भारतीय निवेश बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. झुनझुनवाला 62 साल के थे. उनके निधन पर पढ़िए हमारी यह पोस्ट जो 7 अक्टूबर, 2021 को पब्लिश हुई थी.
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने चर्चित निवेशक राकेश झुनझुनवाला के साथ अपनी तस्वीर अपलोड की और पोस्ट किया, “मिलिये हमारे खास मित्र राकेश झुनझुनवाला से, जो भारत को लेकर काफी तेजड़िया यानि आशान्वित रहते हैं”।
Delighted to meet the one and only Rakesh Jhunjhunwala…lively, insightful and very bullish on India. pic.twitter.com/7XIINcT2Re
— Narendra Modi (@narendramodi) October 5, 2021
राकेश झुनझुनवाला से पीएम मोदी की मुलाकात उतनी सुर्खियों में नहीं रही, जितना उनका पहनावा ख़बरों में रहा। कुछ ने उनकी सादगी के लिए उनकी प्रशंसा की, तो कुछ लोगों ने स्वभाव अनुसार अपनी कुंठा जगज़ाहिर की, परंतु आखिर ये राकेश झुनझुनवाला है कौन, जिनका परिचय कराने में स्वयं नरेंद्र मोदी भी कोई हिचक नहीं महसूस कर रहे हैं?
5 जुलाई 1960 को हैदराबाद में जन्म लेने वाले राकेश झुनझुनवाला का परिवार मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनू जिले से संबंधित है। हिसाब-किताब से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। इनके पिता स्वयं आयकर विभाग में कमिश्नर थे और ये भी प्रारंभ में एक चार्टर्ड अकाउन्टेंट थे, परंतु जोखिम लेना इनका स्वभाव था, और यही स्वभाव इन्हें शेयर मार्केट की ओर आकृष्ट कर लाया। इन्होंने जब स्टॉक मार्केट में कदम रखा था, तो उस समय Manu Manek, हर्षद मेहता जैसे खिलाड़ी एक दूसरे को कांटे की टक्कर देते थे।
धीरे-धीरे राकेश झुनझुनवाला ने अपनी अलग पहचान बनाई, और वे स्टॉक मार्केट के नए ‘बिग बुल’ के रूप में सामने आए। आज इनकी निजी संपत्ति अक्टूबर 2021 में ही 570 करोड़ रुपये के आसपास है।
राकेश झुनझुनवाला केवल आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बहुत सक्रिय हैं। वे पूंजीवाद के कट्टर समर्थक हैं, और उसका विरोध करने वाले किसी भी राजनीतिक दल को वे छोड़ते नहीं हैं। उन्होंने कई विषयों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन भी किया है, और उनका समर्थन तार्किक एवं नपा-तुला भी है।
उदाहरण के लिए Ndtv और भारतीयता में हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है। पिछले वर्ष जब देश में कोविड की भयावहता के कारण देश की अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में 23 प्रतिशत से भी नीचे गिरी थी, तो एनडीटीवी ने इसपर मोदी सरकार को घेरने का काफी प्रयास किया। इसपर Ndtv ने जब राकेश झुनझुनवाला के विचार जानने का प्रयास किया, तो उलटे उन्होंने एनडीटीवी को ही अर्थशास्त्र का ABCD पढ़ा दिया।
राकेश झुनझुनवाला ने स्पष्ट बताया, “हाँ, मैं पीएम मोदी का प्रशंसक हूँ, ये स्पष्ट बात है। एक भारतीय होने के नाते मेरा अधिकार है कि मैं अपने राजनीतिक विकल्प चुन सकूँ। पर आप तो स्पष्ट रूप से पक्षपाती रवैया अपना रहे हो। मैं देख सकता हूँ कि एनडीटीवी वर्तमान सरकार के प्रति पक्षपात अपनाता है।” जब एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने अपने आप को बचाने का एक और प्रयास किया, तो राकेश झुनझुनवाला ने श्रीनिवासन की जमकर धुलाई करते हुए कहा, “मैं एक राजनीतिक पशु हूँ, लेकिन प्रेस नहीं है। प्रेस को निष्पक्ष होना चाहिए, आपको निष्पक्ष होना चाहिए!”
इसके अलावा राकेश झुनझुनवाला ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सकारात्मक पहलुओं को गिनाते हुए कहा कि वुहान वायरस की महामारी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से रिकवर कर रही है, और विदेशी उद्योगपति भर-भर के भारत में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “बाज़ार केवल मार्च 2021 तक सीमित नहीं है। भारत पहले से ही तेज़ी से रिकवर कर रहा है। इसके अलावा भारत में काफी सकारात्मक बदलाव आया है, जिसमें ब्याज दरों में कटौती एक बहुत बड़ा फ़ैक्टर है, और इसके अलावा भी बहुत बड़े स्तर पर सुधार हो रहे हैं।”
राकेश झुनझुनवाला केवल नाम के ‘बिग बुल’ नहीं है, बल्कि वे वास्तव में एक प्रखर निवेशक है, जो भारत के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आशान्वित है और उन्हें आभास है कि इस देश में कितनी क्षमता है, और ये कहाँ तक जा सकता है। ऐसे लोगों को अमेरिका में वॉरेन बफेट की भांति पूजा जाता है, और अब समय आ चुका है कि भारत में भी ऐसे लोगों को उनका उचित सम्मान दिया जाए, जैसे पीएम मोदी दे रहे हैं, क्योंकि धन का सृजन करना अपराध नहीं, पुण्य है।