TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अमेरिकी ‘डॉलर’ एक मायाजाल है, अब दुनिया को वापस स्वर्ण मानक पर लौट जाना चाहिए

रूस डॉलर से निर्भरता खत्म करने की ओर कदम बढ़ा चुका है!

Shikhar Srivastava द्वारा Shikhar Srivastava
2 April 2022
in चर्चित, समीक्षा
डॉलर

Source- Google

Share on FacebookShare on X

रूस-यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए कई मायने में सबक है। कैसे अमेरिका और पश्चिमी देश किसी को भी बढ़ा-चढ़ाकर हलाल होने के लिए छोड़ देते हैं, मौजूदा समय में यूक्रेन से बेहतर इस बात को कोई नहीं समझ सकता। रूस से टकराने के बाद अब यूक्रेन की हालत डांवाडोल हो गई है, लेकिन इससे सिर्फ यूक्रेन की साख पर ही सवाल उठाना नासमझी होगी, क्योंकि अपने आप को महाशक्ति मानने वाला अमेरिका और दुनिया को हर मामले में फिजूल का ज्ञान देने वाले यूरोपीय यूनियन भी इस प्रकरण के बाद पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। हालांकि, पश्चिमी देश भारत पर रूस विरोधी रवैया अपनाने के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन भारत तो भई भारत है, उसे घंटा फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कह रहा है और किसके हिसाब से चलना है। भारत इस मामले पर अपना तटस्थ रूख अपनाये हुए है। ध्यान देने वाली बात है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मध्य अब रूस डॉलर से अपनी निर्भरता समाप्त करने की ओर कदम बढ़ चुका है, जो अमेरिका की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

और पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध से गहराये खाद्य संकट के बीच अब पश्चिमी देशों का अन्नदाता बनेगा भारत

संबंधितपोस्ट

भारत सरकार का ‘भारती’ इनिशिएटिव: कृषि निर्यात को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का रोडमैप

कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

विश्व बैंक की रिपोर्ट में दिखा मोदी युग के आर्थिक बदलाव का असर, 26.9 करोड़ लोग बेहद गरीबी से बाहर

और लोड करें

डॉलर का मायाजाल

दरअसल, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इन दिनों भारत दौरे पर हैं। अमेरिका द्वारा भारत पर रूस विरोधी रवैया अपनाने का दबाव बनाया जा रहा है, किंतु भारत को अपने पक्ष में रखने के लिए रूस हर तरह की शर्ते मानने को तैयार है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि “भारत कुछ भी खरीदना चाहता है तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं।” इसके साथ ही दोनों देश रूसी करेंसी यानी रूबल में व्यापार की योजना बना रहे हैं, जिससे डॉलर पर निर्भरता समाप्त की जा सके। ध्यान देने वाली बात है कि डॉलर एक मायाजाल के समान है और इसे हाल ही में TFI समूह के संस्थापक अतुल मिश्रा ने अपने एक ट्वीट में समझाया है।

उन्होंने अपने ट्वीट थ्रेड में लिखा, “आज के समय में कोई भी देश पैसे (Money) का उपयोग नहीं करता है। वे जो उपयोग करते हैं वह मुद्रा (Currency) है। और मुद्रा एक झूठ है, एक जटिल झूठ है। पैसे का एक आंतरिक मूल्य होता है। मुद्रा एक वादा है और वादे बाजार के जोखिमों के अधीन हैं।” यह पूर्णतः सत्य है, आपने मुद्रा “मैं धारक को अमुक राशि देने का वचन देता हूँ” ऐसा पढ़ा होगा।

World works its ass off so that the US can spend – a thread

No country uses money these days. What they use is currency. And currency is a lie, a complicated lie.

— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) April 1, 2022

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “आइए अपनी घड़ियों को द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक वापस घुमाएँ। दुनिया दो सहस्राब्दियों से ‘स्वर्ण मानक’ का पालन कर रही थी, लेकिन बड़े पैमाने पर युद्ध के खर्च ने यूरोपीय राष्ट्रों की जेब में बड़ा छेद कर दिया था।” स्वर्ण मानक प्रणाली के अंतर्गत एक देश की मुद्रा का मूल्य सोने की निश्चित मात्रा के अनुसार तय होता है। यदि सोने की सबसे छोटी इकाई एक औंस है और उसका मूल्य 1 डॉलर, तो 5 डॉलर का मूल्य 5 औंस हुआ। इस प्रणाली में कोई देश जितनी मुद्रा जारी करता है, उतनी मुद्रा के मूल्य का सोना रिजर्व में रखना होता है। ऐसा करने पर ही मुद्रा से पैसे यानी currency to money में परिवर्तन होता है।

और पढ़ें: रूस-यूक्रेन टकराव से पता चलता है कि सांस्कृतिक पहचान नहीं राष्ट्रीय पहचान ही सर्वोपरि होना चाहिए

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद धनवान के रूप में उभरा अमेरिका

अतुल मिश्रा के ट्वीट के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन में मित्र देशों के प्रतिनिधि एकत्र हुए। सम्मेलन का लक्ष्य: युद्ध के बाद वैश्विक वित्तीय स्थिरता लाना था। इस सम्मेलन के बाद ब्रेटन वुड्स प्रणाली सामने आई, जिसमें डॉलर को अंतरराष्ट्रीय व्यापार का माध्यम बना दिया गया। इस प्रणाली में देशों के बीच गोल्ड एक्सचेंज के स्थान पर डॉलर एक्सचेंज शुरू हुआ और इस डॉलर की कीमत सोने के मूल्य के अनुपात में रखी गई। अमेरिका इस महायुद्ध में शामिल होने वाला एकमात्र ऐसा देश था जिसने उतनी तबाही नहीं देखी जितनी यूरोप ने देखी थी, वह इस युद्ध के बाद धनवान बनकर सामने आया। सभी देशों ने अपनी अपनी मुद्रा को डॉलर से संबद्ध कर दिया और डॉलर को सोने से सम्बद्ध कर दिया गया। तब एक औंस का मूल्य 35 डॉलर था। अमेरिका को अपने द्वारा जारी डॉलर के मूल्य के बराबर सोना रिजर्व रखना पड़ता था।

US was the only country that came out of the war richer and mightier. Many countries owed massive amounts to it and the great American economy’s slowdown was nowhere in sight.

— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) April 1, 2022

उसके बाद अमेरिका ने अपनी शक्ति के मद में कई देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप शुरू किया। अमेरिका वियतनाम युद्ध में कूद पड़ा, उसे उम्मीद थी कि युद्ध जल्द समाप्त होगा लेकिन युद्ध लम्बा खिंच गया। जिससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव दिखने लगे। अमेरिका की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था से फ्रांसीसी घबरा गए और उन्होंने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में मौजूद डॉलर के अनुसार अमेरिका से सोने की मांग की, जिससे कल को डॉलर का मूल्य गिरे तो फ्रांस का पैसा सुरक्षित रहे और इस प्रक्रिया में धीरे-धीरे दूसरे देश भी कूद पड़े।

As the demand for for physical gold increased, the US panicked and on August 15, 1971, President Nixon turned the US Dollar into a Fiat currency which effectively suspended conversion of the US dollar into gold to circumvent the outflow of gold from the country.

— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) April 1, 2022

TFI के संस्थापक ने अपने ट्वीट में आगे बताय है कि जब अमेरिका पर दबाव बढ़ने लगा तो तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन ने 15 अगस्त 1971 को डॉलर को फिएट (FIAT) मुद्रा में बदल दिया। फिएट मुद्रा वह मुद्रा है, जिसका निर्धारण किसी भौतिक वस्तु के अनुसार नहीं होता। जैसे सोने चांदी के बदले में जो मुद्रा जारी नहीं की जाती हो वह फिएट मुद्रा है, इसका मूल्य सरकार के साख पर निर्भर करता है। पहले की प्रणाली में राष्ट्रों पर यह दबाव था कि वह जितनी मुद्रा जारी करेंगे, उतनी मात्रा में सोना रखना होगा। लेकिन फिएट मुद्रा ने इस संतुलन को समाप्त कर दिया। पहले ऐसा होता था कि यदि कोई अर्थव्यवस्था खराब प्रदर्शन करती थी, तो सोने का देश से बहिर्गमन होता था। जब अच्छा प्रदर्शन करती थी तो सोना देश में आता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब मुद्रा का निर्धारण दूसरे देशों की मुद्रा के अनुपात में होता है। डॉलर आज भी लेनदेन का आधार है और डॉलर के मामले में हुए बदलाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालते हैं।

अपनी साख पर डॉलर निकालता है अमेरिका

अगर डॉलर का मूल्य गिरता है, तो दूसरे देशों के सेंट्रल बैंक बाजार में हस्तक्षेप करते हैं कि उनके देश पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। अगर अमेरिका को पैसों की जरूरत होती है, तो वह अपने फेडरल रिजर्व से लोन मांगता है। फेडरल रिजर्व को पैसे की आवश्यकता होती है तो वह डॉलर छापता है। अमेरिका की सरकार को यह डॉलर मिलते हैं तो वह गवर्नमेंट बांड जारी करती है। इनका वास्तविक मूल्य कुछ भी हो लेकिन दूसरे देश इसमें निवेश करते हैं। क्योंकि अमेरिका के बांड खरीदने का अर्थ हुआ उसे ऋण देना, जो दुनिया में निवेश के लिए सम्भवतः सबसे सुरक्षित कार्य है। अमेरिका को अपने बांड के बदले पैसे मिलते हैं, जिनका प्रयोग युद्धों में होता है और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों को प्रभावित करने के लिए चलने वाले NGO आदि को अनुदान दिया जाता है।

अमेरिका अपनी साख पर डॉलर निकालता है, जब आवश्यक हो तब, जितना आवश्यक हो उतना। यह देखने में एक जालसाझी लगती है क्योंकि वास्तव में अमेरिकी डॉलर का मूल्य क्या है, यह कैसे निर्धारित होगा। ऐसे में दुनिया को अब इस पोंजी स्किम से हटना चाहिए और दोबारा गोल्ड स्टैंडर्ड वाली प्रणाली अपनानी चाहिए। दुनिया को पुनः अपने मुद्रा को सोने के अनुसार निर्धारित कर व्यापार अपनी मुद्रा में शुरू करना चाहिए। रूस ने यह निर्णय लिया है और अब दुनिया को भी इस पर आगे बढ़ना चाहिए।

और पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत को बदनाम करने में जुटे हैं मीडिया, विपक्ष और फिल्म स्टार्स

Tags: डॉलरमोदी सरकारस्वर्ण मानक
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘झूठ’ के पर्याय बन चुके शरद पवार ने द कश्मीर फाइल्स पर निकाली अपनी कुंठा!

अगली पोस्ट

भारत ने API प्रोडक्शन क्षेत्र में चीन के एकाधिकार को समाप्त कर दिया है!

संबंधित पोस्ट

कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक
क्राइम

कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

16 September 2025

केरल में जन्माष्टमी कोई साधारण पर्व नहीं है। बालगोपाल और बालगोपालिनी के वेश में हजारों बच्चे हर साल शोभा यात्राओं में भाग लेते हैं। 14...

जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत
इतिहास

जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

16 September 2025

बिहार, जिसे भारतीय इतिहास और संस्कृति का धनी राज्य कहा जाता है, जहां चाणक्य की राजनीति जन्मी, जहां बुद्ध ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और...

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक
चर्चित

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

15 September 2025

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited