बाइडन सरकार को ‘CAATSA प्रस्ताव’ को कानून बनाकर क्यों देनी चाहिए भारत को छूट?

भारत S-40O ख़रीद रहा है, इसी को लेकर अमेरिका प्रतिबंधों का डर दिखा रहा है!

modi baiden

Source- TFIPOST.in

कुछ साल पहले का समय ऐसा था जब अमेरिका, भारत को दबाने के प्रयास करता था। परंतु अब वक्त बदल चुका है। जब से मोदी सरकार के हाथों में देश की सत्ता आई है भारत की पहचान विश्व में एक मजबूत देश के रूप में होने लगी है। आज भारत एक शक्तिशाली देश के तौर पर तेजी से उभर रहा है। समय का पहिया तो अब इस कदर करवट ले चुका है कि जो अमेरिका कभी भारत को झुकाने के प्रयास करता था, वो अब स्वयं झुकने को मजबूर होने लगा है।

दरअसल, हाल ही में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारत के पक्ष में एक बड़ा फैसला लिया गया। गुरुवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने भारत को अपने काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (CAATSA) से छूट देने की अनुशंसा वाले विधेयक को मंजूरी दी है। इस विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद अब भारत को अमेरिका के CAATSA कानून से विशेष छूट मिलने की संभावना है।

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CAATSA कानून

CAATSA अमेरिका का एक सख्त कानून है। जिसके तहत अमेरिका उन देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है, जो उसके विरोधी देशों से हथियार खरीदते है। CAATSA के तहत उन देशों पर प्रतिबंध लगाता है जो ईरान, उत्तर कोरिया या फिर रूस से हथियार खरीदते है। भारत, रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदता आ रहा है, जिसके चलते भारत पर अमेरिका द्वारा CAATSA के तहत कारवाई करने की चर्चाएं चल रही थी। हालांकि अब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारत को CAATSA से छूट देने का प्रस्ताव पास हुआ है। परंतु अभी यह प्रस्ताव कानून का हिस्सा नहीं बना है। इसे कानूनी मान्यता देने के लिए प्रस्ताव को अमेरिकी संसद के दोनों सदनों में पास कराना होगा। अगर यह प्रस्ताव कानून का रूप ले लेगा तो रूस से हथियार खरीदने से भारत पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध का खतरा नहीं मंडराएगा।

बता दें कि अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन के बढ़ते आक्रामक रूख को देखते हुए अमेरिका को भारत के साथ खड़े होने की आवश्यकता है। इंडिया कॉकस का वाइस चेयरमैन होने के नाते मैं दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा हूं। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि भारत, चीन सीमा पर भारत खुद की रक्षा कर सके। गुरुवार को ध्वनि मत से राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (NDAA) संशोधित विधेयक पारित किया गया। विधेयक के पक्ष में 330 सांसदों और विरोध में 99 ने वोट किया। इस पर अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा- “यह बेहद ही महत्वपूर्ण संशोधन है और मुझे गर्व है कि दोनों दलों के समर्थन से इसे पारित किया गया। अमेरिका-भारत भागीदारी से ज्यादा महत्वपूर्ण अमेरिका के रणनीतिक हित में और कुछ भी इतना जरूरी नहीं है।“

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भारत के आगे झुकने पर मजबूर अमेरिका

अमेरिका, रूस और चीन की बढ़ती नजदीकी से घबराया हुआ है। जिसके चलते वो अब भारत का साथ देने को मजबूर हो रहा है। परंतु देखा जाए तो अमेरिका भारत के पक्ष में यह विधेयक लेकर आया है उसका एकमात्र कारण चीन की बढ़ती आक्रामकता ही नहीं है। देखा जाए तो इसका मुख्य कारण विश्व में भारत की बढ़ती ख्याति भी है। यह एक नया भारत है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी ही तेजी से उभर रहा है। पूरी दुनिया भारत की उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति की गवाह बन रही है। आज भारत किसी के दवाब के आगे झुकता नहीं है।

अमेरिका इससे भली भांति परिचित है कि आज के समय में भारत से संबंध बिगाड़ कर उसका काम नहीं चलने वाला। अमेरिका ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान देख लिया कि वो चाहे भारत पर कितना भी दबाव क्यों न बना ले, उसकी एक नहीं चलने वाली। भारत किसी भी कीमत पर उसके आगे झुकेगा नहीं। भारत के इसी रूख की वजह से अमेरिका भारत से दुश्मनी मोल नहीं ले सकता और इसलिए इस समय तक जो अमेरिका झुकाता था वो आज स्वयं भारत के आगे झुकने को मजबूर है।

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