जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के परिणाम मंगलवार को आया। उसी देर शाम दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग के शांगस और कोकरनाग में आतंकियों ने जंगल में गश्त कर रहे टेरिटोरियल आर्मी से जुड़े दो जवानों का अपहरण कर लिया। इनमें से एक जवान किसी तरह जख्मी हालत में आतंकियों की चंगुल से बच पाने में सफल हो सका लेकिन एक जवान की आतंकियों ने हत्या कर दी। जवान को खोजने के लिए तलाशी अभियान भी चलाया गया था। आतंकियों की इस कायराना हरकत से इलाके में तनाव का माहौल बन गया है।
सेना के जवान हिलाल अहमद भट का शव अनंतनाग के उत्रासू इलाके में सांगलान वन क्षेत्र में बरामद किया गया है। शव मिलने के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। ये घटना ऐसे समय में हुई है जब 42 सीटें जीत कर JKNC सरकार बनाने जा रही है और उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। शनिवार (12 अक्टूबर, 2024) को उनका शपथग्रहण समारोह होना है।
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। विशेष रूप से चुनावी समय के दौरान आतंकी संगठन अधिक सक्रिय हो जाते हैं। चुनावी माहौल का फायदा उठाकर आतंकवादी अक्सर इस तरह के हमलों को अंजाम देते हैं ताकि इलाके में भय और अस्थिरता का माहौल बना रहे। जवान की हत्या के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से आतंकवाद की समस्या चली आ रही है, और सरकार तथा सेना इस समस्या से निपटने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। चुनाव के दौरान आतंकियों की सक्रियता बढ़ जाती है, और वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं ताकि इलाके में अशांति फैलाई जा सके। हालांकि, सेना और सुरक्षा एजेंसियां हर वक्त सतर्क रहती हैं, फिर भी ऐसी घटनाओं से साफ होता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अभी और कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
चुनावी मतगणना के दौरान इस तरह की घटना से सुरक्षा बलों पर दबाव और बढ़ गया है। सेना और पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिए हैं और जांच एजेंसियां आतंकियों का सुराग ढूंढने में जुट गई हैं।
यह घटना जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन से पहले आतंकवादियों द्वारा पाँव उठाने की कोशिश की तरफ इशारा करती है। भारतीय सेना के जवान की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंकवादी अमन और शांति के दुश्मन हैं। इस कायराना हरकत से घाटी में गुस्से और शोक का माहौल है, और लोगों की मांग है कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ और कठोर कदम उठाए।
सरकार और सुरक्षा बलों की चुनौती अब यह सुनिश्चित करना है कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए, ताकि शांति और स्थिरता कायम रह सके। जवान के बलिदान को पूरा देश याद रखेगा, और उसकी वीरता का सम्मान हमेशा किया जाएगा।