अमेरिकी सौंदर्य प्रसाधन कंपनी रेवलॉन को जल्द ही भारत के अरबपति मुकेश अंबानी ख़रीद सकते हैं। इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज अमेरिकी कंपनी रेवलॉन इंक का अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। इस ख़बर के मीडिया में आने के बाद से दिवालिया होने जा रही कंपनी रेवलॉन के शेयरों में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है।
यह बढ़ोतरी तब हुई जब अमेरिकी शेयर बाजार की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। अमेरिकी शेयर बाजार में कोहराम मचा है। इसके बाद भी रेवलॉन के शेयरों ने अपने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। रेवलॉन के शेयर पिछले तीन-चार दिनों से तेजी से दौड़ रहे हैं। ऐसे में शेयर का रिटर्न देखकर रेवलॉन के निवेशक भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी का धन्यवाद कर रहे हैं।
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कर्ज में डूबी रेवलॉन
अमेरिका की दिग्गज कॉस्मेटिक कंपनी रेवलॉन ने बैंकरप्सी के लिए आवेदन कर दिया है। करीब 90 वर्ष पुरानी यह कंपनी अपना कर्ज नहीं चुका पा रही है, इसके साथ ही सप्लाई चेन की समस्या से भी जूझ रही है। रेवलॉन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेबरा पेरेलमैन ने तिमाही परिणामों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक में बताया था कि कंपनी के उत्पादों की मांग मजबूत थी, लेकिन आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के कारण इस मांग को पूरा करने में हम असमर्थ रहे। ऊपर से मुद्रास्फीति मार्जिन में सेंध लगा रही थी। रेवलॉन के पास 3 अरब डॉलर से अधिक का दीर्घकालिक ऋण है। पिछले साल इसका वार्षिक ब्याज व्यय लगभग 248 मिलियन डॉलर था। इससे कंपनी का उबरना मुश्किल हो गया था, ऐसे में कंपनी को बैंकरप्सी के लिए आवेदन देने पर मजबूर होना पड़ा।
रिलायंस का दांव
इसके बाद ही ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं कि भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलांयस रेवलॉन को खरीद सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस ब्यूटी और पर्सनल केयर सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। कंपनी अपनी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए रेवलॉन को बड़ा कदम बना सकती है। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में भारत में कॉस्मेटिक का बाजार बहुत बड़ा हुआ है।
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ब्यूटी और फैशन रिटेलर नायका (Nykaa) की सफलता ने देश के बड़े औद्योगिक घराने का ध्यान भी इस तरफ खींचा है। 23 वर्ष पहले कॉस्मेटिक को अलविदा बोलने वाला टाटा ग्रुप भी दोबारा से इस क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में रिलांयस पिछड़ने नहीं चाहता, और मुकेश अंबानी तेजी से बड़े रहे कॉस्मेटिक उद्योग में भी अपनी झंडा गाड़ देना चाहते हैं।
रेवलॉन के बारे में
रेवलॉन का मालिक हक Ron Perelman की कंपनी MacAndrews & Forbes के पास है। रेवलॉन के पास 15 से ज्यादा ब्रैंड हैं। करीब 150 देशों में कंपनी अपने उत्पादों की बिक्री करती है। कंपनी की शुरुआत नेल पॉलिश बनाने से हुई थी, उसके बाद से कंपनी आगे बढ़ती गई। कंपनी ने अपनी प्रतिष्ठा लिपिस्टिक बनाकर अर्जित की।
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