TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मिलिए भारत के असली फासीवादियों से, जिन्होंने लोकतंत्र के विध्वंस का बेड़ा उठाया है!

'तानाशाही' में हिटलर को भी मात देने में लगे हैं नेता!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
25 April 2022
in समीक्षा
तानाशाही

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

चाहे भारतीय मीडिया हो या फिर वैश्विक मीडिया द्वारा नरेंद्र मोदी को तानाशाह कहने की परंपरा लगभग 25 वर्ष पहले से चली आ रही है। पहले वो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रचारक थे, इसलिए उन्हें तानाशाह कहा गया। देश की सत्ता संभालने के बाद जब वह राष्ट्रहित की बातें करने लगे तो वो बड़े तानाशाह हो गये। गुजरात दंगे, राम मंदिर, अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण ने उन्हें सबसे बड़े तानाशाह के साथ-साथ राजनीतिक रूप से अछूत भी बना दिया। मोदी भाजपा को प्रखर राष्ट्रवाद की ओर ले गए। उनके इस प्रकार राष्ट्रवाद और विकास के मॉडल को सभी भाजपा शासित राज्यों ने अपनाया और इसी आधार पर विजय पाया। जनता के इस अपार समर्थन और विकास के इस अद्वितीय मॉडल से दुखी वामपंथी, लिबरल और छद्म बुद्धिजीवियों ने भाजपा शासित सभी राज्यों को तानाशाही व्यवस्था के रूप में घोषित करने का काम किया।

भाजपा शासित राज्यों में कानून और विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई प्रशासनिक कार्रवाईयों को सांप्रदायिक रंग दिया गया। सर्वधर्म समानता के हथियार से जब भाजपा ने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को काटा तो इसे इस्लाम विरोधी बताया गया। हिजाब, बुलडोजर और लाउडस्पीकर सभी को मुद्दा बनाया गया। पर, आज हम आपको बिल्कुल निष्पक्ष और संतुलित विश्लेषण करते हुए समझाएंगे कि असली तानाशाही भाजपा शासित राज्यों में नहीं, बल्कि गैर भाजपा शासित राज्यों में है। इन राज्यों की स्थिति और यहां के शासकों के तानाशाही रवैये से आपका अवगत होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी यह तानाशाही राजनीतिक हत्याओं और लोकतंत्र के विध्वंस तक पहुंच चुकी है।

संबंधितपोस्ट

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

हिन्दू होना अब अपराध है? जलपाईगुड़ी में भाजपा सांसद पर हमला और ममता का मुस्लिम तुष्टिकरण

संघ के 100 वर्ष: डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित कर शताब्दी समारोह को ख़ास बनाएगी मोदी सरकार ?

और लोड करें

और पढ़ें: मोदी सरकार के 8 साल बाद अंततः पूरा विपक्ष एक मुद्दे पर एकजुट हुआ और वह मुद्दा है “हिंदी से नफरत”

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के उद्धव सरकार ने अपने पुराने मित्र और गठबंधन सहयोगी के खिलाफ जो तानाशाही रवैया दिखाया है, वह अचंभित और आश्चर्यचकित करने वाला है। शायद किसी भी राजनीतिक पंडित ने उद्धव सरकार से ऐसी क्रूरता की अपेक्षा नहीं की थी। सत्ता की सनक और पद की हनक में शासकों को जनता पर सख्त रवैया अपनाते हुए भारतीय राजनीति में बहुत बार देखा गया है, लेकिन कोई सरकार अपने पूर्व सहयोगी के जनप्रतिनिधियों पर इतनी बर्बरता और दुराग्रह पूर्ण कार्रवाई करे, इसका उदाहरण विरले ही देखने को मिला है। महाराष्ट्र में उद्धव की तानाशाही गुंडाशाही में परिवर्तित हो चुकी है! अगर कोई भी साधारण व्यक्ति अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए उद्धव सरकार की आलोचना करता है, तो उसे शिवसेना के गुंडों द्वारा बर्बरतापूर्वक पीटा जाता है। इस पिटाई में वह किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करते चाहे कोई आम नागरिक हो या फिर नौसेना में काम कर चुका अधिकारी। शिवसेना के गुंडों का आतंक इतना बढ़ चुका है कि लोगों ने अपने विरोध और आलोचना करने के संवैधानिक अधिकार को ही त्याग दिया है।

अभी हाल ही में शिवसेना के गुंडों ने भाजपा के जनप्रतिनिधि किरीट सोमैया पर जानलेवा हमला किया। उनकी गाड़ी को घेर लिया गया और कार के शीशे तोड़कर उन्हें घायल कर दिया गया। इसी तरह के एक अन्य मामले में शिवसेना सुप्रीमो के निवास स्थान मातोश्री के पास हनुमान चालीसा पढ़ने की बात करने पर राणा दंपति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इसी तरह का एक और वाकया भाजपा के एक अन्य जनप्रतिनिधि के साथ भी देखने को मिला, जब लाल बत्ती के पास रूकी उनकी गाड़ी को शिवसैनिकों ने घेर कर क्षतिग्रस्त कर दिया और उन्हें जान से मारने का प्रयास किया। कहते हैं राजनीति में दिल मिले न मिले, लेकिन हाथ जरूर मिलते रहना चाहिए। यह राजनीति में मर्यादा की महत्ता को प्रतिबिंबित करती है, परंतु पहली बार गैर-भाजपा शासित राज्यों ने तानाशाही का ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसमें बर्बरता और क्रूरता की जांच स्वयं उनके साथ सदन में बैठने वाले जनप्रतिनिधियों तक पहुंच चुकी है।

और पढ़ें: महाराष्ट्र बनता जा रहा है इस्लामिक कट्टरपंथी की नर्सरी! जानिए आखिर कैसे?

पश्चिम बंगाल

भारतीय राजनीति में अगर कोई नेता निकृष्टता के नित नए आयाम स्थापित कर रहा है तो वो हैं- ममता बनर्जी! शायद, यह बात आपको सुनने में अटपटी लगे, परंतु भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता पर अगर कोई सबसे बड़ा खतरा है तो वो हैं- ममता बनर्जी! उनका बर्ताव करने का तरीका किसी राज्य के मुख्यमंत्री जैसा नहीं, बल्कि एक भावी देश के राष्ट्रध्यक्षा के समान है। बंगाल में होने वाली राजनीतिक हिंसा की कहानियां किसी से छिपी नहीं है। पंचायत चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा का ऐसा चक्र चला कि लोकतंत्र का चीरहरण कर कई स्थानों पर टीएमसी को निर्विवाद रूप से विजेता घोषित कर दिया गया। इसी तरह की राजनीतिक हिंसा बंगाल चुनाव के समय भी दिखी। तृणमूल ने पहले जनता को डरा-धमका कर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए हिंसा का सहारा लिया। चुनाव के दौरान भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा बलों पर हमले करवाए और चुनाव पश्चात जिन हिंदुओं ने तृणमूल को मत नहीं किया था, उन्हें दंडित किया गया।

हिंसा का ऐसा नंगा नाच चला कि अपने ही देशों में हिंदुओं को पलायन कर असम में शरण लेनी पड़ी। न्यायालय को भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई जांच के निर्देश देने पड़े। बंगाल चुनाव के दौरान तृणमूल ने अपने उन्मादी सनक में अपने साथी जनप्रतिनिधियों पर भी हमले करवाए, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय और तेजस्वी सूर्या आदि महत्वपूर्ण हैं। अभी हाल ही में हुए आसनसोल उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्र पौल पर भी जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई। क्षेत्रफल और आबादी दोनों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश बंगाल से बहुत बड़ा और राजनीतिक रूप से एक विविध राज्य है, परंतु फिर भी वहां योगी की सरकार होने के बावजूद भी सारे चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। लेकिन, उदारवादी ममता के राज्य में आए दिन राजनीतिक हत्याओं की घटनाएं आम हो चुकी है। मीडिया उत्तर प्रदेश में हुई घटनाओं का मुद्दा तो बना देगा, लेकिन बंगाल में होने वाली बड़ी से बड़ी विभीषिका पर भी मौन साध लेगा।

और पढ़ें: ‘विज्ञापन मिलता है तो आलोचना मत करो’, मीडिया की आवाज दबाने में लग गई हैं ममता बनर्जी

केरल

कहते हैं साम्यवादी सत्ता की नींव ही लोकतंत्र के कब्र पर रखी जाती है और केरल के वामपंथी शासन में रोज ही लोकतंत्र की कब्र खुदती रहती है। यहां वामपंथ और कट्टर इस्लाम यह ऐसा गठजोड़ है जो आए दिन भगवा राजनीति के संवाहकों को मौत के घाट उतारता रहता है और तथाकथित बुद्धिजीवी तथा छद्म उदारवादी उन्हें ढकने का काम करते हैं। केरल की विजयन सरकार और पीएफआई के गठजोड़ ने देश में सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याएं की है। अभी हाल ही में हुए RSS कार्यकर्ता की मौत में पलक्कड़ के एक इमाम का हाथ बताया जा रहा है। केरल देश में होने वाले सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याओं का केंद्र बन चुका है। एक स्वतंत्र सर्वेक्षण के अनुमान के मुताबिक 1 साल में केरल में करीब 200-250 भाजपा और संघ के कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं।

केरल में होने वाले राजनीतिक हत्याओं का आलम यह है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों से जुड़ने वाले हर युवा और कार्यकर्ता को इसलिए मार दिया जाता है ताकि यह संगठन इस राज्य में पनप ही न पाए। भारत की राजनीति के लिए यह परिपाटी अत्यंत ही घातक सिद्ध हो सकती है। यह लोकतंत्र के लिए आने वाले समय में जानलेवा सिद्ध होगी और सबसे बड़ी विभीषिका तो मीडिया का मौन और आम जनता की अज्ञानता है। मीडिया इस बात को उठाती नहीं है और आम जनता इससे परिचित नहीं हो पाती। रही सही कसर तथाकथित उदारवादी बुद्धिजीवी और वामपंथी मिलकर पूरी कर देते हैं और पूरे देश में सिर्फ एक ही नैरेटिव फैलाया जाता है कि ‘भाजपा एक तानाशाह पार्टी है।’

और पढ़ें: क्या केरल की भांति आतंक की नई फैक्ट्री बन रहा है बंगाल ?

Tags: तानाशाहीपश्चिम बंगालममता बनर्जीमोदी सरकार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

CJI रमन्ना को संस्कृत के मंत्रों को संदर्भित करने की आवश्यकता ही नहीं थी

अगली पोस्ट

राधाकिशन दमानी- एक साइलेंट बिलेनियर जिसने D Mart को बुलंदियों पर पहुंचा दिया

संबंधित पोस्ट

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited