TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सत्य साईं कोई ‘बाबा’ नहीं एक औसत जादूगर थे, ये रहे उनके कर्मकांड के काले चिट्ठे

इस कड़वी सच्चाई के बारे में आपका जानना आवश्यक है!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
8 June 2022
in ज्ञान
सत्य साईं

Source- Google

Share on FacebookShare on X

भारत ऋषि मुनियों का देश रहा है। यहां की गुरु और संत परंपरा सबसे समृद्ध रही है। किंतु, यह कलयुग है। 21वीं सदी में हमें समय-समय पर ऐसे बाबाओं से रुबरू होना पड़ता है जो न सिर्फ गुरु शिष्य परंपरा को कलंकित करते हैं ,बल्कि समाज को भी दूषित करते हैं। ऐसे ही एक बाबा थे श्री सत्य साईं। इनका असली नाम रत्नाकरम सत्यनारायण राजू है। इनका जन्म 23 नवंबर 1926 को मद्रास प्रेसीडेंसी के पुट्टापर्थी मे जन्म हुआ, जो अब आंध्र प्रदेश का हिस्सा है और 24 अप्रैल 2011 को 84 वर्ष की उम्र में इसी जगह पर उन्होंने अपने प्राण त्यागे। किंतु, अपने पूरे जीवन में उन्होंने कुछ जादू, चमत्कार, टोने-टोटके और प्रभाव के माध्यम से देव तुल्य स्थान प्राप्त कर लिया और यही उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी समस्या रही। जादूगर होना कोई गलत बात नहीं है किंतु, जादू, टोने-टोटके और छोटी-मोटी हाथ की सफाई को दैवीय क्रिया बताकर स्वयं को परमेश्वर घोषित करना नितांत रूप से गलत है। वो पूजे जाने लगे और उनके भक्तों में सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, ऐश्वर्या राय, अर्जुन राणातुंगा, सनत जयसूर्या, निर्मल चंद्र सूरी, गुंडप्पा विश्वनाथ और यहां तक कि अपने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भी थे। किंतु, उनके इस सफर की शुरुआत कैसी हुई? आइए विस्तार से समझते हैं।

और पढ़ें: UN ने पाखंडी बाबा नित्यानंद को सनातन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति कैसे दी?

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

बिच्छू के काटने के बाद ‘बाबा’ बन गए सत्यनारायण राजू

8 मार्च 1940 को जब वह 14 वर्ष के हुए तब पुट्टापर्थी के पास उर्वाकोंडा में अपने बड़े भाई सेशमा राजू के साथ रहते हुए उन्हें एक बिच्छू ने काट लिया। किवदंती है कि बिच्छू के काटने के बाद बाबा के व्यवहार में अचानक से परिवर्तन आया। संस्कृत भाषा का ज्ञान न होने के बावजूद वो संस्कृत बोलने लगे और शांत अवस्था में रहने लगे। चिकित्सीय जांच में पता चला कि उन्हें हिस्टीरिया नामक बीमारी हुई है। किंतु उनके माता-पिता उन्हें वापस पुट्टापर्थी के पैतृक निवास लेते गए, जहां उन्होंने अनवरत रूप से चिकित्सक पुजारी टोटका और काला जादू करने वालों से अपनी इलाज कराई।

15 दिन बाद बाबा ने अपने घर वालों को बताया कि उन्होंने चीनी को प्रसाद और फूल में परिवर्तित कर दिया, घरवालों को लगा कि उन पर किसी काले साए का प्रभाव है अतः उनके पिता ने उनको डराते धमकाते हुए मामले को जानने की कोशिश की तब रत्नाकरण सत्यनारायण राजू नामक उस लड़के ने अपना नाम साईं बाबा बताया और 14 साल की उम्र में खुद को साईं का अवतार घोषित कर दिया। यहीं से उनका नाम सत्य साईं पड़ा और चमत्कारों का दौर शुरू हो गया। 14 वर्ष की उम्र में इस बच्चे ने घर त्याग दिया। 10 वर्ष बाद जब वह 25 वर्ष के हुए तब उनकी ख्याति इतनी फैल चुकी थी कि लोगों ने उनके पैतृक गांव में उनके नाम का मंदिर तक बनवा दिया। असाध्य रोगों को ठीक करने कि उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई।

बाबा की ट्रिक

किन्तु, सच और झूठ दोनों छिपाये नहीं छिपते और इस मामले में भी यही हुआ।  दूरदर्शन पर एक अवॉर्ड सेरेमनी आ रही थी। सत्य साईं ने एक अवॉर्ड दिया। अपना हाथ हिलाया और उनके हाथ में एक माला आ गयी, अपने आप। ठीक वैसा जैसा दूरदर्शन के भगवान वाले सीरियल्स में दिखाई देता है। उन्होंने वो माला उस अवॉर्ड जीतने वाले के गले में पहना दी। सब खुश, लेकिन जब उस क्लिप को गौर से देखा जाए तो मालूम पड़ता है कि जिस व्यक्ति ने वो अवॉर्ड जीतने वाले को देने के लिए बाबा को पकड़ाया था, उसने चुपके से वो माला बाबा के हाथ में ट्रांसफर कर दी थी। बाबा के भेद खुलने लगे थे।

बाबा की एक और गजब की ट्रिक थी, हाथ से भभूत निकालने की। वो हाथ को सीधा रख हवा में हिलाते थे, हथेली सीधी और नीचे की ओर। वो गोल-गोल घुमाते थे और फिर भक्तों की हथेली में भभूत रख देते थे,  मानो हवा में से निकाला हो या स्वयं से लेकर आये हों। मालूम चला कि वो हाथ में पहली दो अंगुलियों के बीच एक चाक का छोटा सा टुकड़ा रखते थे। ये चाक ज़्यादा कठोर नहीं होती थी। ऐसी होती थी कि ज़रा सा जोर लगाने पर मसली जा सकती थी। सत्य साईं उसे ही मसलते हुए भक्त के हाथों में भभूत गिरा देते थे, भक्त लोट जाते थे, दंभ करते थे कि हजारों की भीड़ में बाबा ने उन्हें चुना। वो ये नहीं जान रहे थे कि बाबा ने उन्हें चुना तो है लेकिन आशीर्वाद देने के लिए नहीं बल्कि उल्लू बनाने के लिए।

और पढ़ें: मरघट वाले बाबा : दिल्ली में स्थित हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर

सिडनी से आये बैंकर डि क्रेकर पांच साल तक बाबा के भक्त थे। वर्ष 2000 में द सन्डे एज में उनके बुरे अनुभव छपे, जिसमें उन्होंने बताया, “मैंने भारतीय परम्पराओं के हिसाब से ही उनके पैर छुए। उन्होंने मेरा सिर पकड़ लिया और अपनी जांघों के बीच ले गए। उन्होंने कराहने की आवाज निकाली। वही आवाज़ जिसने मेरे शक को यकीन में बदल दिया। उनकी पकड़ जैसे ही ढीली हुई, मैंने अपना सिर उठाया। बाबा ने अपने कपड़े उठाकर मुझे अपना लिंग दिखाया और कहा कि मेरी क़िस्मत अच्छी है। उन्होंने अपना कूल्हा मेरे मुंह से सटा दिया। मैंने तय किया कि मुझे इनके खिलाफ़ बोलना है। मैंने उनसे कहा कि मैं ये सब नहीं, उनका दिल चाहता हूं। बाबा ने कहा कि उनका दिल पहले ही मेरे पास है। उन्होंने अपने कपड़े ठीक किये और एक बार फिर सुनहरा मौका देने की कोशिश की। मैंने उसे ठुकरा दिया।”

स्वीडन में रहने वाले कोनी लारसन ने भी टेलिग्राफ को अपने साथ हुई बर्बरता को बताया। कोनी 21 साल तक बाबा के भक्त रहे थे। उन्होंने कहा, “बाबा ने मुझे कई बार निजी भेंट के लिए बुलाया। मुझे मालूम नहीं था कि उनके और मेरे बीच में क्या हो रहा था लेकिन जब उन्होंने कहा कि वो मेरे भगवान हैं और मेरी समस्या दूर करेंगे, तो मैंने उन पर भरोसा कर लिया। यह अजीब बात थी क्योंकि वो कभी मेरे लिंग को छू रहे थे कभी उस पर तेल लगा रहे थे और मेरा मास्टरबेट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा ही उनके साथ करूं। उन्होंने कई बार मेरे साथ ओरल सेक्स किया। हर बार लगता था कि उन्हें काफी मज़ा आ रहा है। जब उन्होंने मुझे अपने साथ ओरल सेक्स करने को कहा, तो मैंने इनकार कर दिया।”

बुढ़ापा, बीमारी और मृत्यु

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लोहे के स्टूल पर खड़ा एक छात्र फिसलकर स्टूल सहित बाबा के कुल्हे पर गिर गया, जिससे वर्ष 2003 में बाबा के कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया। वर्ष 2004 के बाद, सत्य साईं ने व्हीलचेयर का इस्तेमाल किया और सार्वजनिक रूप से कम दिखाई देने लगे। 28 मार्च 2011 को, साईं बाबा को श्वसन संबंधी समस्याओं के बाद श्री सत्य साईं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग एक महीने के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनकी हालत बिगड़ती गई। रविवार, 24 अप्रैल को 84 वर्ष की आयु में 7: 40 IST पर उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि, सत्य साईं ने भविष्यवाणी की थी कि वो 96 वर्ष की आयु में मर जाएंगे और तब तक स्वस्थ रहेंगे लेकिन यह भी एक छलाव ही था।

अंतिम संस्कार और शोक

27 अप्रैल 2011 को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें दफनाया गया, जिसमें अनुमानित 500,000 लोग शामिल हुए। राजनीतिक नेताओं और प्रमुख हस्तियों में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और केंद्रीय मंत्री एस एम कृष्णा और अंबिका सोनी शामिल थे। अपनी संवेदना व्यक्त करने वाले राजनीतिक नेताओं में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और दलाई लामा भी शामिल थे। कर्नाटक सरकार ने 25 और 26 अप्रैल को शोक दिवस घोषित किया और आंध्र प्रदेश ने 25, 26 और 27 अप्रैल को शोक दिवस घोषित किया।

सत्य साईं के नाम पर अनेकों स्कूल, अस्पताल और संपत्ति है। उनके नाम से बने ट्रस्ट के पास एक अनुमान के मुताबिक 1.4 ट्रिलियन संपत्ति है। सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट भी जारी किया है, लेकिन एक बात जो उनके व्यक्तित्व के बारे में हमें समझनी है वो ये है कि बाबा कोई दैवीय व्यक्तिव नहीं बल्कि एक तुच्छ किस्म के जादूगर थे जो छोटी-मोटी ट्रिक से अवगत थे। हालांकि, बाबा के इस ढोंग का पर्दाफाश करने के लिए मशहूर जादूगर पीसी सरकार ने कई बार उनसे मिलने की अर्जी लगाई और बार बार उन्हें मना कर दिया गया। बाद में वो बंगाल के एक उद्यमी के पुत्र के रूप उनकी मिलने की अर्जी स्वीकार कर ली गयी और बाद में उन्होंने पर्दाफाश किया कि सत्य साईं कोई संत या बाबा नहीं बल्कि एक छोटे-मोटे जादूगर थे जो लोगों को उल्लू बनाकर उनका शोषण करते थे।

और पढ़ें: भगवान जगन्नाथ साईं बाबा के चरणों में? यह दृश्य दु:खद है

Tags: सत्य साईंसाईं ट्रस्ट
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ओडिशा के ढिंकिया गांव के लोगों ने नौटंकीबाज सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को खदेड़ा

अगली पोस्ट

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक से बौखला क्यों गईं हैं?

संबंधित पोस्ट

How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles
ज्ञान

How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

21 November 2025

Creating a home that stays beautiful and comfortable for a long time is not about following the latest trend. It is about choosing things that...

नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन
इतिहास

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

14 November 2025

ऐसे समय में जबकि अपने राष्ट्र नायकों को लेकर भारत में राजनीतिक बहसें तेज़ हो रही हैं,  विचारधाराओं की लड़ाई भी पहले से ज़्यादा गहरी...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited