आयकर विभाग को चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे के खिलाफ खाताबही में हेराफेरी करने के सबूत मिले हैं। खबरों के मुताबिक, चीनी कंपनी हुवावे द्वारा भारत में कर योग्य आय को कम दिखाने के लिए खाताबही में हेराफेरी की गई थी, जिसका पता आईटी विभाग ने लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अपने बयान में कहा कि कंपनी के दस्तावेजों की जांच के दौरान पाया गया है कि कंपनी ने अपने बहीखाते में कर योग्य आय में हेराफेरी की है, जैसे वारंटी के प्रावधान, संदिग्ध डेबिट, लोन और एडवांस ली गई राशि आदि। सीबीडीटी ने कहा कि जांच के दौरान कंपनी के अधिकारी इन आरोपों के बारे में कोई सही तर्क नहीं दे सके। आयकर अधिकारियों की टीम ने 15 फरवरी को चीन की दूरसंचार कंपनी हुवावे के देश में स्थित कई परिसरों पर छापे मारे थे। कर चोरी की जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई की गई थी। 16 फरवरी को हुवावे ने रेड को कंफर्म किया था। अब बीते गुरूवार को आयकर विभाग ने बताया कि मल्टीनेशनल टेलीकॉम (Telecom) ग्रुप से जुड़े कई परिसरों पर की गई रेड (IT Raid) के दौरान 400 करोड़ रुपये की आय की हेराफेरी को पकड़ा गया है।
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भुगतान की प्रमाणिकता साबित नहीं कर पाई हुवावे
खबरों की मानें तो आयकर विभाग ने कर चोरी के मामले में कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु परिसरों की जांच की थी। कार्रवाई के दौरान कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों, बहीखातों और कंपनी के रिकॉर्ड की जांच की गई थी। कंपनी का कुछ रिकॉर्ड भी जब्त किया गया था। बताया जा रहा है कि आयकर अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय कारोबार और विदेशी लेनदेन के खिलाफ कर चोरी की जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई की है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जांच-पड़ताल में पता चला है कि समूह ने भारत के बाहर उससे संबंधित पार्टियों से तकनीकी सेवाओं को हासिल करने के लिए ज्यादा भुगतान किया है। बयान में कहा गया है कि कंपनी ऐसे अनुमानित तकनीकी सेवाओं को हासिल करने के बदले किए गए भुगतान की प्रमाणिकता को साबित नहीं कर सकी है।
मंत्रालय के मुताबिक, कंपनी द्वारा ऐसी सेवाओं को हासिल करने के बदले किया गया भुगतान पांच साल की अवधि के दौरान करीब 129 करोड़ रुपये है। वहीं, दूसरी ओर जांच के बाद चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे ने कहा था कि कंपनी भारत में कानून के मुताबिक ही व्यापार कर रही है। जांच-पड़ताल के दौरान जुटाए गए सबूतों और रिकॉर्ड किए गए बयानों में पता चला है कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले समूह की एक इकाई संबंधित पार्टियों से कम नेट मार्जिन को बता रही थी। हालांकि, इकट्ठा किए गए सबूतों से संकेत मिला है कि यह इकाई ज्यादा बड़े स्तर की सेवाएं या ऑपरेशंस दे रही थी। मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले पर, 400 करोड़ रुपये की आय की हेराफेरी को पकड़ा गया है।
शाओमी और ओप्पो पर भी पड़े थे छापे
आपको बता दें कि पिछले साल चीनी मोबाइल कंपनियों Xiaomi और Oppo पर भी आयकर विभाग ने छापे मारे थे। विभाग ने इन छापों में 6500 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी थी। इससे पहले ईडी ने भी चीन नियंत्रित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर छापे मारे थे। यह कार्रवाई मोबाइल पर तत्काल लोन देने के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता के चलते की गई थी। अब चीनी कंपनी हुवावे भी कर चोरी के मामले में पकड़ा गया है। ध्यान देने वाली बात है कि केंद्र सरकार ने इस हुवावे को देश में 5 जी सेवाओं के परीक्षण से बाहर रखा है। हालांकि, दूरसंचार ऑपरेटरों को उनके पुराने अनुबंध के अनुसार हुवावे और जेडटीई से दूरसंचार उपकरण खरीदने की इजाजत दी है। लेकिन इन कंपनियों के साथ किसी भी नए अनुबंध से पहले इन ऑपरेटरों को दूरसंचार क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुरूप केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
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