TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा — लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

    देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा, लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    ये होती है दोस्ती! नॉर्दर्न सी रूट पर भारत के साथ रूस की डील से चीन की बढ़ेंगी मुश्किलें

    ये होती है दोस्ती! नॉर्दर्न सी रूट पर भारत के साथ रूस की डील से चीन की बढ़ेंगी मुश्किलें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    'भारत एक महान देश है' ट्रंप ने शहबाज शरीफ के सामने ही पीएम मोदी की तारीफ में कह दी ये बात

    ‘भारत एक महान देश है’ ट्रंप ने शहबाज शरीफ के सामने ही पीएम मोदी की तारीफ में कह दी ये बात

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    करवा चौथ 2025: आज सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और आपके शहर में कब दिखेगा चांद

    करवा चौथ 2025: आज सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और आपके शहर में कब दिखेगा चांद

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा — लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

    देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा, लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    ये होती है दोस्ती! नॉर्दर्न सी रूट पर भारत के साथ रूस की डील से चीन की बढ़ेंगी मुश्किलें

    ये होती है दोस्ती! नॉर्दर्न सी रूट पर भारत के साथ रूस की डील से चीन की बढ़ेंगी मुश्किलें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और अपने घर में आतंक, नागरिकों पर बम: पाकिस्तान की गजब की एक्टिंग

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    'भारत एक महान देश है' ट्रंप ने शहबाज शरीफ के सामने ही पीएम मोदी की तारीफ में कह दी ये बात

    ‘भारत एक महान देश है’ ट्रंप ने शहबाज शरीफ के सामने ही पीएम मोदी की तारीफ में कह दी ये बात

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    करवा चौथ 2025: आज सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और आपके शहर में कब दिखेगा चांद

    करवा चौथ 2025: आज सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और आपके शहर में कब दिखेगा चांद

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

विकास की दौड़ में कैसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा, दिल्ली-गुरुग्राम को बहुत पीछे छोड़ देंगे

इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, कानून व्यवस्था और सरकारी नीतियां- इन मानकों पर चारों शहरों की तुलना करने पर क्या सामने आ रहा है?

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
24 September 2022
in मत
नोएडा-ग्रेटर नोएडा

Source: TFI

Share on FacebookShare on X

मैं दार्शनिक नहीं हूं लेकिन इतना अवश्य कहूंगा कि विस्थापितों का शहर दिल्ली सांस लेने के लिए तड़प रहा है। दिल्ली का दम घुट रहा है। दिल्ली मर रही है। गुरुग्राम- ख़त्म होने के लिए ही बसा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा वर्षों तक विकास की दौड़ में NCR में आगे दौड़ते रहेंगे- बहुत आगे, इतना आगे कि आने वाली पीढ़ियां यह भी भूल जाएंगी कि किसी दौर में गुरुग्राम और नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच में तुलना भी की जाती थी। यही भविष्य है- यही तथ्य है- यही सत्य है।

दिल्ली-गुरुग्राम को नोएडा-ग्रेटर नोएडा विकास की दौड़ में बहुत पीछे छोड़ देंगे- यह बात मैं किस आधार पर कह रहा हूं- वो आपको अवश्य बताऊंगा लेकिन उससे पहले इन चार शहरों यानी कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बारे में कुछ तथ्य आपको अवश्य जान लेना चाहिए।

संबंधितपोस्ट

गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

निक्की हत्याकांड में नया खुलासा, क्या विपिन घटना के वक्त वहां मौजूद नहीं था? पुलिस कर रही जांच

‘बेटी के चरित्र पर ताने कसते थे लोग’: राधिका यादव की हत्या करने को लेकर पिता दीपक यादव का दावा

और लोड करें

दिल्ली की कहानी

महाभारत के अनुसार दिल्ली को पांडवों ने इंद्रप्रस्थ के नाम से बसाया था। जातकों के अनुसार इंद्रप्रस्थ सात कोस के घेरे में बसा हुआ था। पांडवों के वंशजों की राजधानी इंद्रप्रस्थ कब तक रही यह निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता किंतु पुराणों के साक्ष्य के अनुसार परीक्षित तथा जनमेजय के उत्तराधिकारियों ने हस्तिनापुर में भी बहुत समय तक अपनी राजधानी रखी थी। मौर्य काल में दिल्ली या इंद्रप्रस्थ का कोई विशेष महत्त्व न था क्योंकि राजनीतिक शक्ति का केंद्र उस समय मगध था।

और पढ़ें: दिल्ली, गुरुग्राम की बजाय अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर क्यों ख़रीद रहे हैं लोग?

मौर्यकाल के पश्चात् लगभग 13 सौ वर्ष तक दिल्ली और उसके आसपास का क्षेत्र अपेक्षाकृत महत्त्वहीन बना रहा। 12वीं शदी में पृथ्वीराज चौहान ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया। इसके बाद यहां खिलजी और तुगलक वंशों ने शासन किया- 1192 में आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया- 1206 में दिल्ली सल्तनत की नींव रखी गई।

दिल्ली में स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल। सोर्स: वीकिपीडिया

1398 में दिल्ली पर आक्रांता तैमूर ने हमला कर दिया और सल्तनत का खात्मा हो गया- लोधी के बाद बाबर आ गया और इसके बाद मुगल आते रहे- इसके बाद आया 1803 और दिल्ली पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया- वर्ष 1911 में, अंग्रेजों ने कलकत्ता से बदलकर दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया- इसके बाद तभी से दिल्ली भारत की राजधानी है- 1947 में भारत से अंग्रेज चले गए लेकिन दिल्ली, राजधानी बनी रही।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा की कहानी।

तो जो दिल्ली आज आपको दिखती है- उस दिल्ली की यही कहानी है- अब आगे बढ़ते हैं- बात करते हैं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की-
1972 की बात है- इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थी- दिल्ली पर जनसंख्या का दबाव बढ़ने की बातें कही जा रही थी- दिल्ली के बाहर से आने वाले लोगों के अनियंत्रित होने का खतरा सरकार को लगने लगा- तब वर्ष 1972 में 50 गांवों को यमुना-हिंडन-दिल्ली बॉर्डर नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया गया। यह ऐलान यूपी रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 के तहत किया गया। गांवों को रेगुलेटेड एरिया घोषित करने का फैसला 7 मार्च, 1972 में लिया गया था।

Why Noida – Greater Noida will leave Delhi – Gurugram very far in the development race
नोएडा। सोर्स: Zee News

जून, 1975 को इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दी- दक्षिणी दिल्ली के ओखला इंडस्ट्रियल एरिया की तर्ज पर यमुना नदी के पूर्वी किनारे पर यूपी इंडस्ट्रियल एक्ट 1976 के तहत न्यू ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के तहत नोएडा घोषित किया गया। इस शहर को बसाने के लिए जो अथॉरिटी गठित की गई। उसके नाम पर ही शहर का नाम नोएडा पड़ गया। ग्रेटर नोएडा भी नोएडा की तरह ही उत्तर-प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में स्थित है। यूपी इंडस्ट्रियल एक्ट 1976 के तहत ही इसे भी 1991 में बसाया गया- बहुत कम समय में ग्रेटर नोएडा एक बेहतरीन शहर बनकर उभरा। आज ग्रेटर नोएडा, नोएडा से भी कहीं ज्यादा तेजी से विकसित होता दिख रहा है।

Why Noida – Greater Noida will leave Delhi – Gurugram very far in the development race
ग्रेटर नोएडा में स्थित वेनिस मॉल। सोर्स: Google

और पढ़ें: ‘फ्लाइंग बीस्ट’ की एक नादानी ने नोएडा के लोगों को मुसीबत में डाल दिया

गुरुग्राम की कहानी।

दिल्ली और नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बाद अब आगे बढ़ते हैं-  बात करते हैं गुरुग्राम की पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुरुग्राम गुरु द्रौणाचार्य का गांव था। अकबर के शासनकाल के दौरान गुरुग्राम को दिल्ली और आगरा के क्षेत्रो में गिना जाने लगा।

Why Noida – Greater Noida will leave Delhi – Gurugram very far in the development race
गुरुग्राम। सोर्स: Kayak

1857 के विद्रोह के बाद, इसे उत्तर-पश्चिमी प्रान्तों से पंजाब प्रांत में स्थानांतरित किया गया। 1861 में, जिला, जिसमें गुरुग्राम का हिस्सा था, का पुनर्गठन पांच तहसीलों में किया गया: गुड़गांव, फिरोजपुर झिरका, नूंह, पलवल और रेवाड़ी और आधुनिक शहर गुड़गांव तहसील के नियंत्रण में आया। 1947 में, गुड़गांव पंजाब राज्य के अंतर्गत आ गया- 1966 में हरियाणा राज्य के निर्माण के साथ, यह हरियाणा में शामिल हो गया।

अब आगे की कहानी

चारो शहरों का संक्षेप में इतिहास हमने समझ लिया- हमने समझ लिया कि इन शहरों का निर्माण कैसे हुआ- इन शहरों का विकास कैसे हुआ- अब आगे बढ़ते हैं- तो हमारा सवाल था कि कैसे गुरुग्राम और दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से विकास की दौड़ में पीछे रह जाएंगे-

किसी भी शहर के विकास को समझने के लिए कई पैमाने हो सकते हैं- लेकिन हमें साथ ही साथ यह भी समझना है कि भविष्य क्या होगा- इसलिए हम कुछ बहुत महत्वपूर्ण मानक तय करते हैं- इन शहरों की तुलना हम इन 5 मानकों के आधार पर करेंगे, जो हैं- विनिर्माण यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, कानून व्यवस्था और सरकारी नीतियां।

इन्फ्रास्ट्रक्चर

 

इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम से कहीं आगे हैं। नोएडा- ग्रेटर नोएडा एक तरह से योजनाबद्ध तरीके से बसाए गए शहर हैं- पूरी तरीके से नहीं, लेकिन बहुत हद तक- नोएडा को सेक्टर्स में डिवाइड किया गया है- कमर्शियल क्षेत्रों को आवासीय क्षेत्रों से बिल्कुल अलग रखा गया है- कमर्शियल क्षेत्रों को भी सोच-समझकर बसाया गया है- सभी सेक्टर्स या फिर ब्लॉक्स में पार्क स्थापित किए गए हैं- इसी तरह से आवासीय क्षेत्रों में व्यवस्था बनाई गई है। अब आगे बढ़ते हैं- इन्फ्रास्ट्रक्चर में सड़कें सबसे महत्वपूर्ण हैं- नोएडा की सड़कें चौड़ी-चौड़ी और हैं- वहीं, दूसरी तरफ गुरुग्राम की सड़कें कहीं बहुत चौंड़ी और कहीं-कहीं बहुत ज्यादा संकरी हैं- इतनी ज्यादा संकरी की गाड़ियों को ठीक से ले जाने में भी दिक्कत आती है।

और पढ़ें: नोएडा की ‘गालीबाज’ महिला को सबक सिखाना आवश्यक है

सड़कों की स्थिति पर अगर बात करें तो वो भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गुरुग्राम की अपेक्षा कहीं अच्छी है- अब आगे बढ़ते हैं- बिजली आपूर्ति में नोएडा-ग्रेटर नोएडा का मुकाबला गुड़गांव कभी नहीं कर सकता- इसके पीछे एक मुख्य वज़ह यह है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्राइवेट कंपनियां बिजली की आपूर्ति करती हैं- इसलिए 24 घंटे की बिजली की आपूर्ति निश्चित है- वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम में हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पर बिजली की आपूर्ति निर्भर करती है-

इससे आगे पानी आपूर्ति की बात करें तो उसमें भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में जमीन आसमान का फ़र्क है- इन दोनों शहर में साफ-स्वच्छ और मीठा पानी जमीन से निकलता है- कोई भी बोरिंग करवाकर 24 घंटे पानी का आपूर्ति सुनिश्चित कर सकता है जबकि गुरुग्राम में पानी की आपूर्ति पश्चिमी यमुना कैनाल से होती है- इसी तरह से चाहे- ट्रैफिक की बात हो- मार्केट की बात हो- पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बात हो- रेंटल प्रोपर्टीज़ की बात हो- हाउसिंग सोसायटी की बात हो- नोएडा- ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम से इन्फ्रास्ट्रक्चर के सभी मानकों पर भारी पड़ता है-

कनेक्टिविटी

इन्फ्रास्ट्रक्चर के बाद अब हम बात करेंगे कनेक्टिविटी की- कनेक्टिविटी के मामले में अभी तक गुरुग्राम को एक विशेष लाभ इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का था- दिल्ली एयरपोर्ट गुरुग्राम के ज्यादा नज़दीक है- इस कारण से बहुत-सी कंपनियों ने अपने ऑफिस गुरुग्राम में खोले- लेकिन अब यह भी बदलने जा रहा है- जेवर एयरपोर्ट गुरुग्राम के इस इकलौते लाभ को भी छीन लेगा- विशाल जेवर एयरपोर्ट नोएडा, ग्रेटर-नोएडा को कनेक्विटिटी के क्षेत्र में बहुत आगे कर देगा।

जेवर एयरपोर्ट बदल देगा खेल। सोर्स: Bizz Buzz

सड़क से जुड़े होने की बात करें तो उसमें तो पहले से ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम से काफी आगे है- दिल्ली से गुरुग्राम जाने के तीन एंट्री पॉइट हैं- वहीं, अगर नोएडा-ग्रेटर नोएडा की बात करें तो दोनों ही शहर कई तरफ से दिल्ली से जुड़ते हैं-

कानून व्यवस्था

कानून व्यवस्था यह एक मानक है जिस पर कुछ वर्षों पहले तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा पर भी सवाल खड़े होते थे- लेकिन वो दौर बीत गया- उत्तर-प्रदेश में महंत योगी आदित्यनाथ की सरकार है- और इस सरकार में अपराधों पर कैसे रोक लगाई है यह बताने की कोई आवश्यकता नहीं- आज नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अपराधियों का या तो एनकाउंटर होता है या फिर उनके घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं।

और पढ़ें: योगी आदित्यनाथ ने कैसे ‘नोएडा जिंक्स’ के मिथक को ध्वस्त कर दिया है

ये दोनों शहर महिलाओं के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं- वहीं दूसरी तरह गुरुग्राम का जो चमकता-दमकता इलाका है- उससे थोड़ा-सा आगे बढ़ते हैं- बिहड़ शुरू हो जाता है- जयपुर हाइवे पर क्या-क्या नहीं होता है? एक्सल गैंग की घटनाओं से हम सभी वाकिफ़ हैं- सड़कों के दोनों तरफ का घना जंगल हमें यूं ही डरा देता है- इस तरह से इस मानक पर ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम पर भारी पड़ते हैं-

सरकारी नीतियां

अब हम अपने पांचवें और अंतिम बिंदु पर चर्चा करते हैं- और यह बिंदु है सरकारी नीतियां- सरकार की नीतियां भी कई मायनों में विकास की रफ्तार तय करती हैं- राज्य सरकार की नीतियों का सीधा प्रभाव उस राज्य के विकास पर पड़ता है- नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम के साथ भी यही हुआ- इसका सबसे बड़ा उदाहरण है- हरियाणा सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में खासकर उद्योगों में हरियाणा के स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया है-

इस फैसले पर बहुत विवाद हुआ- अदालतों में सुनवाई हुई-लेकिन खट्टर सरकार ने इसे लागू कर दिया- हरियाणा के युवाओं के लिए यह फैसला निसंदेह अच्छा है- लेकिन कंपनियों के लिए अच्छा नहीं है- 30 हजार तक का वेतन बहुत सी MSME कंपनियां अपने कर्मचारियों को देती हैं- कई बार वो कर्मचारी भारत के दूसरे राज्यों से आकर काम करते हैं-

ऐसे में कंपनियों के अंदर यह चर्चा चली कि गुरुग्राम को छोड़कर नोएडा-ग्रेटर नोएडा की तरफ जाना चलना चाहिए- इसके साथ ही निवेश करने की इच्छुक कंपनियां भी इस प्रावधान को तीखी दृष्टि से देख रही हैं- ऐसे में निवेश की दृष्टि से देखें तो नोएडा-ग्रेटर नोएडा तेजी से आगे बढ़ेगा- उसके पीछे यह भी एक कारण है।

और पढ़ें: जेवर एयरपोर्ट: नोएडा, गाजियाबाद और पूरा पश्चिमी यूपी फिर कभी पहले जैसा नहीं रहेगा!

दिल्ली का अब कुछ नहीं हो सकता!

अब आपके दिमाग में सवाल होगा कि हमने दिल्ली का नाम लिया है फिर दिल्ली से क्यों तुलना नहीं कर रहे- गुरुग्राम से ही क्यों कर रहे हो? आपका सवाल सही है- सभी मानकों में मैंने दिल्ली के साथ नोएडा-ग्रेटर नोएडा की कोई तुलना नहीं की- उसके पीछे कई कारण हैं- आइए, उन्हें समझते हैं-

1. दिल्ली में जितना विकास- जितना काम होना था- हो गया- अब इससे ज्यादा दिल्ली का कुछ नहीं हो सकता- हर तरफ से ठूसी हुई दिल्ली- दिल्ली अब ऐसी ही रहेगी। अब वहां विकास की कोई बड़ी संभावनाएं नहीं हैं।
2. दिल्ली का क्षेत्र बहुत सीमित है और जनसंख्या का भार बहुत ज्यादा- इसलिए प्रदूषण से लेकर- गदंगी तक- दिल्ली की स्थिति आने वाले वर्षों में और ज्यादा ख़राब ही होगी।
3. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और मुख्यमंत्री हैं अरविंद केजरीवाल- अरविंद केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांटने के झंडाबदार हैं- दिल्ली में भी वो यही कर रहे हैं- ऐसे में बजट का ज्यादातर हिस्सा रेवड़ियों के खर्च पर चला जाता है- विकास के कार्यों पर एक तरह से रोक लगी है।

इन सभी आधार पर कह सकते हैं कि दिल्ली का तो जो होना था- सो गया- अब कुछ नहीं होना- इसलिए आने वाले वर्षों में दिल्ली की स्थिति और ज्यादा ख़राब ही होगा- विकास की रफ्तार में वो नोएडा-ग्रेटर नोएडा से पीछे छूट जाएगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: Delhi Vs NoidaGreater NoidaGurugramGurugram vs NoidaNoidaगुरुग्रामनोएडा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पौराणिक कथाओं के नाम पर मनोहर कहानियां आपकी बुद्धि को भ्रष्ट बना रही हैं

अगली पोस्ट

‘सेक्युलरिज़्म’ भारत के संविधान में सदैव जुड़ा रहना चाहिए

संबंधित पोस्ट

देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा — लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?
क्राइम

देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा, लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

15 October 2025

देश में लोकतंत्र को अक्सर “जन की शक्ति” कहा जाता है। लेकिन, क्या यह शक्ति इतनी उदार होनी चाहिए कि वह उन्हीं लोगों को मंच...

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया
आयुध

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

14 October 2025

1947 के बाद कांग्रेस ने भारत की शिक्षा व्यवस्था, मीडिया और सांस्कृतिक संस्थाओं पर पूरा नियंत्रण जमा लिया। इतिहास को इस तरह दोबारा लिखा गया...

कर्नाटक में RSS पर रोक की तैयारी: कांग्रेस का वैचारिक खेल या राष्ट्रवाद पर हमला?
चर्चित

क्या RSS का विरोध करना कांग्रेस की राजनीति के लिए एकमात्र “धर्मनिरपेक्ष योग्यता” बन गया है? आपकी क्या राय है?

14 October 2025

कर्नाटक में हाल ही में उठाया गया कदम आरएसएस की गतिविधियों की समीक्षा और संभावित रोक की तैयारी, ये केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

What's behind India's big warning to Pakistan On Sir Creek ?

What's behind India's big warning to Pakistan On Sir Creek ?

00:07:52

How the Madras High Court Exposed DMK’s Temple Mismanagement?

00:06:07

Noakhali Hindu Genocide & The Betrayal By Indian National Congress

00:06:46

Why the Army’s Discipline Must Stand Above Religion — Explained

00:05:58

How the F-47’s Adaptive Engine Could Redefine Air Combat and What India Must Do Next

00:07:10
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited