैं। यही कन्हैया कुमार के साथ हुआ। NDTV और The Wire के साथ चार इंटरव्यू कर लेने से आप बेगुसराए का चुनाव नहीं जीत सकते, वह भी गिरिराज सिंह जैसे दिग्गज जमीनी स्तर से जुड़े जननेता के खिलाफ।

बिहार के साथ ही सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली बेगूसराय पर सबकी नजरें थीं क्योंकि यहां पर एक तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह थे, तो दूसरी तरफ खुद को ‘नेता नहीं बेटा’ बताने वाले कन्हैया कुमार थे। चुनाव परिणाम आने से पहले कुछ राजनीतिक पंडित इस सीट पर गिरिराज और कन्हैया के बीच कड़ी टक्कर बता रहे थे लेकिन जब नतीजे आए तो सभी मुंह छिपाते नजर आए। गिरिराज सिंह ने बिहार की बेगूसराय सीट पर 42,2217 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीता, जबकि कन्हैया कुमार तो इस रेस में बिलकुल पिछड़े हुए नजर आये।

यही नहीं कन्हैया को बेगुसराय स्थित अपने गांव बिहट से भी निराशा ही मिली। वहीं कन्हैया के लिए प्रचार करने स्वरा भास्कर, जावेद अख्तर जैसी कुछ बॉलीवुड हस्तियां भी पहुंची थीं लेकिन कोई भी कामयाब नहीं हुआ। स्पष्ट है कि उनके ही गांव के लोग भी उनकी देश विरोधी हरकतों से अच्छे से वाकिफ थे और यही वजह है कि किसी ने भी कन्हैया को महत्व नहीं दिया। ‘बाहरी बनाम स्थानीय’ के नारे को बुलंद किए हुए कन्हैया कुमार की कोई रणनीति काम नहीं आई और उन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा।

और पढ़ें: 37,400 करोड़: IBC की ओर से इस साल NPA की सबसे बड़ी वसूली है

अब हालात ऐसे हो गए हैं कि अपनी प्रासंगिकता बचाने के लिए उसी कांग्रेस के दामन का सहारा लेना पड़ रहा है जिसके लिए वह कुछ वर्षों पहले तक सभी प्रकार के नकारात्मक विशेषण प्रयोग करते थे। इस राजनीतिक अवसरवादिता से तो यह भी अंदाजा लगाया जा सकते हैं कि वह अपनी प्रासंगिकता बचाने के लिए BJP में भी शामिल हो सकते हैं। भारत में सार्वजनिक जीवन कों दागरहित रखते हुए प्रासंगिकता बनाए रखना उतना ही कठिन है जितना चीन में जिनपिंग के खिलाफ बोलकर बच जाना। जनता न तो राष्ट्रद्रोह को भूलती है और न ही स्टेज पर से दिये गए राष्ट्रप्रेम के विरुद्ध भाषणों को। इसी का परिणाम है कि कन्हैया कुमार कों दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। यह विफलता है कन्हैया की; उनकी विचारधारा की; कम्युनिस्ट पार्टी की; तथा लुटियन्स मीडिया की। उनके कैरियर ग्राफ में एक भी ऐसी उपलब्धि नहीं हैं कि वह जनता को दिखा सके जिससे उन पर कोई भरोसा करे। जिस तरह प्रशांत किशोर ने सिर्फ जीतने वाली पार्टियों पर ही दांव लगा कर अपने आप को चुनावी रणनीतिकार घोषित किए हुए हैं, उसी प्रकार कन्हैया कुमार लुटियन्स द्वारा चढ़ाये गए झाड़ पर खड़े हो कर अपने आप को जननेता बता रहे हैं। कन्हैया कुमार सभी जगह पर Over-celebrated underachiever ही रहे हैं जिन्हें खूब बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया चाहे वो छात्र नेता के रूप में हो या एक नेता के रूप में लेकिन वास्तविकता में फिसड्डी।

Tags: कन्हैया कुमारकांग्रेसबिहारलुटियन्स मीडिया
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्यों एयरलाइन व्यवसाय वास्तव में कभी लाभ नहीं कमाते हैं?

अगली पोस्ट

कट्टरपंथी समूह Muslim Brotherhood ने सोशल मीडिया पर शुरू किया भारत विरोधी अभियान

संबंधित पोस्ट

INDIA-Pakistan match
क्रिकेट

BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

14 September 2025

अगर पूछा जाए कि भारत का सबसे बड़ा धर्म क्या है? या वो कौन सा धर्म है जहां अलग अलग विचारधाराओं, जातियों, नस्लों और भाषा...

‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’
चर्चित

वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

13 September 2025

तेलंगाना की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने कांग्रेस पर ‘एमएलए चोरी’ का गंभीर आरोप लगा दिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और...

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां
क्राइम

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

13 September 2025

मणिपुर की पहाड़ियों और घाटियों में डेढ़ साल से पसरे तनाव का धुंधलका देश ने न सिर्फ़ महसूस किया था, बल्कि उसकी टीस को अपने...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited