TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान पीएम मोदी

    पीएम मोदी के संबोधन पर पाकिस्तानी और विदेशी मीडिया ने क्या कहा?

    operation sindoor trademark

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ट्रेडमार्क को लेकर क्या है विवाद?

    india pakistan ceasefire inside story

    भारत पाकिस्तान ‘सीजफायर’ की इनसाइड स्टोरी, क्यों अमेरिका के पास पहुंचा पाक?

    India Pakistan Ceasefire

    Ceasefire: 86 घंटे की लड़ाई 1 घंटे 25 मिनट में खत्म, सीजफायर के बाद क्या बोली सरकार और सेना?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अमेरिका पर भारत लगाएगा रेसिप्रोकाल टैरिफ

    टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    GST On UPI Transactions

    क्या सच में 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? जानें सरकार का स्पष्टीकरण

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    BrahMos

    पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘BrahMos’ की पूरी कहानी, जानें क्या है अब्दुल कलाम से संबंध?

    China Pakistan Operation Sindoor India

    ऑपरेशन सिंदूर से ड्रैगन की खुली पोल: पाकिस्तान की हार में चीन को क्यों हो रहा है दर्द?

    India Pakistan Ceasefire

    परमाणु विहीन हो जाता पाकिस्तान! आखिर कैसे भारत ने घुटनों पर लाया?

    Operation Sindoor Indian Air Force

    ‘ऑपरेशन सिंदूर जारी है, कोई कयास न लगाएं’, कहां है वायुसेना का इशारा?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Turkey helping Pakistan

    भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा है तुर्की?

    JD Vance On India Pakistan tension

    भारत के साथ दुनिया: पाकिस्तान को अमेरिका से झटका, जेडी वेंस ने कहा- हम दखल नहीं देंगे

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

    भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    NC Classic Arshad Nadeem Neeraj Chopra

    नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के अरशद नदीम को NC क्लासिक में खेलने का दिया न्यौता, आलोचना के बाद दी सफाई

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    Loud Horns Health Minister Nitin Gadkari

    तेज हॉर्न सेहत पर कैसे डालते हैं असर? नितिन गडकरी निकालेंगे समाधान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान पीएम मोदी

    पीएम मोदी के संबोधन पर पाकिस्तानी और विदेशी मीडिया ने क्या कहा?

    operation sindoor trademark

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ट्रेडमार्क को लेकर क्या है विवाद?

    india pakistan ceasefire inside story

    भारत पाकिस्तान ‘सीजफायर’ की इनसाइड स्टोरी, क्यों अमेरिका के पास पहुंचा पाक?

    India Pakistan Ceasefire

    Ceasefire: 86 घंटे की लड़ाई 1 घंटे 25 मिनट में खत्म, सीजफायर के बाद क्या बोली सरकार और सेना?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अमेरिका पर भारत लगाएगा रेसिप्रोकाल टैरिफ

    टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    GST On UPI Transactions

    क्या सच में 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? जानें सरकार का स्पष्टीकरण

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    BrahMos

    पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘BrahMos’ की पूरी कहानी, जानें क्या है अब्दुल कलाम से संबंध?

    China Pakistan Operation Sindoor India

    ऑपरेशन सिंदूर से ड्रैगन की खुली पोल: पाकिस्तान की हार में चीन को क्यों हो रहा है दर्द?

    India Pakistan Ceasefire

    परमाणु विहीन हो जाता पाकिस्तान! आखिर कैसे भारत ने घुटनों पर लाया?

    Operation Sindoor Indian Air Force

    ‘ऑपरेशन सिंदूर जारी है, कोई कयास न लगाएं’, कहां है वायुसेना का इशारा?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Turkey helping Pakistan

    भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा है तुर्की?

    JD Vance On India Pakistan tension

    भारत के साथ दुनिया: पाकिस्तान को अमेरिका से झटका, जेडी वेंस ने कहा- हम दखल नहीं देंगे

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

    भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    NC Classic Arshad Nadeem Neeraj Chopra

    नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के अरशद नदीम को NC क्लासिक में खेलने का दिया न्यौता, आलोचना के बाद दी सफाई

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    Loud Horns Health Minister Nitin Gadkari

    तेज हॉर्न सेहत पर कैसे डालते हैं असर? नितिन गडकरी निकालेंगे समाधान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

देश में लगातार दवाइयों और व्यापार के लिए हो रहा औषधीय पौधों का दोहन।

भारतीय हिमालयी क्षेत्र में लगभग 112 औषधीय पादप संकटग्रस्त हैं। दवाइयों और व्यापार के लिए इनका अनियंत्रित दोहन इन औषधीय पादपों पर सबसे बड़ा खतरा बना है।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
23 May 2024
in कृषि, चर्चित
औषधीय पौधे, औषधीय पादपों, विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत, स्वास्थ्य, भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार
Share on FacebookShare on X

दुनिया भर की विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों में सदियों से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए औषधीय पादपों का उपयोग किया जाता रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया की 80 फीसदी आबादी अभी भी अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं के लिए औषधीय पादपों का उपयोग करती है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों एवं वेदों जैसे-अथर्ववेद, रामायण, महाभारत, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में औषधीय पादपों की उपयोगिता का वर्णन मिलता है। 

भारतीय हिमालयी क्षेत्र एक समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है, जिसमें लगभग 8,000 जाति के आवृतबीजी पौधों (40 फीसदी स्थानिक), 44 जाति के जिम्नोस्पर्म (16 फीसदी स्थानिक), 600 जाति के टेरिडोफाइट्स (25 फीसदी स्थानिक), 1737 जाति के ब्रायोफाइट्स (33 फीसदी स्थानिक), 1,159 जाति के लाइकेन (11 फीसदी स्थानिक) और 6,900 जाति के कवक (27 फीसदी स्थानिक) की प्रजातियां पाई जाती हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र में 1748 प्रकार के औषधीय पादप पाये जाते है। हालांकि, हिमालयी क्षेत्र में लगभग 436 पादप प्रजातियां संकटग्रस्त है।

संबंधितपोस्ट

टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

पीएम मोदी के संबोधन पर पाकिस्तानी और विदेशी मीडिया ने क्या कहा?

3 प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव रहे विक्रम मिसरी की कहानी, जिन्हें सोशल मीडिया पर बनाया गया निशाना

और लोड करें

भारतीय हिमालयी क्षेत्र को औषधीय पादपों के प्रमुख भंडार के रूप में जाना जाता है। यह क्षेत्र भारत की कुल औषधीय पादप जातियों में से लगभग 50 फीसदी को प्राकृतिक आवास प्रदान करता है, जिनमें से लगभग 30 फीसदी हिमालयी क्षेत्र के लिए स्थानिक हैं। हिमालयी क्षेत्र में पारंपरिक औषधियों का उपयोग स्वदेशी एवं पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों में प्रमुखता से मिलता है। इस क्षेत्र के राज्यों में औषधीय पादप स्थानीय लोगों की आय का महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

वर्तमान में अधिकांश औषधीय पादप वनों से प्राप्त होते हैं। हालांकि, बढ़ती वैश्विक मांग के साथ-साथ बदलते कानूनों और औषधीय पादपों के अंधाधुंध दोहन से उत्पन खतरे को देखते हुए, औषधीय पादपों को खेती के दायरे में लाने की आवश्यकता है। इनकी मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है, जिससे एक तरफ आयुर्वेदिक कंपनियों की उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी प्रभाव पड़ा है। 

इसके फलस्वरूप भारतीय हिमालयी क्षेत्र में लगभग 112 औषधीय पादप संकटग्रस्त हैं। जम्मू और कश्मीर (64 प्रजातियां) में सबसे अधिक संकटग्रस्त औषधीय पादप पाए गए है। उसके बाद हिमाचल प्रदेश (60) और सिक्किम (50) का स्थान रहा। उच्च-जोखिम वाली प्रजातियां हिमाचल प्रदेश (11) में सबसे अधिक पाई गई हैं। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड (नौ प्रजातियां) में पाई गई है।

और पढ़े:- शमी का पोधा : महत्व एवं फायदे

विलुप्तता के प्रमुख कारण

जलवायु परिवर्तन: बढ़ता तापमान, अनियमित वर्षा और बदलते मौसम का पैटर्न इन औषधीय पादपों की संख्या एवं प्राकृतिक आवासों को प्रभावित कर रहा है। कुछ हालिया वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन हिमालयी औषधीय पादपों की वितरण सीमा और विविधता को प्रभावित कर रहा है और उनकी फेनोलॉजी यानी फूल आने कि और वानस्पतिक विकास अवधि को भी प्रभावित कर रहा है, जो अंतत: औषधीय पादपों की उत्पादकता को कम कर देता है। तापमान में परिवर्तन औषधीय पादपों के रासायानिक गुणों को भी प्रभावित कर रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण बुरांश, किलमोरा आदि औषधीय पादपों का समय से पहले खिलना इनके औषधीय गुणों को प्रभावित कर रहा है। 
अत्यधिक दोहन: खासकर दवाइयों और व्यापार के लिए, इन औषधीय पादपों का अनियंत्रित दोहन सबसे बड़ा खतरा है। कई दुर्लभ और मूल्यवान प्रजातियों का अवैध रूप से संग्रह किया जाता है, जिससे उनकी संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। कुटकी, कुठ, जटामांसी, चोरा, सालम मिस्री, सालम पंजा, चिरायता, अतिस, आदि हिमालयी औषधीय पादपों के अंधाधुन दोहन से इनके प्राकृतिक आवासों एवं संख्या में तेजी से कमी आई है।
प्राकृतिक आवासों का विनाश: वनों की कटाई, कृषि विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास से इन पादपों के प्राकृतिक आवास खत्म हो रहे हैं।
वनाग्नि: वनाग्नि से भी औषधीय पादपों की संख्या पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वनाग्नि औषधीय पादपों को सीधे जला देती है और उनके बीजों और अंकुरों को नष्ट कर देती है। वनाग्नि मिट्टी को उपजाऊ बनाने वाले पोषक तत्वों को भी नष्ट कर देती है, जिससे इन पादपों के जीवित रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का मिलना मुश्किल हो जाता है।

उत्तराखंड में अब तक 153 पादप परिवारों से संबंधित 1,127 औषधीय पादपों की जातियां दर्ज की गई हैं। औषधीय पादपों पर स्थानीय समुदाय का पारंपरिक ज्ञान-विशेष रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उचित रूप से उपलब्ध हैं, वहां विभिन्न रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य सरकार द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए औषधीय पादपों के क्षेत्र की पहचान प्रमुख रूप में की गई है और इसे प्राथमिकता दी गई है। 

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न जलवायु और भौगोलिक क्षेत्रों में खेती के लिए 28 औषधीय और सुगंधित प्रजातियों के पादपों को प्राथमिकता दी है। इन प्राथमिकता प्राप्त प्रजातियों की खेती पर किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। प्राथमिकता प्राप्त प्रजातियों के अलावा कुछ वृक्ष प्रजातियों को भी औषधीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान (एचआरडीआई) द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन इन वृक्ष प्रजातियों पर 50 फीसदी सब्सिडी लागू नहीं होती।

उत्तराखंड राज्य के कई औषधीय पादपों का उपयोग हर्बल उपचार और दवा निर्माण में बहुत अधिक मात्रा में व्यापार के लिए किया जाता है, जिनमें प्रमुख औषधीय पादप निम्नलिखित हैं। इनमें आंवला (16820 मैट्रिक टन/वर्ष), हरड़ (8158 मैट्रिक टन/वर्ष), बहेड़ा (3424 मैट्रिक टन/वर्ष), सतावर (3180 मैट्रिक टन/वर्ष), किलमोरा (521 मैट्रिक टन/वर्ष), कपूर कचरी (400 मैट्रिक टन/वर्ष), कुटकी (416 मैट्रिक टन/वर्ष), जटामांसी (286 मैट्रिक टन/वर्ष), अतीश (210 मैट्रिक टन/वर्ष) आदि है।

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के अनुसार, हिमालय के औषधीय पादपों अतीश (बाजार मूल्य 3500-10500 रुपये/किग्रा), कुटकी (बाजार मूल्य 1200-1500 रुपये/किग्रा), जटामांसी (बाजार मूल्य 900-1750 रुपये/किग्रा), मुश्कबाला (बाजार मूल्य 375-425 रुपये/किग्रा), कूट (बाजार मूल्य 850-1000 रुपये/किग्रा), कपूर कचरी (बाजार मूल्य 150-200 रुपये/किग्रा) की बढ़ती मांग से उनके प्राकृतिक स्रोतों पर दबाब भी बढ़ता जा रहा है, जिससे वनों में इन औषधीय पादपों की उपलब्धता में कमी होती जा रही है।

भारत सरकार राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए), राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) और शोध संस्थानों एवं वन विभाग के माध्यम से लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा हिमालय के उच्च मूल्य वाले औषधीय पादपों की कृषि तकनीक का विकसित कर औषधीय पादपों को कृषिकरण हेतु प्रोत्साहित कर कृषि तकनीक को किसानों के खेतों तक ले जाया जा रहा है।

संस्थान द्वारा हिमालयी औषधीय पादपों के पादप रसायन एवं आनुवंशिक घटकों पर शोध किया गया है। यह शोध कार्य औषधीय पादपों की खेती में काफी फायदेमंद साबित हुआ है। संस्थान में जैव प्रौद्योगिकी प्रसार प्रोटोकॉल के माध्यम से लगभग 82 औषधीय पादप प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन कार्य सफलतापूर्वक किया गया है। 

संरक्षण आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने पिथौरागढ़ जिले के चैदास क्षेत्र के 14 विभिन्न गांवों में 7 औषधीय पादपों की जातियों-जम्बू (एलियम स्ट्रेची), चोरु (एंजेलिका ग्लौका), तेजपात (सिनामोमम तमाला), बन हल्दी (हेडिचियम स्पिकेटम), कुटकी (पिक्रोरिजा कुरूआ), कुठ (सांसुरिया कोस्टस) और जटामांसी (वेलेरियाना जटामांसी) को किसानों के खेतों (900-2,750 मीटर ऊंचाई तक) का कृषिकरण कार्य किया। 

किसानों को औषधीय पादपों के विषय में जागरूक करने के लिए ग्रामीण स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यशालाओं, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, क्रेता-विक्रेता बैठकें और औषधीय पादपों की कृषि तकनीक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए।

उच्च मूल्य वाले औषधीय पादपों को संरक्षित करने एवं स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में स्थापित औषधीय पादपों के मॉडलों का विशेष योगदान एवं महत्व रहा है। संस्थान द्वारा संकटग्रस्त एवं बहुमूल्य औषधीय पादपों के बाह्य-स्थाने (एक्स-सीटू) एवं स्व-स्थाने (इन-सीटू) संरक्षण के लिए भारत सरकार के विभिन्न विभागों और उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, देहरादून, आदि के सहयोग से निरंतर कार्य किया जा रहा है।

औषधीय पादपों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सुझाव 

1-  वर्तमान समय में स्थानीय समुदायों की आजीविका विकास के लिए हिमालयी राज्यों में औषधीय पादपों की खेती को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता। 

2- अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से आनुवांशिक संसाधन केंद्रों की स्थापना, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री प्रदान करने के लिए मॉडल नर्सरी, खेती, कटाई और कटाई के बाद प्रबंधन आदि पर स्थानीय समुदायों के प्रशिक्षण और क्षमता विकास आदि की भी आवश्यकता। 

3- साथ ही औषधीय पादपों की विविधता का दस्तावेजीकरण, जलवायु परिवर्तन का जैव रासायनिक और आनुवांशिक विविधता पर प्रभाव का आंकलन करने, मूल्य शृंखला का विकास, कृषि तकनीकों और प्रसार प्रोटोकॉल का मानकीकरण करने और औषधीय पादपों के व्यापार और उद्यमों को मजबूत करने के प्रयास औषधीय पौधों के क्षेत्र के समग्र विकास के लिए आवश्यक।

4- विभिन्न विकसित औषधीय पादपों की खेती एवं संरक्षण के लिए सफल मॉडल को विभिन्न संस्थानों, विश्वविद्यालयों, उत्तराखण्ड सरकार के विभागों आदि के सहयोग से अन्य हिमालयी राज्यों में भी दोहराए जाने की आवश्यकता। 

5- छोटे बच्चों के स्कूली पाठ्यक्रम में औषधीय पादपों, उनके उपयोगों और संरक्षण आवश्यकताओं पर पाठों को शामिल किया जाना चाहिए। 

6- शोध संस्थानों और स्थानीय विशेषज्ञों की मदद से स्कूलों में औषधीय पादपों के बगीचे स्थापित किए जाने चाहिए। छात्र पौधे लगाने, उनकी देखभाल करने और उनके गुणों के बारे में सीखने से उनके प्रति लगाव महसूस कर सकते हैं, जिससे ये उद्यान जीवंत कक्षाओं के रूप में कार्य कर सकें।

7- छात्रों को अपने परिवारों के साथ घरेलू औषधीय उद्यान बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। यह पुरानी और नयी पीढ़ियों के बीच ज्ञान को साझा करने को बढ़ावा देता है और सतत जीवन शैली की संस्कृति को बढ़ावा देगा। 

8- छात्रों और समुदायों को नागरिक विज्ञान पहलों में भी शामिल करने को आवश्यकता है। इसमें स्थानीय औषधीय पादपों की आबादी पर डेटा संग्रह, पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण या खतरों की निगरानी शामिल हो सकती है। यह पहल अनुसंधान में भागीदार समुदायों को सशक्त बनाती है और संरक्षण प्रयासों के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करने में भी सहयोग करेगी।

9- वर्तमान समय में आधुनिक तकनीकें, जैसे हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स को अपनाकर औषधीय पादपों का कृषि कार्य किया जा सकता है। ये तकनीकें कम पानी और जगह का उपयोग करती हैं। जो उन्हें शहरी वातावरण के लिए आदर्श बनाते हैं और औषधीय पादपों के टिकाऊ उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। 

इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि हिमालय के औषधीय पादपों का संरक्षण न सिर्फ पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लिए भी आवश्यक है। इन पादपों के संरक्षण के लिए बहुआयामी रणनीति की जरूरत है, जिसमें अनुसंधान और विकास कार्यो, स्थानीय समुदायों का सहयोग और हितधारको में जागरूकता शामिल है। तभी हम आने वाली पीढ़ियों के लिए हिमालय की इस अनमोल धरोहर को संरक्षित रख पाएंगे।

और पढ़ें:- मियावाकी वृक्षारोपण विधि से कार्बन सिंक में मिलेगी मदद

Tags: HealthIndiaIndian Governmentmedicinal plantsuttarakhand governmentWorld Health Organizationउत्तराखंड सरकारऔषधीय पादपोंऔषधीय पौधेभारतभारत सरकारविश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठनस्वास्थ्य
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या है भारतीय सेना का ‘प्रोजेक्ट उद्भव’?

अगली पोस्ट

मुस्लिमों के मोह में संविधान की और कितनी अवमानना करोगी ममता दीदी?

संबंधित पोस्ट

आदमपुर एयरबेस पर पीएम मोदी
चर्चित

आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, पाकिस्तान के प्रोपेंगेंडा की खोल दी पोल

13 May 2025

PM Modi Visits Adampur Airbase: भारत-पाकिस्तान के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से लगातार तनाव बना हुआ है। हालांकि, दोनों देश संघर्ष को रोकने पर...

Shopian में आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन
चर्चित

Shopian में आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन, 4 आतंकियों की घेराबंदी, तीन दहशतगर्द ढेर

13 May 2025

जम्मू-कश्मीर के शोपियां(Shopian) से तड़के बड़ी कार्रवाई की खबर है। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच सुबह-सुबह मुठभेड़ छिड़ गई है। पूरे इलाके को चारों ओर...

सेनाएं अलर्ट हैं कोई न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेंगे: राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी
चर्चित

सेनाएं अलर्ट हैं कोई न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेंगे: राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी

12 May 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (12 मई) शाम देश को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने इस दौरान एलान किया कि ऑपरेशन सिंदूर को अभी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited