TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मानवता के मार्गदर्शक हैं भारत के महान 7 संत, जिन्हें कहा जाता है सप्तर्षि

आज हम आपको सनातन धर्म में उल्लेखित सप्तर्षियों की कथा बताते है !

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
19 June 2022
in संस्कृति
saptrishi

Source- GOOGLE

Share on FacebookShare on X

सप्तर्षि वैदिक धर्म के सात महान ऋषि हैं। उन्होंने अपनी योग शक्ति और तपस्या के कारण एक अर्ध-अमर स्थिति प्राप्त की है। इन सात पवित्र संतों को मानव जाति का मार्गदर्शन करने के लिए चार महान युगों में उपस्थित रहने के लिए नियुक्त किया गया था. इन सप्त ऋषियों ने पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए भगवान शिव के मार्गदर्शन में काम किया है। सप्तर्षि भगवान ब्रह्मा के सात मानस पुत्र हैं, जो एक मन्वंतर (306,720,000 पृथ्वी वर्ष) तक पृथ्वी पर जीवित रहते हुए शिव के आज्ञानुसार मानव जाति का मार्गदर्शन करेंगे। वे इस अवधि के दौरान ब्रह्मा के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं, और जब मन्वंतर के अंत में, ब्रह्मांड नष्ट हो जाता है तब सप्तर्षि भगवान में विलीन हो जाते हैं. उसके बाद पृथ्वी के मार्गदर्शन का कार्यभार नव नियुक्त सप्तर्षि को दिया जाता है.

सभी सप्तर्षि ब्रह्मर्षि हैं अर्थात उन्होंने ब्रह्म का अर्थ पूरी तरह से समझ लिया है। आमतौर पर, केवल योग्यता के माध्यम से कोई ब्रह्मर्षि के स्तर तक नहीं बढ़ सकता क्योंकि यह आदेश दैवीय रूप से बनाया गया था जिसमें श्रद्धा, भक्ति और समर्पण जैसे तत्त्व भी मौजूद होने चाहिए. इन्हें भगवान ब्रह्मा द्वारा नियुक्त किया जाता है। हालाँकि, विश्वामित्र अकेले अपनी योग्यता के कारण ब्रह्मर्षि के पद तक पहुँचे। उन्होंने हजारों वर्षों तक ध्यान और तपस्या की, और परिणामस्वरूप, उन्हें स्वयं ब्रम्हा से ब्रह्मर्षि के पद से सम्मानित किया गया।

संबंधितपोस्ट

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

भारत ने कनाडा को हड़काया, ‘सिगरेट पीती काली’ से संबंधित सभी सामग्री हटाने के आदेश

ये भेदभाव क्यूं? दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमान पर दोहरे मापदंड के लिए ट्विटर को फटकार लगाई

और लोड करें

और पढ़ें: भारत के अवेन्जर्स– जिन्होंने अरबी आक्रान्ताओं को 313 वर्ष भारतवर्ष में घुसने तक नहीं दिया

ब्रह्मर्षि इतने शक्तिशाली हैं कि वे पृथ्वी पर हर हथियार को हरा सकते हैं. भविष्य की भविष्यवाणी कर सकते हैं, और जीवन और मृत्यु के चक्र से प्रभावित नहीं होते हैं। महर्षि का अर्थ संस्कृत में ‘महान ऋषि’ होता है और यह उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जिसने बहुत अधिक आध्यात्मिक विस्तार और परिष्कृत इंद्रियां प्राप्त की हैं। उनकी तीसरी आंख पूरी तरह से खुली हुई है और वो अपने अनंत अंतर्ज्ञान अपनी पूरी क्षमता से उपयोग करते है। वो अपने ध्यान के माध्यम से पूरे ब्रह्मांड को एकसाथ देख सकते है. वे कार्यों और विचारों में अविश्वसनीय रूप से सटीक विवरण बनाए रख सकते हैं। आइये, आज हम आपको वैदिक धर्म में उल्लेखित इन्ही सप्तर्षियों से अवगत कराते हैं-

भारद्वाज

वह वैदिक काल के सबसे महान संतों में से एक हैं और ऋषि अंगिरसा के वंशज भी हैं। उनके पिता देवर्षि बृहस्पति हैं। ऋषि भारद्वाज आयुर्वेद के लेखक हैं। वह गुरु द्रोणाचार्य के पिता हैं और उनका आश्रम अभी भी प्रयागराज में मौजूद है। भारद्वाज ऋषि देवस्त्रों सहित उन्नत सैन्य कलाओं के भी उस्ताद थे। उनकी पत्नी सुशीला हैं, जिनसे उनकी देववर्णिनी नाम की एक बेटी और एक बेटा गर्ग हुआ। द्रोणाचार्य (पांडवों और कौरवों के गुरु) का जन्म भी अप्सरा के प्रति उनके आकर्षण के परिणामस्वरूप ही हुआ था। कुछ पुराणों के अनुसार, भारद्वाज गंगा नदी के तट पर पाए गए थे और उन्हें राजा भरत ने गोद लिया था। बाल्यकाल से ही उनके मन में वेदों के ज्ञान की एक निर्विवाद प्यास थी और उन्होंने अधिक वैदिक ज्ञान के लिए इंद्र, भगवान शिव और पार्वती का ध्यान किया।

और पढ़ें: जैन धर्म का संक्षिप्त इतिहास, सिद्धांत, और पंथ संप्रदाय

विश्वामित्र

ऋषि विश्वामित्र सबसे प्रसिद्ध सप्तर्षि और महान संतों में से एक हैं जिन्होंने गायत्री मंत्र की खोज की। अब तक के सबसे महान ऋषि के पद के लिए वशिष्ठ के साथ उनके महाकाव्य संघर्ष की एक बहुत ही रोचक कहानी है। वह जन्म से ब्राह्मण नहीं बल्कि क्षत्रिय (योद्धा) थे। ऋषि वशिष्ठ द्वारा लड़ने, हारने और फिर क्षमा करने का इनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने महसूस किया कि तपस्या से प्राप्त शक्ति शारीरिक शक्ति से अधिक है। उन्होंने अपना राज्य त्याग दिया और वशिष्ठ से भी बड़ा ऋषि बनने की अपनी खोज शुरू की। उन्होंने विश्वामित्र का नाम धारण कर लिया। हजारों वर्षों तक कई परीक्षणों और तपस्याओं के बाद, विश्वामित्र ने अंततः ब्रम्हा और स्वयं वशिष्ठ से ब्रह्मऋषि की उपाधि प्राप्त की।

वशिष्ठ ऋषि

ऋषि वशिष्ठ इस मन्वंतर के सप्तर्षि और अरुंधति के पति हैं। वह सूर्य वंश के राजगुरु हैं। वे चुनावी ज्योतिषग्रंथ वशिष्ठ संहिता के लेखक भी हैं। उन्हें और उनके परिवार को ऋग्वेद में उल्लेखित एक भजन के माध्यम से महिमामंडित किया गया है। भगवान राम एक बार सांसारिक चीजों से अपने मोह की व्याख्या करते हैं। वह तीर्थ यात्रा से लौटने के बाद राजा दशरथ के लिए एक सांसारिक व्यक्ति की तरह दुख व्यक्त करते हैं। तब ऋषि वशिष्ठ भगवान राम द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हैं। यही उत्तर “योग वशिष्ठ” नामक ग्रंथ की संदर्भ और सामग्री है।

और पढ़ें: प्राचीन महावीर हनुमान मन्दिर पटना का इतिहास, प्रसाद एवं विस्तार

गौतम ऋषि

गौतम ऋषि अंगिरस वंश के हैं। उनके पुत्र वामदेव, नोधा और शतानंद थे. ये कानून के शुरुआती लेखकों में से एक थे। उन्होंने गौतम धर्म सूत्र, ऋग और साम वैदिक मंत्र भी लिखे। उनकी पत्नी अहिल्या थीं, जो भगवान ब्रह्मा की पुत्री थीं। स्वयंवर के समय भगवान ने घोषणा की कि जो कोई भी सबसे पहले सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, वह अहिल्या का हाथ जीत लेगा। गौतम ऋषि ने शर्त को पूरा किया। इसप्रकार, अहिल्या और गौतम ऋषि की शादी हुई।

गौतम ऋषि बिना अहंकार के व्यक्ति थे। जब पृथ्वीलोक को आकाल का सामना करना पड़ा, तब महर्षि ने भगवान वरुण का ध्यान किया। उनकी एकाग्र चित्तता से प्रसन्न होकर, भगवान वरुण प्रकट हुए। ऋषि ने वरुण से वर्षा मांगी। भगवान वरुण ने समझाया- “कानून की मांग है कि इस अवधि तक इस जगह बारिश नहीं होनी चाहिए। मैं कानून के खिलाफ नहीं जा सकता क्योंकि भगवान शिव सभी पांच बलों पर शासन करते हैं। मुझसे और कुछ मांगो.” महर्षि ने तुरंत जलाशय में पानी की निरंतर आपूर्ति का अनुरोध किया। इस प्रकार गौतम ऋषि ने कई लोगों को बचाया।

अत्रि ऋषि

ऋषि अत्रि उन संतों में से एक हैं जिन्होंने पवित्र धागे (पूनल) को प्रतिपादित किया। ऋषि अत्रि की पत्नी अनुसूया हैं, जो पवित्रता की प्रतिमूर्ति हैं। उन्हें पवित्र मंत्रों के महान खोजकर्ताओं में से एक माना जाता है। अत्रि संहिता और अत्रि स्मृति महान ऋषि की दो कृतियाँ हैं। अनसूया को शुद्धता के लिए जाना जाता है। एक दिन त्रिमूर्ति ने उनके पवित्रता का परीक्षण करने का फैसला किया और ब्राह्मणों के रूप में उनके घर पहुंचे। उन्होंने अनुसूया से नग्न भोजन परोसने के लिए कहा। वह मान जाती है और त्रिदेवों को बच्चों में बदल देती है। उसकी पवित्रता की शक्ति से चकित होकर, त्रिदेव देवता अपने मूल रूप में प्रकट हुए तब अनुसूया उनकी माँ बन जाती है। इस प्रकार, अनसूया ने भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अवतार के रूप में जन्म दिया।

कश्यप ऋषि

कश्यप ऋषि सबसे लोकप्रिय प्राचीन ऋषि और सप्तर्षि में से एक हैं। वह ऋषि मारीचि के पुत्र और ब्रह्मा के पोते हैं। वह देव, असुर, नाग, गरुड़, वामन, अग्नि, आदित्य, दैत्य, आर्यमन, मित्र, पूसन, वरुण और सभी मानवता के पिता थे। वे प्रजापति हैं। वह कश्यप संहिता के लेखक हैं, जो आयुर्वेदिक बाल रोग, स्त्री रोग और प्रसूति में एक शास्त्रीय संदर्भ पुस्तक है।

और पढ़ें: Hinduism in Cambodia: कंबोडिया का सनातनी इतिहास, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं

महर्षि जमदग्नि

जमदग्नि विष्णु के छठे अवतार परशुराम के पिता हैं। इसके अलावा, ऋषि भृगु के वंशज, ब्रह्मा द्वारा बनाए गए प्रजापतियों में से एक है उनकी पत्नी रेणुका थीं, जो अपनी पवित्रता की शक्ति से एक कच्चे मिट्टी के बर्तन में नदी से पानी लाती थीं।

हमारा पुश्तैनी वंश गोत्र का सीधा संबंध सप्तर्षि से है। ज्यादातर मामलों में, व्यवस्था पितृसत्तात्मक होती है, और जो गोत्र सौंपा जाता है वह व्यक्ति के पिता का होता है। इसलिए, हिन्दू धर्म के करीब-करीब हर बच्चे को सप्तर्षि के विशेष गोत्र से अलंकृत किया जाता है जिससे वे संबंधित होते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचंद्र अपने जीवनकाल में सबसे अधिक सप्तर्षि के सानिध्य में रहते है. वशिष्ठ ऋषि उनके गुरु थे विश्वामित्र ऋषि भी. कश्यप ऋषि से वो अरन्यकाल में मिले और परशुराम स्वरुप में जमदाग्नि कुमार बने. गौतमनारी अहिल्या को भी उन्होंने मुक्ति दी.

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

 

Tags: महान ऋषिसप्तर्षि वैदिक धर्महिन्दू धर्म
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘रिलिजन फोबिया’ पर दोहरे मापदंड को लेकर भारत ने UN को जमकर लताड़ा

अगली पोस्ट

पाकिस्तान के गड्डों वाले खड़ंजा को IMF भारत के 8-लेन एक्सप्रेस-वे से बेहतर बता रहा है

संबंधित पोस्ट

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited