हिंडनबर्ग रिपोर्ट: विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के शक्तिशाली समूह G-20 की अध्यक्षता भारत के पास है। पिछले वर्ष दिसंबर में औपचारिक रूप से भारत ने G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी। भारत 30 नवंबर 2023 तक G-20 की अध्यक्षता करेगा जिसके अंतर्गत भारत के 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। लेकिन भारत को G-20 की अध्यक्षता मिलते ही कुछ भारत विरोधी तत्व सक्रिय हो गए हैं जिन्होंने भारत के विरुद्ध सूचना युद्ध छेड़ दिया है। अब आपके मन में एक प्रश्न आ रहा होगा कि कैसा सूचना युद्ध और ये युद्ध छे़ड़ा किसने हैं?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट
पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएं घटी हैं जो इस सूचना युद्ध का सबूत देती हैं। इसका एक उदाहरण हाल में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट है। जो भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर छापी गई है। इस रिपोर्ट की वज़ह से अडानी के शेयर धड़ाम से गिए गए।
20 हजार करोड़ का FPO अडानी समूह को वापस लेना पड़ा। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इसे दो साल की रिसर्च के बाद और अडानी ग्रुप में काम कर चुके अधिकारियों से बातचीत करने के बाद तैयार किया गया है।
हालांकि अडानी ग्रुप की ओर से हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रतिउत्तर में 413 पन्नों की एक रिपोर्ट भी जारी कर दी गई है, जिसमें ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप ‘‘झूठ के सिवाए कुछ नहीं है’ साथ ही यह ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं के विकास की कहानी पर सुनियोजित हमला है।’
बीबीसी की डॉक्टूमेंट्री
विरोधी पश्चिमी देशों के द्वारा भारत विरोधी अभियान को हवा देने का एक ओर उदाहारण है बीबीसी की हाल में आई डॉक्यूमेंट्री। ब्रिटिश न्यूज़ एजेंसी बीबीसी (BBC) ने अपनी डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने की कोशिश की है।
बीबीसी ने भारत विरोधी एक दो पार्ट की डॉक्यूमेंट्री बनाई। जिसका नाम दिया ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्न’। इस डॉक्यूमेंट्री के दोनों भागों में बीबीसी सिर्फ एक एजेंडा लेकर चली- मोदी को मुस्लिमों का दुश्मन साबित करना। मोदी को मुस्लिमों का विरोधी साबित करना। कुल मिलाकर इस डॉक्यूमेंट्री का एक मात्र उद्देश्य पीएम मोदी और भारत की छवि को धूमिल करना ही प्रतीत होता है।
एम्स पर साइबर अटैक
ऐसे ही नवबंर 2022 में दिल्ली एम्स का मुख्य सर्वर डाउन हो गया था। जिसके बाद भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि जांच में जुट गए थे। जिसके बाद बड़ा खुलासा हुआ।
इसमें बताया गया कि एम्स के सर्वर पर चीन के द्वारा हमला किया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन स्ट्रैट्रिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) की जांच में भी साइबर अटैक में इस्तेमाल की गईं ईमेल आईडी का ओरिजिन चीन में होने की बात सामने आई थी।
ये सभी उदाहारण भारत विरोधी छेड़े जा रहे सूचना युद्ध की ओर इशारा करते हैं। इस सूचना युद्ध छेड़ने की वजह भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती ताकत है जोकि चीन और पश्चिमी देशों को रास नही आ रही है। जिस कारण भारत की तरक्की से परेशान ड्रैगन और पश्चिमी देश भारत के विरुद्ध षंडयंत्र कर रहे हैं। इसलिए अब समय है कि भारत ऐसी ताकतों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे।
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