भारत ने कनाडा को हड़काया, ‘सिगरेट पीती काली’ से संबंधित सभी सामग्री हटाने के आदेश

सामग्री हटाने से काम नहीं चलेगा, उस हिंदू विरोधी 'ज़हरीली फ़िल्म निर्माता' की गिरफ्तारी होनी चाहिए!

s jaishankar

Source- TFIPOST.in

हिन्दू धर्म को सहिष्णु बताने की नौटंकी के बीच, हाल ही में डॉक्यूमेंट्री निर्माता लीना मणिमेकलाई की आगामी डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर ने बवाल मचा दिया है। काली” नामक डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर ने सोशल मीडिया पर भिड़ंत छेड़ दी है। फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई द्वारा निर्देशित एक वृत्तचित्र अर्थात डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर ने देवी काली के चित्रण के साथ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का काम किया और अब उसका प्रतिउत्तर जमीनी रूप से और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर भी दिखने भी लगा है।

दरअसल. तमाम हो हल्ला के बीच भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को कनाडा के अधिकारियों से टोरंटो के आगा खान संग्रहालय में अंडर द टेंट परियोजना के हिस्से के रूप में प्रदर्शित हिंदू देवताओं के अपमानजनक चित्रण को वापस लेने का आग्रह किया। हालिया घटनाक्रम यह हैं कि, कनाडा में भारतीय उच्चायोग की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “हम कनाडा के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से ऐसी सभी भड़काऊ सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं।” यह तब हुआ जब विरोध में धधकती उष्मित ज्वाला ऑनलाइन रूप से चहुओर फ़ैल चुकी है। इसके परिणामस्वरुप हिन्दू समुदाय ने आहत होने वाली बात और अपनी “माँ” के विरुद्ध ऐसा दुस्साहस करना वाले निर्माताओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ करनी शुरू कर दी है।

https://twitter.com/LeenaManimekali/status/1543200394477805568

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ज्ञात हो कि, लीना मणिमेकलाई की आगामी डॉक्यूमेंट्री का नाम ‘काली’ है, जिसका पोस्टर फिल्ममेकर ने बीते शनिवार ट्विटर पर शेयर किया था। हालांकि, पोस्टर डालते ही इस पर विवाद बढ़ता चला गया क्योंकि पोस्टर स्वयं में ही सबसे बड़े विवाद के रूप में उपजा था। दरअसल, जारी किए गए पोस्टर में देखा जा सकता है कि एक अभिनेत्री काली मां के अवतार में हैं और सिगरेट पीती दिखाई दे रही है, साथ ही बैकग्राउंड में LGBT समुदाय का झंडा उनके हाथ में लिए दिखाई दे रहा है।

इसपर जब विरोध उठने लगा तो कार्रवाई होनी तो स्वाभाविक ही थी। कनाडा में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “टोरंटो में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने कार्यक्रम के आयोजकों को इन चिंताओं से अवगत कराया है। हमें यह भी बताया गया है कि कई हिंदू समूहों ने कार्रवाई के लिए कनाडा में अधिकारियों से संपर्क किया है।”

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इस बीच, फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई अपनी डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के एक पोस्टर के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज किए जाने के बाद कानूनी संकट में आ गई है। भारत में विभिन्न राज्यों में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप के साथ लीना मणिमेकलाई पर केस दर्ज़ हुए हैं। इसी बीच यह जंग लंबी होती जा रही, पोस्टर में देवी काली का चित्रण सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा था जिसके बाद पोस्टर को वापस लेने की मांग की गई है। कुछ ने तो लीना मणिमेकलाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके परिणामस्वरूप ट्विटर पर हैशटैग ‘#ArrestLeenaManimekal’ ट्रेंड कर रहा है।

निस्संदेह अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर हिन्दू धर्म को बदनाम करना अब फैशन बन गया है। देवी-देवताओं और आराध्यों का ऐसा चित्रण यूँ तो ईशनिंदा में ही आता है पर क्योंकि मामला हिन्दू धर्म से जुड़ा है इसलिए हमारे समाज के एक वर्ग के लिए यह बहुत सामान्य और कोई बड़ी बात नहीं हैं। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने अपनी ओर से कार्रवाई का डंडा चला दिया है क्योंकि विरोध, क्रोध और आक्रोश की इस बार कोई सीमा नहीं, कोई मोल नहीं कोई तोल नहीं।

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