कहते हैं कि भविष्य को देखते हुए ही वर्तमान के अहम फैसले लेने चाहिए क्योंकि भले ही आप कितने भी सक्षम हों लेकिन कभी न कभी आपकी सक्षमता खतरे में आ सकती है। कुछ ऐसी ही स्थिति यूएई के साथ भी है जिसे पता है कि उसे भविष्य में भारत की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए UAE लगातार भारत के साथ अपने रिश्तों को बेहतर करने में जुटा हुआ है और इसी के तहत अब UAE ने भारत में करीब 2 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया है।
2 बिलियन डॉलर का बड़ा आर्थिक निवेश
दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात ने ऐलान किया है कि वह भारत में इंटीग्रेटेड फूड पार्क की सीरीज डेवलप करने के लिए 2 बिलियन डॉलर का बड़ा आर्थिक निवेश करेगा। खास बात यह है कि यह बयान I2U2 की संयुक्त बैठक में दिया गया है। पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजरायल के पीएम यायर लापिड और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ I2U2 के पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। इस बैठक में चारों देशों के नेता संयुक्त आर्थिक परियोजनाओं पर चर्चा हुई।
अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर ये I2U2 क्या है? I2U2 समूह की अवधारणा पिछले साल 18 अक्टूबर को आयोजित चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान की गयी थी। पिछले कुछ वर्षों में तीनों देशों में से प्रत्येक के साथ भारत के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं। 12U2 का उद्देश्य पानी, एनर्जी, ट्रांसपोर्टेशन, स्पेस, हेल्थ और फूड सिक्योरिटी जैसे 6 पारस्परिक क्षेत्रों में मिलकर इन्वेस्टमेंट करना और इन्हें प्रोत्साहित करना है।
इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर के मार्डनाइजेशन, इंडस्ट्रीज के लिए लो कार्बन डेवलपमेंट पाथवे, पब्लिक हेल्थ में सुधार और महत्वपूर्ण रूप से ग्रीन टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दे रहा है। इस बार I2U2 की बैठक में यूक्रेन और रूस के बीच चल रही लड़ाई, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट पर भी बात हुई। इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सभी देशों के नेता I2U2 के ढांचे के भीतर संभावित संयुक्त परियोजनाओं के साथ-साथ पारस्परिक हित के अन्य सामान्य क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे ताकि हमारे संबंधित क्षेत्रों और उससे आगे व्यापार और निवेश में आर्थिक साझेदारी को मजबूत किया जा सके।
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भारत के प्रति UAE का रवैया सकारात्मक
इसी बैठक में UAE ने घोषणा की है कि भारत में 2 बिलियन डॉलर का वो निवेश करेगा। अरब देश का यह रुख भारत के लिहाज से निश्चित ही सकारात्मक है लेकिन भारत के साथ UAE के इस रवैए के पीछे उसका स्वार्थ भी है। UAE अच्छे से जानता है कि उसका कच्चे तेल का भंडारण काफी तेजी से खत्म हो रहा है और उन्हें आगे जाकर नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
वहीं एक तरफ जहां विश्व नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर प्लानिंग कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का एक बड़ा हब विकसित हुआ है। यहां सरकार लगातार वैकल्पिक ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है जिससे देश में पेट्रोल-डीजल से ऊर्जा की निर्भरता को खत्म किया जा सके। वहीं सरकारी सुविधाओं और प्रोत्साहन का फायदा यहां के निजी क्षेत्र के संस्थान भी उठा रहे हैं जिसमें TATA Group सबसे आगे है। ऐसे में भारत वैकल्पिक ऊर्जा का वैश्विक केंद्र बनने की ओर है।
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UAE के लिहाज से भारत में विकसित वैकल्पिक ऊर्जा काफी काम की है और इसीलिए UAE भारत के साथ अपने रिश्तों को निवेश के माध्यम से मजबूत कर रहा है जिससे कल को जब उसे वैकल्पिक ऊर्जा की आवश्यकता हो तो भारत उसकी मदद करने में सबसे आगे रहे।
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