वामपंथी मीडिया हाउस ‘द क्विंट’ भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए मशहूर है. ‘द क्विंट’ अक्सर ही अंबानी और अडानी के विरुद्ध एजेंडा चलाता दिखता था. अक्सर ही अडानी पर सवाल खड़े करता दिखता था. अक्सर ही पीएम मोदी की तथ्यहीन आलोचना करने के लिए अडानी का सहारा लेता था. मीडिया हाउस की स्थापना से लेकर अभी तक देखा जाए तो उसने नियमित तौर पर अडानी के विरुद्ध नफरत फैलाने का काम किया है. नियमित तौर पर अडानी को कोसा है. अब अडानी ने ‘द क्विंट’ को खरीद लिया है.
अडानी ने खरीदी ‘द क्विंट’
अडानी समूह ने क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Quintillion Business Media Pvt Ltd) में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. 13 मई को अडानी ग्रुप ने शेयरहोल्डर समझौते को सार्वजनिक किया है.
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ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि जो क्विंट दिन-रात पानी पी-पीकर अडानी को कोसता था. अब वो क्या करेगा ? यह वही क्विंट है जो हर स्तर पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने में सबसे आगे रहता था. चाहे एक काल्पनिक टास्क फोर्स के जरिए सरकार को निशाने पर लेना हो। कुलभूषण जाधव के मामले में खुलेआम आईसीजे में भारत की भद्द पिटवाना हो या फिर लांस नायक रॉय मैथ्यू को आत्महत्या के लिए विवश करना हो। देश ने कई बार देखा है कि ‘द क्विंट’ ने सरेआम देश के विरुद्ध एजेंडा चलाया है.
अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद जब अमेरिका में हिंसा हुई तब भी ‘द क्विंट’ ने भारत विरोधी एजेंडा चलाया. उस दौरान द क्विंट ने अपने सब्सक्राइबर्स को किए ई-मेल में कहा था कि जो अमेरिका में हो रहा है, उसी तर्ज पर भारत में भी होना चाहिए।
‘द क्विंट’ के अंग्रेजी और हिंदी के पोर्टल का मालिकाना हक क्विंट डिजिटल मीडिया के पास है. नवंबर, 2021 में क्विंट डिजिटल ने क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया था.
बिजनेस टाइकून की एंट्री
1 मार्च, 2022 को अडानी ग्रुप ने ऐलान किया था कि वो क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में छोटी हिस्सेदारी खरीदेगा. राघव बहल और रितु कपूर ने 2015 में नेटवर्क 18 से बाहर निकलने के बाद ‘द क्विंट’ की स्थापना की थी. रोचक बात यह भी है कि राघव बहल ने भारत के दो बड़े बिजनेस टाइकून की मीडिया सेक्टर में एंट्री करवाई.
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जब राघव बहल नेटवर्क 18 के डायरेक्टर थे उस वक्त मुकेश अंबानी की रिलायंस ने नेटवर्क 18 का अधिग्रहण कर लिया था और दूसरे सबसे बड़े बिजनेस टाइकून अडानी की भी मीडिया सेक्टर में एंट्री राघव बहल ने ही करवाई है.
यूज़र ने लिए मजे
‘द क्विंट’ में 49 फीसदी हिस्सेदारी अडानी ग्रुप ने खरीद ली है. ऐसे में अब एक बात तो साफ है कि द क्विंट का वामपंथी एजेंडा अब अगर आपको थोड़ा कम दिखे तो चौंकिए मत. सोशल मीडिया पर लोग ‘द क्विंट’ के मजे भी ले रहे हैं.
यूज़र अमित मनोहर ने लिखा कि ‘लुटियन मीडिया के लिए एक और बरनोल मोमेंट’
Another burnol moment for #LutyensMedia #Presstitutes #GautamAdani owned #AdaniGroup acquired 49% stake in #QuintillionMedia owner of #Quint pic.twitter.com/MU9HrHhyCO
— DR. AMIT MANOHAR (@dramitmanohar) May 16, 2022
इंद्रा यादव नाम के एक यूज़र ने लिखा, ‘इसका मतलब अब कोई बकवास ख़बर नहीं दिखेगी.’
https://twitter.com/Indrakanth_27/status/1525902496345927681
विकास पांडेय नाम के एक यूज़रने लिखा, ‘वामपंथी झोलाछाप कठिन मेहनत के बाद प्लेटफॉर्म खड़ा करते हैं और दक्षिणपंथी अमीर आदमी उन्हें ख़रीद लेता है.’
Leftist jholachaps make a platform after so much hard work and Right wing rich guys buy them. 🤣 #ElonMusk #Quint https://t.co/oWKjZ3xSbH
— Vikas Pandey (Sankrityayan) Modi ji’s Family (@MODIfiedVikas) May 15, 2022
श्रीकांत कोते नाम के यूज़र ने लिखा, ‘द क्विंट ने तो पहले ही अपना आप को वामपंथियों के हाथों बेच दिया था, अब अडानी ने वामपंथियों से उसका अधिग्रहण किया है.
https://twitter.com/kshrikanth88/status/1525802424002179072
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