‘खिसयानी बिल्ली खम्भा नोचे’ के बारे में आप में से कई पाठक अवश्य परिचित होंगे. इसी का जीता जागता उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला, जब उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर के उद्घाटन के पश्चात् सांप्रदायिक दंगों की ‘सम्भावना’ जताई!
जहाँ पूरा राष्ट्र अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, शिव सेना यूबीटी के बड़बोले प्रमुख ने यूपी के अमंगल की कामना की है। इनके अनुसार, ‘ऐसी संभावना है कि सरकार राम मंदिर उद्घाटन के लिए बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है, उन्हें बसों और ट्रकों में ले जाया जा सकता है। उनकी वापसी यात्रा में गोधरा की दुखद घटनाओं जैसी कोई घटना घट सकती है’।
इस उत्तेजक बयान की आलोचना हुई है, कई लोगों ने ऐसे दावों के आधार पर सवाल उठाया है। अनुराग ठाकुर जैसे केंद्रीय मंत्रियों से लेकर महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन तक, अधिकांश नेताओं ने इस तरह के डर फैलाने के लिए उद्धव और उनकी मंडली की आलोचना की।
#WATCH | On Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray's remarks on Ram Mandir, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "…All I would like to say is that this entire alliance, that is against PM Modi, can go to any limit for votes…I would like to pray to Lord Ram to give them some… https://t.co/Zme5rTQMI6 pic.twitter.com/54bCbNWkhm
— ANI (@ANI) September 11, 2023
ऐसा लगता है कि ठाकरे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की किताब का एक पन्ना निकाल रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर और बाद में मेघालय के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के बजाय अपने विवादास्पद बयानों के लिए अधिक जाने जाते हैं।
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ठाकरे ने विवादास्पद टिप्पणी की है। पिछले दिनों उन्होंने दावा किया था कि पुलवामा हमला चुनावी लाभ हासिल करने के लिए बीजेपी द्वारा रची गई साजिश थी.
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उद्धव के मुताबिक,
“एक और संभावना के बारे में बात की जा रही है और देश के सभी हिंदुओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। अब खुलासा हो गया है कि पाकिस्तान का हमला झूठी बात थी. वे चांद पर घर का वादा भी कर सकते हैं. देखिए राम मंदिर बन रहा है जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है. मैं कहता हूं कोई भूमिका नहीं क्योंकि, उन्होंने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया, उन्होंने राम मंदिर बनाने का आदेश नहीं दिया – यह अदालत ने दिया था, और पैसा लोगों और सरकारी खजाने द्वारा दिया गया था”।
परन्तु ये तो केवल प्रारम्भ था, क्यों मियां उद्धव आगे फरमाते हैं, “उस समय, जैसा कि सत्यपाल मलिक और महुआ मोइत्रा ने कहा था, वे हजारों और लाखों हिंदुओं को अयोध्या में बुलाएंगे।” पूरे देश में। वे उन्हें बस और ट्रेन से अयोध्या लाएंगे. और जब कार्यक्रम के बाद ये ट्रेनें और बसें अपने-अपने स्थानों पर वापस जाएंगी, तो मुस्लिम बस्तियों से गुजरते समय वे इन बसों और ट्रेनों पर हमले की साजिश रचेंगे ताकि पूरे देश में दंगे भड़काए जा सकें”.
इन्ही हरकतों के कारण उद्धव ने पहले सत्ता, और फिर शिवसेना, दोनों पर अपना आधिपत्य खो दिया. परन्तु मजाल है कि इन्हे तनिक भी अक्ल आई हो. अब भी ये सोचते हैं कि इनके साथ अन्याय हुआ है, और इसके चक्कर में ये अनर्गल प्रलाप करने से बाज़ नहीं आ रहे. अगर ये अब भी न चेते, तो शीघ्र ही ये यशवंत सिन्हा और योगेंद्र यादव की श्रेणी में सम्मिलित होंगे: न घर के, और न ही घाट के!
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