TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    vijay diwas

    Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    vijay diwas

    Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

प्ले स्कूल में नहीं कॉलेज में पढ़ाना चाहते हैं अध्यापक, किंडरगार्टन भारत में बना ‘नोट कमाने का साधन’

अब बच्चों को 'अ' से 'आम्रफल' नहीं, 'A' से 'Apple' सिखाते हैं!

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
12 December 2021
in मत
प्ले स्कूल में नहीं कॉलेज में पढ़ाना चाहते हैं अध्यापक, किंडरगार्टन भारत में बना ‘नोट कमाने का साधन’
Share on FacebookShare on X

पूरे भारतीय इतिहास में, बच्चों को एक विशेष दर्जा प्राप्त है। छोटी सी आयु में राजा भरत शेरों के दांत गिना करते थे। भारत में, बचपन को एक व्यक्ति के जीवन की आनंददायक समयावधि माना जाता है, इसलिए बच्चों को परिवार और आस-पास के बड़े वृद्ध परिजनों द्वारा सबसे अधिक लाड़ प्यार दिया जाता है। इस पालन पोषण के दौरान एक पक्ष पर विशेष ध्यान दिया जाता है और वह है शिक्षा।

बच्चे के जन्म, बच्चे के पहले ठोस आहार, बच्चे के नामकरण संस्कार और बच्चे की औपचारिक शिक्षा के पहले दिन को उत्सव की तरह मनाया जाता है। गाने, नृत्य, खेल और बातचीत के माध्यम से प्राकृतिक वातावरण में छोटे बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा बच्चों के पालन-पोषण का एक नियमित घटक है। हालाँकि, एक नए औद्योगीकृत राष्ट्र की बढ़ती माँगों ने भारत में बच्चों के पालन-पोषण की कई बुनियादी प्रथाओं को बदल दिया है।

संबंधितपोस्ट

शीर्ष देश अपनी मातृभाषा में ही कर रहे सारा काम, समझिए शिक्षा और अनुसंधान में क्यों ज़रूरी है अपनी भाषा

पूर्व में भारत था शिक्षा का वैश्विक केंद्र, और भविष्य में भी होगा

BYJU’S के पीछे का सच अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है, यह घोटाला तो बहुत बड़ा है

और लोड करें

जिस भारत में बच्चों की शिक्षा गुरुकुल के वातावरण में संस्कृत के साथ आरंभ होती थी वह अब प्ले स्कूल में अंग्रेजी के A से आरंभ होता है। अब प्ले स्कूल के नाम पर जो स्कैम आरंभ हुआ है, यह ऑनलाइन प्ले स्कूल का स्वरूप ले चुका है। जिस भारतवर्ष में गुरु बनना एक राजा बनने से भी अधिक बड़ी ज़िम्मेदारी भरा कार्य माना जाता था तो वहीं अब शिक्षा का कार्यभार साइड बिजनेस या गृहस्थ महिलाओं के लिए समय के सदुपयोग वाला कार्य माना जाने लगा है। यही कारण है कि जिस भारत में बच्चे 14 वर्ष की उम्र में शस्त्र और शास्त्र की सभी विद्याओं में पारंगत हो जाते थे, आज के बच्चे 14 वर्ष की उम्र में सोशल साइन्स से भूगोल, इतिहास और इक्नोमिक्स को अलग करना भी नहीं जानते हैं।

और पढ़े: देश में देववाणी संस्कृत के प्रति क्यों कम हो रहा लगाव?

व्यवसाय में परिवर्तित हो चुकी है शिक्षा

आज शिक्षा की संस्कृति व्यवसाय में परिवर्तित हो चुकी है। आज सभी उच्च शिक्षा पर ही ध्यान केन्द्रित करते हैं। सरकार से लेकर माता और पिता तक सभी उच्च शिक्षा की चिंता करते हैं। यह किसी से छुपा नहीं है कि अंग्रेजों द्वारा भारतीय शिक्षा को अँग्रेजी बनाने के बाद कैसे स्वतंत्र भारत की सरकारों ने भी शिक्षा के क्षेत्र में उसी भेड़चाल का अनुसरण किया। आज भी सरकार IIT और एम्स जैसे संस्थान बनवाने पर ध्यान दे रही है। जनता भी अपने बच्चों को इन्हीं संस्थानों में या तो पाठन के लिए या पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए NET की परीक्षा है, तो वहीं उच्च माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों के लिए B. Ed की डिग्री अनिवार्य है लेकिन आरंभिक शिक्षा के लिए आज प्ले स्कूल है, जहां शिक्षा देना प्राथमिकता ही नहीं होती। किसी ने 12वीं तक पढ़ाई कर ली है या स्नातक कर लिया है या फिर कोई अगर घर में फ्री बैठा है तो अपने शौक के लिए ऐसे स्कूलों में शिक्षा दे रहा है। जिस समय बच्चों का दिमाग सबसे तेजी से अपने वातावरण के अनुसार ढलता है वैसे समय में आज A फॉर Apple सिखाया जाता है। देखा जाए तो आरंभिक शिक्षा मात्र शिक्षा माफियाओं की जकड़ में है। न तो शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है और न ही शिक्षकों की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत में किसी भी बच्चे की नींव यहीं से कमजोर होती है।

और पढ़े: 16 संस्कार के नाम एवं 16 संस्कार क्यों किये जाते है?

गर्भ में ही कई चीजों को सीख जाते हैं बच्चे

तथ्य यह है कि बच्चे अपनी परिवेश से प्रभावित होते हैं, और उसे दोहराते हैं। बाल विकास विशेषज्ञों के दशकों के शोध में दिखाया गया है कि एक बच्चे के शुरुआती वर्षों के पर्यावरण का प्रभाव जीवन भर रहता है। भारतवर्ष के इतिहास को पलट कर देखे तो अभिमन्यु प्रसंग इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। जब अभिमन्यु की माता सुभद्रा गर्भवती थीं तभी अर्जुन ने उन्हें चक्रव्युह के विध्वंस की युक्ति सुनाई थी। हालांकि, चक्रव्युह में आरंभ के दौरान तो वह जागी हुईं थी लेकिन उसमें से निकलने की विधि के दौरान वह सो गयी थीं। माँ से जुड़े होने के कारण अभिमन्यु भी इसी कारण से उतनी ही विधि जानते थे जितनी उनकी माता ने सुनी थी।

गर्भाधान और तीन साल की उम्र के बीच, एक बच्चे के मस्तिष्क में एक प्रभावशाली परिवर्तन होता है। जन्म के समय, उसके पास पहले से ही लगभग सभी न्यूरॉन्स विकसित हो चुके होते हैं। पहले वर्ष में उनका आकार दोगुना हो जाता है, और तीन साल की उम्र तक यह न्यूरॉन्स अपने वयस्क अवस्था के 80 प्रतिशत तक पहुंच चुके होते हैं।

और पढ़े: BHU में ‘हिंदू स्टडीज’ के अंतर्गत भारतीय इतिहास में महिलाओं के ‘युद्ध कौशल और रणनीति’ के बारे में पढ़ाया जायेगा

एक बच्चे की इंद्रियां उसके पर्यावरण और अनुभवों के बारे में मस्तिष्क को बतातीं हैं, और यह इनपुट तंत्रिका गतिविधि को उत्तेजित करता है। आस पास की सुनी गई ध्वनियों को सुनकर इंद्रियां मस्तिष्क में गतिविधि को उत्तेजित करती हैं। यदि इनपुट की मात्रा बढ़ जाती है (यदि अधिक भाषण सुना जाता है) तो उस क्षेत्र में न्यूरॉन्स के बीच synapses अधिक बार सक्रिय होता है। इसका अर्थ यह है कि जिन कारणों को कठिन बता कर बच्चों की शिक्षा को दिन-प्रतिदिन आसान बनाया जा चुका है, उसका कुछ वैज्ञानिक प्रमाण ही नहीं है। एक बच्चे को अगर आरंभ से ही संस्कृत की शिक्षा दी जाए तो उसका मस्तिष्क उसे आसानी से समझेगा। अपने आस-पास के वातावरण और गर्भ में बच्चे कई चीजों को सीख जाते हैं जो फिर बड़े होने पर न दोहराने के कारण वे भूल जाते हैं। तैरना भी इसी तरह की एक क्रिया है जो बच्चे गर्भ में तो सीख जाते हैं लेकिन जन्म के बाद न दोहराने के कारण तैरने की विधि को भूलते जाते हैं।

पहले तीन वर्षों में एक बच्चे के मस्तिष्क द्वारा उत्पादित अतिरिक्त synapses मस्तिष्क को बाहरी इनपुट के लिए विशेष रूप से उत्तरदायी बनाता है। यही कारण है कि प्राचीन भारत में बच्चे की शिक्षा पर अत्यधिक ध्यान दिया जाता था। शास्त्रों के अनुसार उपनयन संस्कार के बाद ब्रह्मोपदेश होता है जहां से शिक्षा की नींव पड़ती है और बच्चों को मंत्रोचारण सिखाया जाता। हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली अनिवार्य रूप से मूल्य आधारित थी। गुरुकुल पद्धति में विद्यार्थी गुरु के यहाँ जाते थे, वहाँ रहते थे और पढ़ते थे। कोई निश्चित शुल्क नहीं था। आर्थिक रूप से, गुरुकुल राज्य के संरक्षण/अनुदान या जनता द्वारा दान पर निर्भर थे। उनके पूरे छात्र जीवन के लिए उनके शिक्षक उनके अभिभावक, गुरुकुल उनका घर और साथी छात्र उनके परिवार थे। एक गुरु के लिए, उसके गुरुकुल में रहने वाले सभी छात्र अपने परिवार की स्थिति की परवाह किए बिना समान थे। गुरु के पास जो कुछ भी था, वह बिना किसी तात्कालिक लाभ की आशा के छात्र को दे देते थे। एक और प्रमुख विशेषता थी और वह था कि शिक्षक कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसकी एकमात्र जिम्मेदारी अपने शिष्य को बाजार संचालित जानकारी प्रदान करना था बल्कि परंपरागत रूप से, शिक्षक जीवन भर अपने छात्रों के लिए एक अभिभावक और संरक्षक होता है और अपने शिष्य के चरित्र निर्माण के लिए जिम्मेदार होता था।

गुरुकुलों का मुख्य फोकस छात्रों को एक प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा प्रदान करना था जहां शिष्य एक दूसरे के साथ भाईचारे, मानवता, प्रेम और अनुशासन के साथ रहते थे। समूह चर्चा, स्व-शिक्षा आदि के माध्यम से भाषा, विज्ञान, गणित जैसे विषयों में आवश्यक शिक्षाएँ मिलती थीं। इतना ही नहीं, बल्कि कला, खेल, शिल्प, गायन के साथ-साथ युद्ध काला पर भी ध्यान दिया जाता था जिससे उनकी बुद्धि और आलोचनात्मक सोच विकसित हो। योग, ध्यान, मंत्र जाप आदि गतिविधियों ने सकारात्मकता और मन की शांति उत्पन्न होती और उन्हें सबल बनाती है। उनमें व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से दैनिक कार्य स्वयं करना भी अनिवार्य रूप से विकसित होती थी।

हालांकि, सभ्यता में असभ्यता के संक्रमण से उपजी आधुनिक कुरीतियों ने भारतीय शिक्षा पद्धति और गुरुकुल का विनाश कर डाला। जैसे-जैसे भारत पर आक्रांताओं के आक्रमण हुए, वैसे-वैसे शिक्षा पद्धति बदलती गयी और अंग्रेजों ने तो बाबुओं की फैक्ट्री बनाने के लिए भारतीय शिक्षा का विध्वंस ही कर डाला। रही सही कसर स्वतंत्र भारत की सरकारों ने अँग्रेजी शिक्षा पद्धति को न बदल कर पूरी कर दी । इसके बाद तो आरंभिक शिक्षा को पूरी तरह से उपेक्षित कर दिया गया। यही कारण है कि जिस उत्साह के साथ आज कोई प्रोफेसर बनना चाहता है उसी उत्साह और उत्सुकता के साथ आरंभिक शिक्षा का शिक्षक नहीं बनाना चाहता है। अगर यही शिक्षा पद्धति चलती रही तो हमारा देश भेड़चाल चलने वाले छात्रों की फैक्ट्री बना रहेगा। अगर हमारे देश के भविष्य को सुनिश्चित करना है तथा विश्वगुरु बनना है तो देश में शिक्षा की स्थिति का जीर्णोद्धार करना होगा जिसमें से सबसे आरंभिक शिक्षण देने वाले शिक्षकों की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।

Tags: गुरुकुलप्ले स्कूलशिक्षाशिक्षा प्रणाली
शेयर28ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

शरद पवार: एक अनाड़ी राजनीतिज्ञ जिसे मीडिया ने बना दिया ‘आधुनिक चाणक्य’

अगली पोस्ट

भारत Elon Musk के साथ वो कर रहा है जो किसी देश ने नहीं किया

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited