TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    India Pakistan Operation Sindoor Story

    ऑपरेशन सिंदूर से सदमे में थे पाकिस्तानी जवान, बोले- ऑफिस छोड़ो, जान बचाओ

    Nishikant Dubey Rahul Gandhi

    निशिकांत दुबे के आगे कांग्रेस का सरेंडर! राहुल गांधी से किया 1991 पर सवाल तो मिला गोलमोल जवाब

    Jammu and Kashmir Tourism

    सन्नाटे में श्रीनगर: पहलगाम हमले ने किया बर्बाद; एक महीने बाद क्या हैं जम्मू-कश्मीर के हाल?

    Rise of Naxalism

    नक्सलवाद पार्ट-1: जर्मनी से नक्सलबाड़ी तक लाल आतंक का सफर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    अमेरिका पर भारत लगाएगा रेसिप्रोकाल टैरिफ

    टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जिस PL-15E मिसाइल को किया तबाह, उसका मलबा क्यों मांग रहे हैं 7 बड़े देश?

    भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जिस PL-15E मिसाइल को किया तबाह, उसका मलबा क्यों मांग रहे हैं 7 बड़े देश?

    ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम (AI द्वारा बनाया गया चित्र)

    अंतरिक्ष से होने वाले हमले भी होंगे नाकाम, जानें कैसे काम करता है अमेरिकी ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम?

    Operation Sindoor General Bipin Rawat

    2.5 से 3:0 हुआ ‘एंटी इंडिया’ मोर्चा! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सच हो रही जनरल बिपिन रावत की बात

    राहुल गांधी के ‘भारत ने कितने एयरक्राफ्ट गंवाए’ पूछने पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

    राहुल गांधी के ‘भारत ने कितने एयरक्राफ्ट गंवाए’ पूछने पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Japan Quiet Quitting

    जापान में नौकरी से पीछा छुड़ा रहे हैं युवा, क्या होती है क्वाइट क्विटिंग?

    ओवरसीज़ कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने इस मामले पर बयान जारी किया है

    तुर्की में कांग्रेस के ‘दफ्तर’ की पूरी कहानी क्या है?

    जर्मनी में हफ्ते का तीसरा 'Knife Attack'

    दहशत में जर्मनी : हफ्ते का तीसरा ‘Knife Attack’, रेलवे स्टेशन पर सनकी महिला ने 17 लोगों को बनाया निशाना

    2018 में इमरान खान को सलामी देते ले.जे. असीम मुनीर (Photo- U News)

    ‘पाकिस्तान में जंगलराज’: इमरान खान क्यों कर रहे हैं असीम मुनीर के फील्ड मार्शल बनने का विरोध?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

    भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    India Pakistan Operation Sindoor Story

    ऑपरेशन सिंदूर से सदमे में थे पाकिस्तानी जवान, बोले- ऑफिस छोड़ो, जान बचाओ

    Nishikant Dubey Rahul Gandhi

    निशिकांत दुबे के आगे कांग्रेस का सरेंडर! राहुल गांधी से किया 1991 पर सवाल तो मिला गोलमोल जवाब

    Jammu and Kashmir Tourism

    सन्नाटे में श्रीनगर: पहलगाम हमले ने किया बर्बाद; एक महीने बाद क्या हैं जम्मू-कश्मीर के हाल?

    Rise of Naxalism

    नक्सलवाद पार्ट-1: जर्मनी से नक्सलबाड़ी तक लाल आतंक का सफर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    अमेरिका पर भारत लगाएगा रेसिप्रोकाल टैरिफ

    टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जिस PL-15E मिसाइल को किया तबाह, उसका मलबा क्यों मांग रहे हैं 7 बड़े देश?

    भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जिस PL-15E मिसाइल को किया तबाह, उसका मलबा क्यों मांग रहे हैं 7 बड़े देश?

    ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम (AI द्वारा बनाया गया चित्र)

    अंतरिक्ष से होने वाले हमले भी होंगे नाकाम, जानें कैसे काम करता है अमेरिकी ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम?

    Operation Sindoor General Bipin Rawat

    2.5 से 3:0 हुआ ‘एंटी इंडिया’ मोर्चा! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सच हो रही जनरल बिपिन रावत की बात

    राहुल गांधी के ‘भारत ने कितने एयरक्राफ्ट गंवाए’ पूछने पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

    राहुल गांधी के ‘भारत ने कितने एयरक्राफ्ट गंवाए’ पूछने पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Japan Quiet Quitting

    जापान में नौकरी से पीछा छुड़ा रहे हैं युवा, क्या होती है क्वाइट क्विटिंग?

    ओवरसीज़ कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने इस मामले पर बयान जारी किया है

    तुर्की में कांग्रेस के ‘दफ्तर’ की पूरी कहानी क्या है?

    जर्मनी में हफ्ते का तीसरा 'Knife Attack'

    दहशत में जर्मनी : हफ्ते का तीसरा ‘Knife Attack’, रेलवे स्टेशन पर सनकी महिला ने 17 लोगों को बनाया निशाना

    2018 में इमरान खान को सलामी देते ले.जे. असीम मुनीर (Photo- U News)

    ‘पाकिस्तान में जंगलराज’: इमरान खान क्यों कर रहे हैं असीम मुनीर के फील्ड मार्शल बनने का विरोध?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

    भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

Modi@8: अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह 8 कार्य तुरंत कर देने चाहिए

सरकारी नियंत्रण से मंदिरों की मुक्ति, समान नागरिक संहिता समेत इन 8 कार्यों पर निर्णय करने का वक्त आ गया है!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
29 May 2022
in मत
Modi@8: अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह 8 कार्य तुरंत कर देने चाहिए

Source: TFI

Share on FacebookShare on X

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने एक सुधारक के रूप में अपनी साख स्थापित की है और एक प्रधानमंत्री के रूप में उत्कृष्ट साबित हुए हैं। उनके सत्ता में आने के साथ भारत धीरे-धीरे नेहरूवाद के समाजवादी युग में डूबे औपनिवेशिक ‘हैंगओवर’ की बेड़ियों को तोड़ रहा है।

‘अच्छे दिन’ का उनका वादा और एक नए भारत के लिए उनका सपना भारत के एक युवा राष्ट्र के रूप में उनके विचार पर निर्भर करता है जो एक सहस्राब्दी पुरानी सभ्यता के रूप में विकसित हो रहा है। इसके बाद भी कुछ कार्य शेष हैं जो भारत को एक समग्र, सशक्त और धर्म राष्ट्र के रूप स्थापित करेंगे. आइए, जानते हैं कि कौन-से वो 8 कार्य हैं जो पीएम मोदी को तुरंत कर देने चाहिए।

संबंधितपोस्ट

तुर्की में कांग्रेस के ‘दफ्तर’ की पूरी कहानी क्या है?

पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की अहम बैठक आज, विकसित राज्य के दृष्टिकोण पर मुख्यमंत्रियों के साथ करेंगे चर्चा

बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं की मांग, स्कूलों में पढ़ाई जाए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गाथा

और लोड करें

1.पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का निरसन

पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम संसद द्वारा किसी भी पूजा स्थल के रूपांतरण पर रोक लगाने और किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बनाए रखने के उद्देश्य से पारित किया गया था. इसका आरम्भ 15 अगस्त, 1947 को माना गया। उपासना स्थल अधिनियम राम जन्मभूमि मामले को छोड़कर अन्य सभी धार्मिक स्थलों पर लागू है।

और पढ़ें: Modi@8: मोदी सरकार के कार्यकाल में विदेश मंत्रालय की उपलब्धियां

आज, पूजा स्थल अधिनियम हिंदुओं के अधिकारों का उल्लंघन करता है, जो अयोध्या के बाद काशी और मथुरा सहित अपने पवित्र मंदिरों के सही स्वामित्व की मांग कर रहे हैं। विवादित ज्ञानवापी संरचना के सर्वेक्षण के बाद यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि वर्तमान समय की मस्जिद विश्वेश्वर के पूर्ववर्ती मंदिर पर टिकी हुई है।

हिंदू मंदिर के अवशेष इस बात के सबूत भी हैं। किन्तु, फिर भी हिन्दू अपने आराध्यों के मंदिरों को सौंपने की मांग नहीं कर सकते क्योंकि इसमें उपासना स्थल अधिनियम सबसे बड़ी बाधा है. सरकार को इसे शीघ्रताशीघ्र निरस्त कर देना चाहिए.

2.नई शिक्षा नीति को लागू करना, इतिहास की किताबों में बदलाव

भारत में शैक्षिक प्रणाली आज भी औपनिवेशिक पूर्वाग्रहों की दासी है जिन्होंने भारत की एक राष्ट्र के रूप में यात्रा का पूरी तरह से भ्रामक दस्तावेजीकरण किया है। भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक अनुभवात्मक, समग्र, भूमि के मूल मूल्यों के साथ एकीकृत, पूछताछ-संचालित, शिक्षार्थी-केंद्रित, संचारी, लचीला और आनंददायक बनाने के लिए विकसित होना चाहिए।

उदाहरण के लिए भारत में इतिहास पाठ्यक्रम अक्सर आक्रमणकारियों का महिमामंडन करता है और पाठ्यक्रम में भारतीय राजवंशों की भूमिका को नीचा दिखाता है। बौद्धिक क्षेत्र में इसके लिए पहले भी आवाज़ उठ चुकी है और इतिहासकारों ने बार-बार एक समग्र और संगठित भारत की कल्पना को मूर्त रूप देकर वामपंथ के आधिपत्य को उखाड़ फेंकने की मांग की है।

और पढ़ें: नरेंद्र मोदी का भारत सपनों का वो देश है जिसकी आपने बचपन में कल्पना की थी

किन्तु, कोविड -19 महामारी एनईपी के कार्यान्वयन ना होने का एक मुख्य कारण था। नरेंद्र मोदी सरकार के सामने प्रमुख नीतिगत मांगों में से एक भारतीय पाठ्यपुस्तकों को सत्यपरक और तथ्यपरक करने तथा उन्हें भारत की संस्कृति के संदर्भ में एक सतत सभ्यता के दर्पण की तरह बनाने की मांग थी, जिसमें इस्लामी बर्बरता की सत्यता को बताया जाना चाहिए।

हिंदू सभ्यता और भारत की सभ्यता का नेतृत्व करने वाले राजाओं और नेताओ को भी स्थान मिलना चाहिए। महामारी के कारण इस पुनीत कार्य में देरी हो गई लेकिन अब और विलम्ब नहीं होना चाहिए

3.धर्मान्तरण

धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग कई स्तरों पर उठाई गई है, साथ ही संसद और अन्य सदनों में राष्ट्रीय धर्मांतरण विरोधी कानून के संबंध में राजनीतिक बयान भी दिए जा रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद् ने भी राष्ट्रीय स्तर पर धर्मान्तरण विरोधी कानून बनाने की मांग की है. यूएस लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस (एलओसी) के शोध पत्र के अनुसार, धार्मिक रूपांतरणों को प्रतिबंधित करने वाले कानून मूल रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान हिंदू शाही परिवारों की अध्यक्षता वाली रियासतों द्वारा पेश किए गए थे – खासकर 1930 और 1940 के उत्तरार्ध के दौरान।

इन राज्यों ने “ब्रिटिश मिशनरियों के सामने हिंदू धार्मिक पहचान को संरक्षित करने के प्रयास में” कानून बनाए। एलओसी शोध पत्र इंगित करता है कि कोटा, बीकानेर, जोधपुर, रायगढ़, पटना, सरगुजा, उदयपुर और कालाहांडी सहित एक दर्जन से अधिक रियासतें थीं, जिनके पास ऐसे कानून थे।

और पढ़ें: आखिरकार भारत के पास नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसा नेता है जो निडरता से कटु सत्य का प्रचार करता है

भारत की आजादी के बाद, संसद ने कई धर्मांतरण विरोधी बिल पेश किए, लेकिन कोई भी अधिनियमित नहीं किया गया। सबसे पहले, भारतीय धर्मान्तरण (विनियमन और पंजीकरण) विधेयक 1954 में पेश किया गया था, जिसमें “मिशनरियों के लाइसेंस और सरकारी अधिकारियों के साथ रूपांतरण के पंजीकरण” को लागू करने की मांग की गई थी। यह विधेयक लोकसभा में बहुमत का समर्थन हासिल करने में विफल रहा।

इसके बाद 1960 में पिछड़ा समुदाय (धार्मिक संरक्षण) विधेयक पेश किया गया, जिसका उद्देश्य हिंदुओं को ‘गैर-भारतीय धर्मों’ में बदलने की जाँच करना था।

धर्म की स्वतंत्रता विधेयक 1979 में संसद में पेश किया गया था। इसमें “अंतर-धार्मिक रूपांतरण पर आधिकारिक प्रतिबंध” की मांग की गई थी। इन विधेयकों को राजनीतिक समर्थन की कमी के कारण संसद द्वारा भी पारित नहीं किया गया था।

2015 में केंद्रीय कानून मंत्रालय ने राय दी थी कि जबरन और धोखाधड़ी से धर्मांतरण के खिलाफ एक कानून राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि कानून-व्यवस्था संविधान के तहत राज्य का विषय है। हालांकि, राज्य सरकारें ऐसे कानून बना सकती हैं।

और पढ़ें: नरेंद्र मोदी के 20 साल बेमिसाल

ओडिशा और मध्य प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर सबसे पुराने कानून हैं जो जबरन धर्म परिवर्तन के लिए एक वर्ष (सबसे कम) कारावास का समय निर्धारित करते हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जबरन धर्म परिवर्तन के लिए पांच साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। बाकी, नाबालिग या महिला के मामले में सभी राज्यों में सजा अधिक है।

4. सीएए और राष्ट्रव्यापी एनआरसी लागू हो

दिसंबर 2019 में संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित हुआ जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को फास्ट ट्रैक आधार पर भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देता है। अधिनियम के तहत, हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत भाग गए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

संसदीय कार्य नियमावली के अनुसार, संसद में लाए गए किसी भी कानून के ‘नियम’ राष्ट्रपति की मंजूरी के छह महीने के भीतर तैयार कर लिए जाने चाहिए। महामारी के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्रालय सीएए के लागू होने के छह महीने के भीतर नियम बनाने की स्थिति में नहीं था। पर, अब है फिर भी इसके लिए जून 2020 से ही संसदीय समिति चार बार समय मांग चुका है।

सीएए के साथ-साथ देश से अवैध अप्रवासियों, खासकर बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने के लिए भी कदम उठाना जरूरी है। जैसा कि पहले भी कई बार विस्तार से बताया गया है, दोनों वर्ग राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा हैं।

हमने ऐसे कई अपराध देखे हैं जिनमें इन अवैध अप्रवासियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया था। वास्तव में, हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के दौरान, उमर खालिद ने विशेष रूप से इस अधिनियम के खिलाफ बांग्लादेशी मुसलमानों को लामबंद करने का आह्वान किया था, जिससे पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। अब समय आ गया है सरकार इसे जल्द से जल्द लागू कर भारत विरोधियों को देश से बाहर निकाल फेंके।

और पढ़ें: अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमला – वो क्षण जिसने पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व की नींव स्थापित की

5.सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो मंदिर

देश की आजादी के बाद से सरकार ने कानूनों के एक नेटवर्क के माध्यम से हिंदू पूजा स्थलों को नियंत्रित और प्रशासित किया है। अकेले कर्नाटक राज्य में पांच अलग-अलग कानून हैं जो हिंदू मंदिरों के सरकारी नियंत्रण को संस्थागत बनाते हैं, जबकि अन्य धर्मों के पूजा स्थलों की बात करें तो ऐसा बिलकुल नहीं है। तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग छत्तीस हजार से अधिक मंदिरों, 56 मठों, 1,721 विशिष्ट बंदोबस्ती और 189 से अधिक धार्मिक ट्रस्टों को नियंत्रित करता है।

जब राज्य सरकारें सिर्फ हिंदू मंदिरो पर बलात नियंत्रण स्थापित कर दूसरे धर्म को अपवाद की श्रेणी में डाल देती हैं तो धर्मनिरपेक्ष राज्य का बहुप्रतीक्षित वादा व्यर्थ हो जाता है। बहुसंख्यक धर्म के व्यक्तिगत मामलों में राज्य हस्तक्षेप करने के साथ ही भारतीय शैली की धर्मनिरपेक्षता खुद को एकतरफा और विरोधाभासी सिद्ध कर देती है। इसके अलावा यह इस धारणा के साथ-साथ एक संरक्षणवादी मानसिकता को दर्शाता है कि हिंदू अपनी धार्मिक संस्थाएं चलाने के लिए अयोग्य हैं।

मंदिरों को स्वतंत्रता देने से वे अपने अधीन अस्पताल, स्कूल, अनाथालय और वृद्धाश्रम जैसी संस्थाएं भी बना सकेंगे। भाजपा शासित राज्यों जैसे उत्तराखंड और कर्नाटक ने इस दिशा में प्रारंभिक कदम उठाए हैं, किन्तु, अभी भी इस मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी परिवर्तन की आवश्यकता है। मंदिरों की परंपरा के प्रति समझ हेतु निष्ठा के साथ मंदिरों के सरकारी नियंत्रण को सीमित करने के लिए एक प्रासंगिक, अनुष्ठान-विशिष्ट, राज्य-अनुमोदित कानून लाने की आवश्यकता है।

6.आंतरिक सुरक्षा में चुनौतियां और राष्ट्र विरोधी ताकतों पर अंकुश लगाना

भारतीय राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से नागरिक स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार और दूसरी तरफ अराजकता के बीच संतुलन साधना है। हाल के वर्षों में हुए विरोध प्रदर्शनों ने दंगों को तेजी से फैलते हुए देखा है – चाहे वह हिंदू विरोधी दिल्ली दंगे हों, जो 2020 में सीएए/एनआरसी पर निर्मित असंतोष से भड़के थे या फिर गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा हो, जिसे 2021 में कृषि कानून के आंदोलन ने हवा दी थी।

विरोध के नाम पर सार्वजनिक संपत्तियों और मार्ग के अधिकारों को बंधक बना दिया जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप को भी दरकिनार कर दिया जाता है। शाहीन बाग से लेकर सिंघु बॉर्डर तक अव्यवस्था थी। कार्यकर्ताओं ने राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर कृषि कानूनों के खिलाफ हिंसक आंदोलन तो सभी को याद होगा ही।

इस संबंध में अभी भी विरोध के नाम पर अराजक गतिविधियों में लिप्त संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों की सरकार द्वारा पहचान की जानी है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन राष्ट्रविरोधी संस्थाओं को भारत में काम करने के लिए एफसीआरए लाइसेंस या वीजा न मिले।

और पढ़ें: कुछ इस तरह नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने बदली भारतीय राजनीति की तस्वीर

7.न्यायिक सुधार

वर्षों से भारत में न्यायिक सुधारों की आवश्यकता बढ़ रही है। अदालतों के समक्ष लंबित मामले, अदालतों के बीच बातचीत की कमी, न्यायिक अतिरेक और लगातार मुख्य न्यायाधीशों के सलाहकार चयन भारतीय न्यायपालिका के समक्ष कठिन मुद्दे रहे हैं जो एक प्रतिबंधात्मक ढांचे के तहत काम करना जारी रखता है।

भारत में न्याय प्रणाली को एक आधुनिक समय की संस्था के रूप में विकसित होना है जो समय पर न्याय प्रदान करे। साथ ही, नियुक्तियों, न्यायाधीशों को दिए गए अधिकारों और निर्णयों के समय पर वितरण के मामले में न्यायिक प्रक्रियाओं का लोकतंत्रीकरण एक मुद्दा अभी भी जस का तस बना हुआ है।

भारत को इस प्रक्रिया में समर्पित धन आवंटित करके न्यायपालिका के आधुनिकीकरण का मार्ग प्रशस्त करने की आवश्यकता है। न्यायिक संरचना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के साथ बुनियादी ढांचे के अंतर को समतल करने की आवश्यकता है, जिसके तहत सरकार ने पिछले आठ वर्षों में 5,266 करोड़ रुपये जारी किए हैं। धन के कम उपयोग और न्यायिक बुनियादी ढांचे की खराब योजना के मुद्दे को भी संबोधित करने की जरूरत है।

वर्तमान में, भारतीय उच्च न्यायालयों में 5.8 मिलियन लंबित मामलों की सूची है और चुनौतीपूर्ण मामलों का बैकलॉग भारत में किसी भी सार्वजनिक संस्थान के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसका कारण नए मामलों में अत्यधिक वृद्धि है, जो भारतीय संविधान में न्यायपालिका को दिए गए व्यापक अधिकार क्षेत्र का परिणाम है।

केंद्रीय कानून मंत्रालय को अदालतों के साथ मिलकर सिविल और आपराधिक प्रक्रिया संहिताओं पर फिर से काम करना चाहिए जो त्वरित मामलों के निपटारे में बाधा डालती हैं। साथ ही देश में दैनिक जीवन की घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेने के लिए अदालत को दिए गए अत्यधिक अधिकार क्षेत्र को प्रतिबंधित करने के लिए एक मामला बनाया जाना चाहिए।

और पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसाराम के पतन को कैसे सुनिश्चित किया

8.गौ हत्या पर प्रतिबन्ध

लगभग 70 साल पहले, संविधान सभा ने गौहत्या पर प्रतिबंध के सन्दर्भ में 24 नवंबर, 1948 को एक जीवंत बहस देखी। इसको लेकर अलग-अलग राय थी चाहे वह मौलिक अधिकारों का हिस्सा बनाने को लेकर हो या राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में शामिल करने को लेकर। बहुत समझाने के बाद बहुमत ने इसे निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा बनाने पर सहमति व्यक्त की।

गाय को हिंदुओं द्वारा पवित्र माना जाता है। मवेशियों का वध एक संवेदनशील राजनीतिक विषय है, जिसने 2014 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से बहुत ध्यान आकर्षित किया है। सत्ता हासिल करने के बाद, वर्तमान सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं, जो व्यक्तियों को पशु वध के लिए आपराधिक रूप से उत्तरदायी मानते हैं। यह केवल गायों तक ही सीमित है, लेकिन इसमें सभी प्रकार के मवेशी जैसे भैंस, बैल, बछिया, बछड़ा और ऊंट भी शामिल हैं।

न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जानवरों का भी सम्मान होता है जिसे मनमाने ढंग से वंचित नहीं किया जा सकता है और इसके अधिकारों और गोपनीयता का सम्मान किया जाना चाहिए और गैर-कानूनी हमलों से संरक्षित किया जाना चाहिए। इसमें आगे कहा गया है कि अदालत का कर्तव्य है कि वह जानवरों के अधिकारों का ख्याल रखे क्योंकि वे इंसानों के खिलाफ खुद की देखभाल करने में असमर्थ हैं।

भारत के संविधान का अनुच्छेद 48ए कहता है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार के लिए कानून बनाए और देश के वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रावधान करे। संविधान, अनुच्छेद 51ए(जी) के तहत भारत के प्रत्येक नागरिक पर प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और जीवित प्राणियों के लिए करुणा रखने का मौलिक कर्तव्य रखता है।

इनके अलावा और भी बहुत सारी चीजें हैं जो भाजपा के कोर सिद्धांत में शामिल हैं- जैसे गंगा, गीता, पूर्वोत्तर और समान नागरिक संहिता आदि लेकिन भाजपा को पहले अपने पुराने बैकलॉग को साफ़ करना होगा अन्यथा ये सारी चीज़े आनेवाले समय में देश के लिए नासूर बन जायेंगे।

और पढ़ें: देशद्रोह की धारा 124 A हटाएगी मोदी सरकार, ‘फ़ासीवाद अब और बढ़ जाएगा’, केस स्टडी

Tags: BJPModi 8 YearsNarendra Modiनरेंद्र मोदीबीजेपी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अब्दुल करीम तेलगी हर्षद मेहता जितने बड़े नाम नहीं थे, परंतु इनका ‘स्कैम 2003’ कोई कम भयानक नहीं था

अगली पोस्ट

रज़ा अकादमी एक ट्यूमर है जिसे कैंसर में बदलने से पहले इलाज की आवश्यकता है

संबंधित पोस्ट

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा
मत

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा

14 May 2025

जैसे-जैसे खाड़ी देश आधुनिक बन रहे हैं और पाकिस्तान को पैसा देना बंद कर रहे हैं, इस्लामाबाद उन्हें “सच्चे इस्लाम” से भटकता हुआ मानता है।...

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है
मत

ऑपरेशन सिंदूर: झूठे नैरेटिव के शोर में सेना के पराक्रम की गूंज न दबने दें

14 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच सैनिक संघर्ष रुकने पर हम देश की प्रतिक्रिया देखें तो बड़ा वर्ग, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार और भाजपा के समर्थक...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की
चर्चित

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की

9 May 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी देश पाकिस्तान द्वारा भेजे गए रेडिकल इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा स्थानीय आतंकियों की मदद से हिन्दू पर्यटकों की पहचान पूछकर हत्या...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited