COP27: विकासशील देशों का नेता बनकर उभरा भारत, चीन भी पीछे खड़े होने को मजबूर

COP 27 सम्मेलन में विकसित देशों के प्रस्ताव को विकासशील देशों ने नकार दिया। विकासशील राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व इस बार भी भारत ने ही किया। भारत ने विकसित देशों को आंकड़े दिखाते हुए चुप करा दिया।

COP 27 और भारत, India’s eclipsing of China is complete

source- TFI

वैश्विक स्तर पर भारत का कद लगातार बढ़ता जा रहा है, इतना ही नहीं आज का भारत दुनिया के कथित शक्तिशाली देशों को भी अपने पीछे-पीछे चलाने की ताकत रखता है। आज का भारत दुनिया के विकसित देशों को भी आइना दिखा रहा है। इतना सब कुछ भारत की मजबूत विदेश नीति और एक मजबूत नेतृत्व के चलते ही संभव हो पा रहा है। अब आप मिस्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (COP 27) को ही देख लीजिए जिसमें भारत ने विकासशील देशों को लीड किया और इस सम्मेलन में विकसित देशों की बोलती बंद कर दी। इस घटना से भारत की वैश्विक पटल पर बढ़ती ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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COP 27 और भारत

दरअसल, मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन चल रहा है। यह सम्मेलन 18 नवंबर तक चलेगा जिसमें विश्व मौसम संबधी घटनाओं और ऊर्जा संकट साथ ही जलवायु संबंधी चुनौतियों के बारे में चर्चा की जा रही है। COP27 की बैठक में चर्चा के दौरान भारत ने विकसित देशों की नापाक चाल को नाकाम कर दिया। बता दें कि विकसित देशों ने चर्चा के दौरान कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन के लिए विकासशील देशों के ऊपर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की लेकिन भारत ने विकसित देशों की इस चाल पर पानी फेर दिया।

पहले भारत ने इस मुद्दे पर मजबूती से आवाज उठाई जिसके बाद चीन और तमाम विकासशील देशों ने विकसित देशों की इस चाल का विरोध करना शुरू कर दिया। आपको बता दें कि COP ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ के अंतर्गत आता है। इसका पूरा नाम कॉन्फ्रेंस ऑफ़ पार्टिस है। भारत भी इसका सदस्य है। COP का पहला सम्मेलन मार्च, 1995 को बर्लिन में आयोजित किया गया था। मिस्र में COP के 27वें संस्करण का आयोजन किया जा रहा है।

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जिम्मेदार अमीर देश

विकसित देशों की चाल ये थी कि जलवायु वार्ता के पहले सप्ताह में भारत और चीन समेत सभी शीर्ष 20 उत्सर्जक देश सिर्फ जलवायु परिवर्तन के लिए ऐतिहासिक रूप से जिम्मेदार अमीर देशों के बारे में चर्चा न करें, बल्कि सभी शीर्ष कार्बन उत्सर्जक देश कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती के मुद्दे पर भी चर्चा करें। लेकिन भारत ने विकसित देशों की इस दुष्ट चाल को नाकाम कर दिया।

ग्लोबल वार्मिंग को लेकर विकसित देशों के द्वारा शीर्ष 20 उत्सर्जक विकासशील देशों को दोषी ठहराया जाता रहा है। भारत के द्वारा विकसित देशों की इस चाल का विरोध करने के बाद चीन समेत और भी विकासशील देश भारत का समर्थन देने के लिए मजबूर हो गए। भारत इस बैठक में विकासशील देशों की अगुवाई करता दिखा और भारत की अगुवाई में ही सभी विकासशील देशों ने मिलकर विकसित देशों की चाल का डटकर सामना किया।

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पश्चिमी देश को दिखाया आइना

दरअसल, जब भी प्रदूषण की समस्या पर बात की जाती है तो पश्चिम देश अपना पल्ला झाड़ते दिखाई पड़ते हैं और प्रदूषण का ठीकरा विकासशील देशों पर फोड़ देते हैं। लेकिन इस बार भारत ने पश्चिमी देशों को आइना दिखा दिया है। और इस घटना में चीन भी भारत के पीछे खड़ा है।

पर्यावरण के लिए कार्बन उत्सर्जन विश्वभर के लिए गंभीर चिंता का विषय है और चीन दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन करने वाला देश है। वहीं ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के वैज्ञानिकों की एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष अमेरिका में कार्बन उत्सर्जन के बढ़ने की बात सामने आई है। आज विश्व का बड़ा चौधरी बनने का प्रयास कर रहा चीन भी भारत की वैश्विक पटल पर बढ़ती ताकत के सामने नतमस्तक है। इसका नवीन उदाहरण COP27 की बैठक में भारत के द्वारा विकासशील देशों का नेतृत्व करना है।

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