TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

चुनावी विश्लेषण: क्या विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपामय होगा तेलंगाना ?

तेलंगाना में भाजपा अपनी पकड़ काफी मजबूत कर चुकी है. ऐसे में केसीआर के लिए अगला विधानसभा चुनाव 'एकतरफा' तो कतई नहीं होगा.

TFI Desk द्वारा TFI Desk
5 January 2023
in समीक्षा
2023 Telangana Assembly election

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

बीजेपी दक्षिण भारत की राजनीति में विस्तार करने की कोशिश में है। कर्नाटक के बाद यदि पार्टी दक्षिण भारत में कहीं सबसे ज्यादा अपना जोर लगाती है तो वह सीधे तौर पर तेलंगाना ही है। अब आप कहेंगे कि तेलंगाना में भी बीजेपी की स्थिति कुछ खास नहीं है तो बता दें कि पार्टी यहां विधानसभा चुनावों के लिहाज से पूरा जोर लगा रही है। यही कारण है कि बीजेपी से राज्य के सीएम और BRS प्रमुख के चंद्रशेखर राव भी डरने लगे हैं। उन्हें पता है कि राज्य में 2023 के विधानसभा चुनाव (2023 Telangana Assembly election) उनके लिए बीजेपी कठिन बना देगी और संभव है कि पार्टी सत्ता से बेदखल भी हो जाए।

ज्ञात हो कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव तेलंगाना के गठन को लेकर काफी आक्रामक रहे थे। नतीजा यह रहा कि जब गठन के बाद पहला चुनाव हुआ तो उनकी धमाकेदार जीत हुई। वहीं, उनकी परेशानी यह थी कि उसी दौरान मोदी युग की शुरुआत भी हुई और बीजेपी ने वहां अपना विस्तार करने का मन बना लिया। 2018 में हुए राज्य के दूसरे विधानसभा चुनाव में भी केसीआर की पार्टी ने आसानी से चुनाव में जीत हासिल कर ली लेकिन उसके बाद के पांच वर्षों में काफी कुछ बदल चुका है‌। स्थिति तो ऐसी बन गई है कि अब विधानसभा चुनाव 2023 में केसीआर को चुनाव (2023 Telangana Assembly election) जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। यानी अभी तक जिस तरह से एकतरफा जीत उन्हें मिल रही थी, वह अब संभव नहीं है और यह स्पष्ट है कि वर्ष 2023 से चीजें बदल जाएंगी।

संबंधितपोस्ट

गैंग ऑफ़ दारूपुर: इस नई महागाथा में ‘सरदार केजरीवाल’ और ‘रामाधीर केसीआर’ मित्र बन गए हैं

शराब और मुर्गा बांटकर पीएम बनने का ख्बाव देख रहे हैं केसीआर!

नीतीश के पास एक मास्टरप्लान है अपने विरोधियों को “चारों खाने चित्त करने का”

और लोड करें

और पढ़ें: चुनावी विश्लेषण: कर्नाटक में भाजपा को सत्ता दोबारा मिल जाएगी लेकिन…

बीआरएस का बीजेपी से सीधा मुकाबला

दरअसल, 2023 में देश के 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और तेलंगाना (2023 Telangana Assembly election) भी उन्हीं राज्यों में से एक है। वैसे तो राज्य में बीआरएस (पहले टीआरएस), कांग्रेस, AIMIM, बीजेपी और अन्य पार्टियां मौजूद हैं लेकिन इस बार का चुनाव बीआरएस बनाम बीजेपी हो सकता है। वहीं, यह संभावनाएं भी जताई जा रही है कि अंतिम क्षणों में जब बीआरएस के पास कोई रास्ता नहीं होगा तो बीआरएस, कांग्रेस से गठबंधन भी कर सकती है और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का समर्थन पहले से ही उसके पास है, जिसके कारण सीधा मुकाबला बीआरएस गठबंधन बनाम बीजेपी होगा। सबको पता है कि तेलंगाना में AIMIM, बीआरएस की बी टीम बनकर काम करती है। ऐसे में सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि इस बार सभी दल एक साथ मिलकर 2023 Telangana Assembly election में बीजेपी से मुकाबला करेंगे।

बीआरएस को पता है कि बीजेपी उसके लिए तेलंगाना में मुख्य चुनौती बन सकती है और यही कारण है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बीजेपी को केंद्रीय स्तर पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। के चंद्रशेखर राव यह दिखा रहे हैं कि वो राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प बन सकते हैं, जबकि स्थिति यह है कि वो तेलंगाना में ही बीजेपी से मात खा सकते हैं। इस डर को देखते हुए अपनी नीति के तहत केसीआर ने अपनी पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्रीय समिति से बदलकर भारतीय राष्ट्रीय समिति यानी बीआरएस कर लिया। इससे यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि केसीआर राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को चुनौती देंगे, जबकि बीजेपी ने असल चुनौती तो उन्हें तेलंगाना में ही दे रखी है।

राज्य में गिरता जा रहा है केसीआर का ग्राफ

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो राज्य की 119 विधानसभा सीटों में से बीआरएस को 88 सीटों के साथ 73.95% वोट प्रतिशत हासिल हुआ था। इसके अलावा कांग्रेस को 19 और टीडीपी को 2 सीटें मिली थी। इस गठबंधन को करीब 17 प्रतिशत वोट मिला था। वहीं, 2018 में बीजेपी को 1 सीट के साथ 0.84 प्रतिशत वोट मिला था। खास बात यह है कि उस चुनाव में AIMIM को 7 सीटें मिली थीं। ध्यान देने योग्य है कि अन्य दलों के विधायकों के शामिल होने के बाद मौजूदा समय में बीआरएस के विधायकों की संख्या 102 हो गई है लेकिन BRS की मुसीबतें उपचुनाव में बढ़ी, जब बीजेपी ने उपचुनाव जीतकर दो विधायकों की बढ़त हासिल कर ली।

बता दें कि नवंबर में हुए उपचुनाव में भी बीआरएस के खिलाफ बीजेपी ने हुजूराबाद सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं, अगर हम वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने सबसे ज्यादा 90 सीटें जीती थी। कांग्रेस को 13, एआईएमआईएम को 7, तेलुगु देशम पार्टी को 3 और सीपीआई को 1 सीटें मिली थी। वहीं, बीजेपी ने 5 सीटों पर जीत हासिल की थी।‌ इसके अलावा लोकसभा चुनावों के लिहाज से देखें तो 2019 में बीजेपी का प्रदर्शन काफी अच्छा था।

राज्य की 17 सीटों में बीआरएस ने 9, बीजेपी ने 4, कांग्रेस ने 3 और AIMIM ने एक सीट हासिल की थी। लेकिन उसके बाद बीजेपी राज्य में काफी ज्यादा सक्रिय हो गई। आपने देखा होगा कि राज्य में अन्य विपक्षी पार्टियां केसीआर के खिलाफ एक बयान तक नहीं देती हैं लेकिन वही बीजेपी ने केसीआर के भ्रष्टाचार को लेकर उनका धागा खोलना शुरू कर दिया और उसका नतीजा हमें हैदराबाद नगर निगम चुनाव 2020 में देखने को मिला।

और पढ़ें: गैंग ऑफ़ दारूपुर: इस नई महागाथा में ‘सरदार केजरीवाल’ और ‘रामाधीर केसीआर’ मित्र बन गए हैं

60 सीटों पर मुस्लिमों का प्रभाव

बीजेपी ने पूरे दम खम के साथ चुनाव लड़ा और पिछले नगर निगम चुनाव में 150 में से 99 सीटें जीतने वाली बीआरएस 2020 में 55 सीटों पर सिमट गई। वहीं, पिछले चुनाव में 4 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने 48 सीटों पर बढ़त बना ली। इसके अलावा एआईएमआईएम ने 44 सीटों पर जीत हासिल की थी।

राज्य के जातिगत समीकरण की बात करें तो तेलंगाना में मुस्लिम वोटर्स 12 फीसदी हैं। हैदराबाद की 10 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 35 से 60 फीसदी और राज्य की करीब 50 सीटों पर 10 से 40 फीसदी के बीच है। सटीक शब्दों  में कहें तो 119 में से 60 सीटों पर उनका सीधा प्रभाव है। यह बीआरएस और कांग्रेस के मूल वोट बैंक माने जाते रहे हैं लेकिन आपको बता दें कि मुस्लिम समाज का एक वर्ग बीआरएस से नाखुश भी है। उनकी दलील है कि पार्टी ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण को चार फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया है, जो कि आगामी चुनाव में केसीआर की लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

बता दें कि राज्य के 33 जिलों में से कम से कम 9 जिलों में अनुसूचित जाति की 20% से अधिक आबादी है। मंचेरियल जिले में सबसे अधिक 25.64% दलित आबादी है, जबकि हैदराबाद में दलित आबादी का सबसे कम प्रतिशत 11.71 है। राज्य में अनुसूचित जाति की औसत आबादी 17.53 फीसदी है। कई सीटों पर अनुसूचित जाति का सीधा प्रभाव है और बीजेपी इन्हें साधने में जुटी हुई है।

केसीआर को नहीं मिलेगी आसान जीत

बीजेपी के लिए खास बात यह है कि केसीआर के नंबर दो माने जाने वाले इटाला राजेंद्र ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। वहीं, दूसरी ओर बीआरएस की सबसे बड़ी समस्या यह है कि पार्टी पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं। राज्य में पार्टी की छवि 10 वर्ष की सत्ता विरोधी लहर के चलते नकारात्मक हो गई है। इसके अलावा वंशवाद और राष्ट्रीय राजनीति के चक्कर में तेलंगाना को दरकिनार करने की मंशा केसीआर के लिए मुसीबत बन‌ सकती है।

यह भी कहा जाता है कि जब भी क्षेत्रीय पार्टी, राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर कदम बढ़ाती है तो लोगों का भरोसा डगमगाने लगता है। ऐसे में केसीआर के लिए थोड़ी परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि केसीआर को लेकर तेलंगाना की जनता का मूड अब पहले जैसा तो बिल्कुल भी नहीं है। खास बात यह है कि बीजेपी काफी तेजी से तेलंगाना में विस्तार कर रही है। पिछले चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 1 फीसदी भी नहीं था लेकिन इस बार अनुमान है कि केसीआर की पार्टी का वोट प्रतिशत तो कम होगा ही, साथ ही विपक्ष का जो वोट प्रतिशत है वह भी इस बार बीजेपी की ओर खिसक सकता है।‌

क्योंकि राज्य में कांग्रेस की स्थिति डांवाडोल है, लेफ्ट खात्मे की ओर है। इसके कारण लोग बीजेपी को बीआरएस के विकल्प के रूप में देख भी रहे हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि तेलंगाना में केसीआर की जीत आसान नहीं होगी। यह टक्कर भले ही बीजेपी को सत्ता तक न पहुंचा पाए लेकिन केसीआर के विजय रथ को धीमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

और पढ़ें: चुनावी विश्लेषण: कांग्रेस का ‘राजस्थान गढ़’ भी जाने वाला है

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Tags: केसीआरतेलंगाना विधानसभा चुनावतेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

विभिन्न प्रकार के शिवलिंग और उनसे जुड़े लाभ के बारे में विस्तार से जानिए

अगली पोस्ट

भारत के पूर्वी मोर्चे पर एक और पाकिस्तान उभर रहा है

संबंधित पोस्ट

ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम
चर्चित

जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

25 October 2025

बिहार में चुनावी रणभेरी बज चुकी है और बीजेपी ने अपने तीर अब सिर्फ विपक्ष पर नहीं, बल्कि उसकी छवि और स्मृति पर साध दिए...

ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम
चर्चित

ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

24 October 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान समिट में वर्चुअल रूप से शामिल होने का निर्णय लिया है। पहली नज़र में यह एक साधारण प्रशासनिक फैसला प्रतीत...

कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू
चर्चित

कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

24 October 2025

समस्तीपुर की धूप में उमड़ता जनसागर, हाथों में लहराते झंडे और मंच से गरजती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज़। यह सिर्फ एक चुनावी सभा नहीं...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Mahua Moitra Agreed with a Foreign Hate-Monger Who Insulted Hindus!

Why Mahua Moitra Agreed with a Foreign Hate-Monger Who Insulted Hindus!

00:07:31

The Nepal Template: How BBC Is Subtly Calling for ‘Gen Z’ Riots in India?

00:08:13

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited