TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

“बस हो, ट्रेन हो, रेलवे स्टेशन हो हम तो नमाज पढ़ेंगे, दूसरे भाड़ में जाएं”, इस्लामिस्टों की धौंस है

कभी सोचा है, इतने विवाद के बाद भी आखिर क्यों ये लोग ऐसा करते हैं?

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
22 October 2022
in समीक्षा
नमाज विवाद

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

आज मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं- सवाल यह है कि मान लीजिए आपके पास एक छोटा घर है, जिसमें आपका परिवार रहता है। एक या दो रिश्तेदार आ जाते हैं तो उनके लिए भी एक कमरा है लेकिन किसी दिन ज्यादा रिश्तेदार आ गए। मान लेते हैं दस लोग आ गए तो क्या आप उन दस लोगों को बाहर सड़क पर या बगल वाले पार्क में या पड़ोस की दुकान में या फिर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर सुला देंगे? आपका जवाब मैं जानता हूं- नहीं, आप उन्हें सुलाने की व्यवस्था भी घर में ही करेंगे, यही तरीका है। लेकिन हमारे देश के कुछ लोगों को इतनी सरल-सी बात समझ नहीं आती, उन्हें समझ नहीं आता कि सार्वजनिक स्थान, सार्वजनिक स्थान होते हैं, आपकी निजी संपत्ति नहीं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे सार्वजनिक स्थानों पर नमाज का चलन अब ट्रेनों तक पहुंच गया है।

और पढ़ें: ‘वक्फ बोर्ड आपके घर पर कब्जा जमा सकता है’, जानें कैसे कांग्रेस के मुस्लिम प्रेम ने अब पूरे देश को मुश्किल में डाल दिया है?

संबंधितपोस्ट

शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानीू

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

‘हिंदुओं के धार्मिक स्थानों की वक्फ बोर्ड से तुलना गलत’: Waqf कानून पर SC में सरकार ने दिया जवाब, 10 पॉइंट्स में समझें मामला

और लोड करें

यहां समझिए पूरा मामला

दरअसल, कुशीनगर में जो हुआ उसके बाद हमने सोचा कि क्यों न आपको सार्वजनिक स्थानों पर नमाज की इस नई परंपरा से विस्तार से अवगत करवाया जाए। दरअसल, उत्तर-प्रदेश के कुशीनगर जिले के खड्डा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के स्लीपर कोच में कुछ लोग नमाज पढ़ने लगे। अब जब रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकी है तो बहुत से लोगों को उतरना होता है और बहुत से लोगों को चढ़ना होता है लेकिन इन नमाजियों ने ट्रेन के पैसेज में बैठकर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया और दोनों तरफ अपने चेले लगा दिए। ये चेले लोगों को आने-जाने से रोक रहे थे। फिर क्या था, वही हुआ जो होना था। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कई लोगों की ट्रेन तक छूट गई, इसके साथ ही बहुत से यात्रियों को असुविधा हुई तो तमाम यात्रियों को नमाज खत्म होने की प्रतीक्षा करनी पड़ी।

अब आप सोचिए कि यह क्या हो रहा है? ट्रेन के स्लीपर कोच में नमाज पढ़ी जा रही है। इस पर बातचीत तो इसलिए शुरू हो गई क्योंकि इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह वीडियो किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा के पूर्व विधायक दीपलाल भारती ने बनाया था और उन्होंने ही इसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया। जब ट्रेन में नमाज पढ़ी जा रही थी, उस वक्त दीपलाल भारती भी वहीं मौजूद थे तभी उन्होंने यह वीडियो बनाई।

स्टेशन के बाद अब ट्रेन के स्लीपर कोच में नमाज.#kushinagar #ViralVideos pic.twitter.com/W01GBrD4LI

— Sohit Trivedi (@SohitTrivedi05) October 22, 2022

लुलु मॉल कांड भूले तो नहीं !

अब जब इस मामले पर चर्चा हो ही है तो चलिए कुछ पुरानी बातें भी निकाल लेते हैं। लुलु मॉल में भी यही हुआ। 10 जुलाई को लुलु मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया था। इसके बाद वहां कुछ इस्लामिस्टों ने नमाज पढ़नी शुरू कर दी। अब मॉल में नमाज होती देख, हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया तो मामले ने तूल पकड़ा और एक समुदाय द्वारा मॉल का उपयोग धर्म के नाम पर करने को लेकर हिंदू समुदाय ने अपना रोष प्रकट किया। साथ ही साथ हिंदू समुदाय द्वारा चेताया गया कि अगर मॉल में नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई तो वे भी वहां सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसके बाद वामपंथियों ने इसमें अपने एजेंडा भी घुसाया, कई वामपंथियों ने फेक न्यूज़ फैलाते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि नमाज हिंदुओं ने पढ़ी थी।

Fake News paddlers vs Reality pic.twitter.com/KPM1zbT5UU

— Political Kida (@PoliticalKida) July 19, 2022

 

वामपंथियों द्वारा यह थ्योरी चलाई गई कि मॉल में नमाज पढ़ना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा था और नमाज अदा करने वाले लोग मुस्लिम थे ही नहीं बल्कि यह काम हिंदू समाज से जुड़े लोगों ने किया था। वामपंथियों द्वारा दावा किया गया कि लखनऊ पुलिस ने गौरव गोस्वामी, सरोज नाथ योगी और कृष्ण कुमार पाठक को मॉल में नमाज पढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया। कांग्रेस समर्थकों से लेकर लिबरल लॉबी से जुड़े तमाम लोगों ने इस थ्योरी को हवा देने का खूब प्रयास किया। परंतु झूठ तो झूठ होता है और यह ज्यादा देर तक नहीं टिक पाता। ऐसा ही कुछ इस बार भी हुआ। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने वामपंथियों के उस दावे का खंडन कर उनकी पूरी की पूरी पोल पट्टी ही खोलकर रख दी।

सोशल मीडिया पर लू-लू मॉल प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ युवकों का नाम लेकर भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही है, जो कि पूर्णतया असत्य है ।

लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस इस भ्रामक खबर का पूर्ण रूप से खण्डन करती है।@Uppolice pic.twitter.com/KREhWwnAZu

— LUCKNOW POLICE (@lkopolice) July 18, 2022

गुरुग्राम में भी यही हुआ था

तो यह था लुलु मॉल का पूरा मामला, अब हम और आगे बढ़ते हैं और गुरुग्राम की बात करते हैं। गुरुग्राम में खुले में नमाज का मामला निरंतर विवादों में बना रहा। प्रत्येक शुक्रवार को हजारों की संख्या में इस्लामिस्ट गुरुग्राम में खुले में नमाज करते। बड़ी तादाद में होती इस नमाज से लोगों को अच्छी खासी परेशानी होती रही लेकिन इससे नमाजियों को कोई फर्क नहीं पड़ा, वे सार्वजनिक स्थान पर अपना धार्मिक कार्य करते रहे। इस पर रोक नहीं लगते देखकर हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हिंदू संगठनों ने गुरुग्राम में प्रत्येक शुक्रवार को प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके बाद कई बार तो पुलिस सुरक्षा में नमाज पढ़ी गई। अंत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बयान जारी करके कहा कि खुले में नमाज को शक्ति प्रदर्शन का तरीका नहीं बनाया जाना चाहिए।

लुलु मॉल और गुरुग्राम की बात हमने कर ली, अब और आगे बढ़ते हैं। बिहार में खुले में नमाज के कई मामले हमारे सामने आ चुके हैं, यहां तक कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर नमाज के मामले हमारे सामने आ चुके हैं। अब हमारे सामने एक सवाल आता है कि आखिरकार इस्लामिस्ट ऐसा करते क्यों हैं? सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ना या फिर खुले में नमाज पढ़ना, इस्लामिस्टों की इसके पीछे क्या साज़िश रहती है? अगर आप इस पर चिंतन करें तो पाएंगे कि इसके पीछे उनकी साज़िश सीधे-सीधे जमीन पर कब्जा करने की, जमीन हड़पने की, जमीन को विवादित बनाने की या फिर अपनी ताकत दिखाने की साज़िश होती है। सरकारी ज़मीन को हड़पकर पहले तो उस पर धार्मिक ढांचा बना दिया जाता है और जब बाद में कोई विवाद खड़ा होता है तो मामले को धर्म से जुड़ा बताकर इसे संवेदनशीलता के नाम पर टाल दिया जाता है और इस तरह यह ज़मीन हड़पने का सिलसिला चलता रहता है।

और पढ़ें: ‘लुलु मॉल में हिंदुओं ने पढ़ी थी नमाज’, आरजे सायमा समेत वामपंथियों ने ऐसे फैलाई फ़ेक न्यूज़

वर्ष 2019 में उत्तर-प्रदेश से ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जब एक समुदाय के लोगों ने अवैध तरीके से सरकारी ज़मीन पर मस्जिद निर्माण करने की कोशिश की थी लेकिन दूसरे लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी और पुलिस ने वहां किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी। पुलिस ने उत्तर-प्रदेश में रोक लगा दी थी क्योंकि वहां योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, इससे पहले वर्ष 2013 में गौतमबुद्ध नगर से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जब सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण करवा दिया गया था। उस वक्त उस इलाके की SDM IAS दुर्गा शक्ति नागपाल थीं। उन्होंने उस वक्त उस मस्जिद की एक दीवार को गिरवा दिया था, जिसके बाद तत्कालीन अखिलेश सरकार को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने उस अफसर को सस्पेंड करना ही बेहतर समझा।

अब आप समझिए कि कैसे वर्षों-वर्षों तक इस देश की सरकारों ने एक समुदाय विशेष का तुष्टीकरण किया है। समुदाय विशेष के लिए कोई कानून नहीं, कोई नियम नहीं, खुलेआम मनमानी करने दो, बस इसलिए क्योंकि उनके वोट इन राजनीतिक दलों को चाहिए होते हैं। यही होता रहा, इसीलिए आज वक्फ कानून जैसा कानून इस देश में लागू है। वक्फ का शाब्दिक अर्थ है खड़ा होना, रोकना या कब्जे में लेना। थॉमस पैट्रिक ह्यूजेस (रूपा एंड कंपनी, दिल्ली, 1999) द्वारा रचित इस्लाम का शब्दकोश वक्फ शब्द की व्याख्या करता है। यह धर्मार्थ उपयोग हेतु संपत्ति का विनियोग या समर्पण है। यह एक प्रकार की धार्मिक बंदोबस्ती है जिसका जमींदार वक्फ बोर्ड है।

वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन!

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में भूमि के मामले में वक्फ की जमींदारी अकल्पनीय रूप से बहुत बड़ी है। इसमें लगभग 4 लाख पंजीकृत संपत्ति और लगभग 6 लाख एकड़ भूमि शामिल है। राज्यसभा के पूर्व उप सभापति के रहमान खान की अध्यक्षता वाली एक संयुक्त संसदीय समिति के अनुसार, भारतीय रेलवे और रक्षा विभाग के बाद भूमि का तीसरा सबसे बड़ा स्वामित्व वक्फ बोर्ड का है। वर्ष 2013 में मनमोहन सिंह ने वक्फ बोर्ड एक्ट 1995 में संसोधन करके इसकी ताकत को चरम पर पहुंचा दिया और इसके बाद से लगातार ऐसे कई मामले हमारे सामने आए हैं, जिसमें वक्फ बोर्ड ने किसी मंदिर की, किसी व्यक्ति की, किसी संस्था की जमीन को अपना बताकर उस पर कब्जा कर लिया हो। हाल ही में तमिलनाडु से एक ऐसा ही मामला हमारे सामने आया- जिसमें वक्फ बोर्ड ने एक पूरे गांव की जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया। कुशीनगर में ट्रेन में जिन लोगों ने नमाज पढ़ी उन पर पुलिस कार्रवाई कर लेगी लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होता। समस्या का समाधान तभी होगा जब नमाज सार्वजनिक स्थानों पर नहीं पढ़ी जाएगी और इसके लिए एक सख्त और मजबूत कानून बनाकर उसका सख्ती से पालन करवाया जाएगा।

और पढ़ें: वक्फ बोर्ड को दिल्ली ‘बेचना’ चाहती थी UPA सरकार?

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: ट्रेन में नमाजनमाज़लुलु मॉलवक्फ बोर्ड
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

“पूरा पाकिस्तान रेंज में है”, अपने अतिप्रिय पड़ोसी के लिए ही भारत ने अग्नि प्राइम मिसाइल बनाई है

अगली पोस्ट

पीएम मोदी ने युवाओं के लिए धार्मिक यात्रा को ‘कूल’ कैसे बना दिया?

संबंधित पोस्ट

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई
क्राइम

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

23 October 2025

जब मां काली की मूर्ति का सिर काट दिया जाए और सत्ता मौन रह जाए, तो यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सभ्यता और श्रद्धा...

‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन
चर्चित

‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

23 October 2025

बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी तापमान पर है। हर पार्टी जनता को रिझाने की कोशिश में है, लेकिन इस बार जो वर्ग सबसे...

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत
इतिहास

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

22 October 2025

जून 2025 में सऊदी अरब ने आधिकारिक रूप से अपने विवादित कफाला प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था, जिसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited