नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हार के बाद फिर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा था। आरोप भी ऐसे बेसिर-पैर वाले, जिनका तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं था। कांग्रेस ने शिगूफा छेड़ा था कि जिन केंद्रों पर ईवीएम की बैटरी ज्यादा चार्ज थी, वहां कांग्रेस को हार मिली। कांग्रेस के आरोपों की बैटरी को चुनाव आयोग ने अपने जवाब से डिस्चार्ज कर दिया है। आयोग ने कहा कि कांग्रेस ने जान-बूझकर यह प्रवृत्ति पाल ली है कि सबूत हों या न हों, चुनाव परिणामों की विश्वसनीयता पर संदेह के बादल प्रकट कर दो। चुनाव आयोग ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे तुच्छ और निराधार संदेह से अशांति हो सकती है, जब चुनावी प्रक्रिया जैसी महत्वपूर्ण गतिविधि चल रही हो। कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए चुनाव आयोग का जवाब एक और शर्मिंदगी का सबब बनता दिख रहा है। आइए जानते हैं कि चुनाव आयोग ने किस तरह से कांग्रेस को झाड़ लगाई है।
नतीजा पसंद नहीं आया तो सवाल उठाना गलत: EC
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कुल 26 शिकायतें की थीं। हरियाणा चुनाव का नतीजा आने के 20 दिन बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस के हर आरोप का जवाब दिया है। आयोग ने साथ ही कांग्रेस को सख्त हिदायत दी है कि चुनाव दर चुनाव निराधार आरोप लगाने से बचे। आयोग ने अपने जवाब में कहा, ‘जो नतीजे आपको पसंद नहीं आए, उस पर सवाल खड़े करना गलत है। चुनाव परिणामों का सामना करना चाहिए और संदेह का धुआं उठाना चाहिए। हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया का हर चरण त्रुटिहीन था। यह प्रक्रिया कांग्रेस के एजेंटों और प्रत्याशियों की निगरानी में हुई थी।‘
‘जीतने पर जश्न, हार पर शिकायतों का सिलसिला’
मंगलवार को लिखी चिट्ठी में चुनाव आयोग ने कहा, ‘कभी ईवीएम को बदल दिया गया तो कभी हैक कर दिया गया। कभी ईवीएम खराब हो गई तो तभी पोलिंग अफसर ने ही गड़बड़ी कर दी। कांग्रेस पार्टी हर चुनाव में कोई न कोई शिकायत अवश्य करती है। लेकिन जैसे ही उसे जीत मिलती है, जश्न का माहौल हावी होने लगता है। तब शिकायतें पृष्ठभूमि में चली जाती हैं और हार गए तो शिकायतों का सिलसिला जारी रहता है।‘
कांग्रेस के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब क्लिक करके पढ़ें
‘EVM समेत किसी प्रक्रिया में गड़बड़ी के सबूत नहीं’
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में 26 विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग अफसरों की री-वेरिफिकेशन रिपोर्ट का जिक्र किया। अपने जवाब में आयोग ने कहा, ‘रिटर्निंग अफसरों को चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं। उनके जवाब से पता चलता है कि कांग्रेस के उम्मीदवार, एजेंट और प्रतिनिधि चुनाव से जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं में शामिल थे, जिनमें ईवीएम की प्रक्रियाएं भी हैं। ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है और बैटरी का नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ता है।‘
‘तुच्छ, निराधार आरोप, अशांति फैल सकती है’
आयोग ने कहीं न कहीं कांग्रेस को हकीकत से पल्ला झाड़ने के लिए फटकार लगाई। पिछले एक साल के दौरान कई बार चुनावी प्रक्रिया पर संदेह जताने के उदाहरण गिनाते हुए आयोग ने कहा, ‘इस तरह के तुच्छ और निराधार आरोप से उस वक्त शांति भंग हो सकती है, जब मतदान और मतगणना जैसी महत्वपूर्ण चुनावी गतिविधियां चल रही हों। ऐसे समय में जनता और सियासी दलों दोनों की बेचैनी चरम पर होती है।‘
‘ऐतिहासिक प्रतिष्ठा वाले दल का निराशाजनक रवैया’
चुनाव आयोग ने कांग्रेस पर दुष्प्रचार से बचने की नसीहत देते हुए कहा, ‘कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग में कोई औपचारिक खत मिलने से पहले ही ऐसे आधारहीन आरोपों को जोर-शोर से प्रचारित किया जाता है। ऐसा अक्सर मतदान या मतगणना के आसपास होता है। कांग्रेस जैसी ऐतिहासिक प्रतिष्ठा वाले एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की ऐसी प्रवृत्ति बेहद निराशाजनक है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने जानबूझकर यह प्रवृत्ति पाल ली है। भले ही सबूत हों या न हों, उन्हें चुनाव परिणामों की विश्वसनीयता पर संदेह के बादल खड़े करने हैं।‘
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाया था?
जब 8 अक्टूबर को हरियाणा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस पिछड़ने लगी तो उसने अपनी आदत से मजबूर होकर ईवीएम का रोना शुरू कर दिया था। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बढ़त मिली थी। वहीं नतीजों में बीजेपी ने बहुमत के साथ 48 सीटें जीतीं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। 99 प्रतिशत बैटरी वाली ईवीएम पर बीजेपी को जीत मिली, जबकि 60 से 70 प्रतिशत बैटरी वाली ईवीएम पर कांग्रेस की जीत हुई। यह संयोग नहीं हो सकता और इससे चुनावी प्रक्रिया पर संदेह उत्पन्न होता है।‘ जयराम रमेश ने इसी तरह के आरोप लगाते हुए कहा, ‘क्या यह साजिश नहीं है? जहां ईवीएम की बैटरी का स्तर अधिक था, वहां बीजेपी ने जीत हासिल की और जहां बैटरी का लेवल कम था, वहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की।‘ कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा था, ‘यह कैसे संभव है कि पूरे दिन मतदान के बाद भी ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत बची रहती है। एक मशीन जो सुबह से शाम तक चलती है और बंद होकर स्ट्रॉन्ग रूम में रखी जाती है, उसकी बैटरी कैसे इतनी बची रह सकती है?‘
आयोग ने कहा लोकतंत्र की जड़ें कमजोर न करें: बीजेपी
उधर हरियाणा बीजेपी ने भी चुनाव आयोग के जवाब का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा है। पार्टी ने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट में कहा, ‘हरियाणा में जनता द्वारा पराजित कांग्रेस को चुनाव आयोग ने लताड़ लगाई और पार्टी द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर लगाए गए सभी फर्जी आरोपों को भी खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि वे अपनी चुनावी पराजय को जिम्मेदारी से स्वीकार करें। बेवजह आधारहीन झूठे आरोप लगाकर आम जनता के बीच में भ्रम ना फैलाएं और लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर न करें। हरियाणा विधानसभा चुनावों की पूरी प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों और उनके एजेंटों की मौजूदगी में पारदर्शी तरीके से पूरी की गई है। इसके पुख्ता सबूत देकर चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को करारा जवाब दिया है।‘
हरियाणा में जनता द्वारा पराजित कांग्रेस को चुनाव आयोग ने लताड़ लगाई और पार्टी द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर लगाए गए सभी फर्जी आरोपों को भी खारिज़ कर दिया है।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि वे अपनी चुनावी पराजय को जिम्मेदारी से स्वीकार करें।
बेवजह…
— Haryana BJP (@BJP4Haryana) October 29, 2024
हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी सरकार
हरियाणा में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है। नायब सिंह सैनी ने चुनावों में जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उन्हें इसी साल मार्च में राज्य की कमान मिली थी। मनोहर लाल खट्टर को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में उतारा था और जीत के बाद केंद्रीय मंत्री बनाया। नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में बीजेपी ने हरियाणा का विधानसभा चुनाव लड़ा और राज्य में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 48 और कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं। वहीं निर्दलीय को 3 और इंडियन नेशनल लोकदल को 2 सीटों पर विजय मिली। बीजेपी का हरियाणा में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।