रामराज्य की परिकल्पना को साकार कर रहा है उत्तर प्रदेश, इस कथन में अब कोई शंका नहीं है। जिस प्रकार अबतक हिन्दू त्योहारों पर दंगाई और अराजक तत्व हावी हो जाया करते थे आज वो घर के अंदर छुपे बैठे रहते हैं और दूसरी तरफ त्यौहार की रौनक देखते ही बनती है। “सद् रक्षणाय, खल निग्रहणाय” जिसका अर्थ है, सही लोगों की रक्षा करें और बुरे लोगों का नाश! यह रामराज्य में सबसे उपयुक्त विवरण में से एक है। इसी का अनुसरण उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने किया है।
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उत्तर प्रदेश से एक भी सांप्रदायिक हिंसा की खबर नहीं
रामनवमी पर जहां देशभर से विचलित करने वाली, दंगाइयों के कुकृत्यों की अनेकों खबरें आ रही थीं तो वहीं 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश से एक भी सांप्रदायिक हिंसा की तो क्या छिटपुट लड़ाई की भी खबरें नहीं आयीं। इसे योगी का रामराज्य कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
यहां दंगा-फसाद के लिए कोई जगह नहीं है… pic.twitter.com/LWkPZznsVx
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) April 12, 2022
दरअसल, इस रामनवमी पर देश में कई ऐसी घटनाएं आईं जिसने एक बार के लिए तो सबको हतप्रभ कर दिया कि ऐसी विभत्स सोच के लोग आज भी जीवित हैं और समाज में रह रहे हैं। इसी क्रम में जब उत्तर प्रदेश में रामनवमी से जुड़े कुल 800 कार्यक्रम हुए जिसमें किसी एक से भी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनके राज्य में ऐसी कोई हिंसा नहीं हुई, जबकि इस बार यह हिंदू त्योहार रमजान के महीने में एक साथ पड़ गया है।
आदित्यनाथ ने कहा, “इस बार एक भी तू तू मैं मैं (झगड़े) की कोई घटना नहीं थी, दंगों की बात तो छोड़ ही दें।” सीएम योगी ने मंगलवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा, “रामनवमी अभी-अभी मनाई गई। उत्तर प्रदेश की आबादी 25 करोड़ से अधिक है। राज्य भर में 800 रामनवमी शोभा यात्रा और झांकी दर्ज़ किए गए थे और साथ-साथ इस समय रमजान का महीना चल रहा है, रोजा इफ्तार के भी कार्यक्रम रहे होंगे लेकिन न ही को दंगा हुआ और न हुआ कोई झगड़ा।”
योगी आदित्यनाथ के अनुसार, यह “यूपी के नए विकास एजेंडे” का प्रतीक था। उन्होंने कहा, “अब दंगों, अराजकता या गुंडागर्दी के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है।” यूपी के मुख्यमंत्री गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल की घटनाओं का जिक्र कर रहे थे, जहां हिंसक सांप्रदायिक झड़पों में दो लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
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खरगोन इलाके में हुई थी कई झड़पें
ज्ञात हो कि, मध्य प्रदेश में खरगोन इलाके के विभिन्न क्षेत्रों में रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान हुई झड़पों में कम से कम 10 घरों में आग लगा दी गई और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ चौधरी सहित दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। इस बीच, गुजरात में हिम्मतनगर और खंभात शहरों में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़पें हुईं। पुलिस ने एक दूसरे पर पथराव कर रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और इस प्रक्रिया में दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
बात का सार यह है कि, जिस उत्तर प्रदेश में आजतक दंगों की लंबी सूची तैयार की जाती रही वहीं योगी आदित्यनाथ के शासन में दंगे का “द” भी देखने को नहीं मिल सकता है। यह सोचने वाली बात है कि ताजिया-जुलूसों में यदि माहौल शांत रहता है तो क्यों हिन्दू पर्वों पर गिद्ध दृष्टि वालों का प्रभाव इतना दिखता है। योगी आदित्यनाथ की दंगे और दंगाइयों के प्रति Zero Tolerance Policy ने सभी जिहादी और दंगाई प्रवृत्ति वालों के मन में कुर्की और जमींदोज़ का ऐसा भय व्याप्त किया है कि अब वो शोभायात्रा और झांकियों में दंगा नहीं फूल बरसा रहे हैं।
कुल मिलाकर यह डर अच्छा है क्योंकि योगी सरकार इस नीति के साथ रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के साथ ही राज्य में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने में सफल है, अब उत्तर प्रदेश शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है।