आप सभी ने सुना तो होगा ही कि लोग कहते हैं की मुफ्त का माल सभी को बहुत पसंद आता है और जब इसकी आदत लगने के बाद कोई इसे छीन ले तो गुस्सा भी बहुत आता है. शायद ऐसा ही कुछ हाल कश्मीर का है जो कि स्वतंत्रता के बाद से आज तक बिजली की मुफ्तखोरी में पड़ा हुआ था लेकिन घाटी के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उनकी मुफ्तखोरी पर रोक लगाने की ठान ली है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को घोषणा की कि अब कश्मीर के लोगों को मुफ्त में बिजली नहीं दी जाएगी. जो पैसे देगा उसे ही बिजली मिलेगी. गौरतलब है कि स्वतंत्रता के बाद से कश्मीर ने एक भी बार अपना बिजली बिल नहीं भरा. 20% बिजली की खपत करने वाला जम्मू ही कश्मीर का 65% बिजली का बिल भरा करता था. जहाँ केजरीवाल की सरकार भी 200 यूनिट के ऊपर का बिजली बिल लेती है वहीं कश्मीर को आज किसी ने बिजली बिल के बारे में पूछा ही नहीं है.
और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में ‘विकास की दिशा’ बदलने को तैयार है मोदी सरकार
जम्मू-कश्मीर में बिजली अब मुफ्त नहीं होगी
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के उद्घाटन के बाद एचएमटी श्रीनगर में एक समारोह में अपनी घोषणा में उपराज्यपाल ने कहा, “केंद्र हमें मुफ्त बिजली नहीं देता है। पिछली सरकारों ने भी भारी बिजली क़र्ज़ छोड़ा है इसलिए बिजली अब मुफ्त नहीं होगी। हमने वितरण प्रणाली में सुधार किया है और हम लोगों को बेहतर बिजली मुहैया कराएंगे। कश्मीर के नागरिक अब पानी और बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और बिलों का भुगतान भी ऑनलाइन होगा। लोग केवल तभी शिकायत कर सकते हैं जब बिजली की अनिर्धारित कटौती हो अन्यथा किसी भी शिकायत पर विचार नहीं किया जाएगा।”
खबरों के मुताबिक, सिन्हा ने बिजली कर्ज के ढेर को छोड़ने के लिए पिछली सरकारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों ने 11000 करोड़ रुपये का भारी बिजली कर्ज छोड़ दिया है, राज्य प्रशासन अब बिजली चोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। बिजली चोरी एक आपराधिक कृत्य है और बिजली चोरों से निपटने में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।
और पढ़ें: जम्मू कश्मीर में ‘कट्टरपंथी इस्लाम’ सिखाने वाले स्कूलों को किया गया बंद
यह विचार करने वाली बात है कि आज तक जम्मू-कश्मीर को बिजली के अलावा और क्या-क्या मुफ्त मिलता रहा है जिसकी कीमत दूसरों को चुकानी पड़ रही है. हालाँकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का यह नया कदम बहुत ही सरहनीय योग्य है और कश्मीर को जिस स्मार्ट सिटी के मॉडल पर वह चलाना चाहते हैं उसकी ओर एक और दमदार कदम है.
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।