विश्व युद्ध की शुरुआत के समय करीब 1915 में पश्चिमी मोर्चे पर दो कबूतर कोर की स्थापना की गई, जिसमें 15 कबूतर स्टेशन शामिल थे। प्रत्येक कबूतर स्टेशन में चार पक्षी और एक हैंडलर थे।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों पर फैसले: राहुल और चिदंबरम में मतभेद

    सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों पर फैसले ने खोली कांग्रेस की कलह: राहुल-चिदंबरम आमने-सामने

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    भारत बना अमेरिका को सबसे ज़्यादा स्मार्टफोन भेजने वाला देश, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पहुँचा ₹12 लाख करोड़ के पार

    भारत बना अमेरिका को सबसे ज़्यादा स्मार्टफोन भेजने वाला देश, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पहुँचा ₹12 लाख करोड़ के पार

    पीएम मोदी ने ट्रप को दिया करारा जवाब।

    पीएम मोदी ने ट्रंप की मृत अर्थव्यवस्था वाले बयान का दिया जवाब, जल्द ही तीसरे पायदान पर पहुंचेगा भारत

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सियोल में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी, दक्षिण कोरियाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा कदम

    सियोल में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी, दक्षिण कोरियाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा कदम

    पाकिस्तान पर ऐसे बरसा भारतीय वायुसेना कहर, देखें वीडियो

    पाकिस्तान पर ऐसे बरसा भारतीय वायुसेना कहर, देखें वीडियो

    असीम मुनीर के बयानों से भारत-पाकिस्तान संबंधों को और बिगाड़ दिया है।

    असीम मुनीर की धमकी पर भारत का पलटवार: पाकिस्तान को बताया गैर-ज़िम्मेदार परमाणु ताकत

    सैनिकों को जल्द मिलंगी नई चौकियां।

    LAC पर के लिए तैनात जवानों के लिए बड़ी खबर, अब दुश्मन ही नहीं, मौसम भी होगा पस्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    असीम मुनीर के बयानों से भारत-पाकिस्तान संबंधों को और बिगाड़ दिया है।

    असीम मुनीर की धमकी पर भारत का पलटवार: पाकिस्तान को बताया गैर-ज़िम्मेदार परमाणु ताकत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?

    15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?

    औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों पर फैसले: राहुल और चिदंबरम में मतभेद

    सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों पर फैसले ने खोली कांग्रेस की कलह: राहुल-चिदंबरम आमने-सामने

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    भारत बना अमेरिका को सबसे ज़्यादा स्मार्टफोन भेजने वाला देश, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पहुँचा ₹12 लाख करोड़ के पार

    भारत बना अमेरिका को सबसे ज़्यादा स्मार्टफोन भेजने वाला देश, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पहुँचा ₹12 लाख करोड़ के पार

    पीएम मोदी ने ट्रप को दिया करारा जवाब।

    पीएम मोदी ने ट्रंप की मृत अर्थव्यवस्था वाले बयान का दिया जवाब, जल्द ही तीसरे पायदान पर पहुंचेगा भारत

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सियोल में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी, दक्षिण कोरियाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा कदम

    सियोल में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी, दक्षिण कोरियाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा कदम

    पाकिस्तान पर ऐसे बरसा भारतीय वायुसेना कहर, देखें वीडियो

    पाकिस्तान पर ऐसे बरसा भारतीय वायुसेना कहर, देखें वीडियो

    असीम मुनीर के बयानों से भारत-पाकिस्तान संबंधों को और बिगाड़ दिया है।

    असीम मुनीर की धमकी पर भारत का पलटवार: पाकिस्तान को बताया गैर-ज़िम्मेदार परमाणु ताकत

    सैनिकों को जल्द मिलंगी नई चौकियां।

    LAC पर के लिए तैनात जवानों के लिए बड़ी खबर, अब दुश्मन ही नहीं, मौसम भी होगा पस्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    भाजपा नेता का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी को हटाने की साजिश में ट्रंप भी

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    प्रियंका गांधी की चिंता सिर्फ फिलीस्तीन के लिए, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर मौन

    असीम मुनीर के बयानों से भारत-पाकिस्तान संबंधों को और बिगाड़ दिया है।

    असीम मुनीर की धमकी पर भारत का पलटवार: पाकिस्तान को बताया गैर-ज़िम्मेदार परमाणु ताकत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?

    15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?

    औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पोस्ट से प्रीपेड तक, कबूतर से डाक सेवाओं और अब WhatsApp तक: समझिए संदेशों के आदान-प्रदान का इतिहास

विश्व युद्ध की शुरुआत के समय करीब 1915 में पश्चिमी मोर्चे पर दो कबूतर कोर की स्थापना की गई, जिसमें 15 कबूतर स्टेशन शामिल थे। प्रत्येक कबूतर स्टेशन में चार पक्षी और एक हैंडलर थे।

Anand Kumar द्वारा Anand Kumar
3 December 2024
in इतिहास, ज्ञान
कबूतर, डाक टिकट, WhatsApp - संचार व्यवस्था

कबूतर से लेकर डाक टिकट और अब इंस्टेंट मैसेजिंग तक, संचार व्यवस्था का समझिए इतिहास

Share on FacebookShare on X

नब्बे के दशक के अक्सर बसों और स्थानीय ऑटोरिक्शा में बजते गानों में “कबूतर जा जा जा” जिस दौर की याद दिलाता है, वो कबका बीत चुका है। WhatsApp और इंस्टेंट मेसेज के युग में ना कबूतर से जाने की चिरौरी की जाती है, न चिट्ठी के आने का इंतज़ार करना पड़ता है। हाँ, इतिहास के हिसाब से देखें तो संदेशों के आदान-प्रदान में पालतू कबूतरों का उपयोग संदेशवाहक के रूप में किया जाता था। विश्व युद्ध के दौर तक कबूतरों की प्राकृतिक क्षमताओं के कारण ‘कबूतर पोस्ट’ जमकर इस्तेमाल हुआ। इसके शुरू होने की बात करें तो माना जाता है कि ईसा पूर्व 5 वीं शताब्दी में साइप्रस महान द्वारा कबूतर दूतों का पहला नेटवर्क असीरिया और फारस में स्थापित किया गया था।

मध्य युग से उन्नीसवीं सदी तक, कबूतरों का उपयोग वाणिज्य और विशेष रूप से सशस्त्र बलों के द्वारा सन्देश के आदान प्रदान हेतु किया जाता था। जैसे दूसरे बहुत से अविष्कार असल में युद्धों में काम आने के लिए बने थे, कुछ वैसा ही कबूतर पोस्ट का भी किस्सा रहा है। पेरिस पर कब्जे के दौरान (1870-1871 में) परेशान निवासियों के द्वारा कबूतरों और गुब्बारों के माध्यम से संदेश भेजेने का विवरण बहुत प्रसिद्ध है। कबूतर पोस्ट का एक और महत्वपूर्ण उल्लेख प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिलता है जब इनका उपयोग महत्वपूर्ण संदेशों को मुख्यालयों तथा अन्य सैन्य ठिकानों तक पहुँचाने के लिए किया जाता था। मुख्यालय और ऐसे ठिकानों के बीच की दूरी कई बार 100 मील तक हुआ करती थी और कबूतर इतनी दूर सन्देश पहुंचा देते थे।

संबंधितपोस्ट

राम मंदिर के समर्थन पर पिता हुए थे बहिष्कृत, किताब के लिए नहीं मिले थे प्रकाशक; कहानी मीनाक्षी जैन के संघर्ष की

पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

मुहम्मद गौरी के दान किए 2 गांव से शुरू हुआ वक्फ, आज 9 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर कर चुका है कब्जा

और लोड करें

विश्व युद्ध की शुरुआत के समय करीब 1915 में पश्चिमी मोर्चे पर दो कबूतर कोर की स्थापना की गई, जिसमें 15 कबूतर स्टेशन शामिल थे। प्रत्येक कबूतर स्टेशन में चार पक्षी और एक हैंडलर थे। विश्व युद्ध जैसे जैसे फैलता गया, कबूतर दल में अतिरिक्त पक्षियों की भर्ती की गई और सेवा का काफी विस्तार हुआ। युद्ध के अंत तक कबूतर दल में 150 मोबाइल मचानों में 400 आदमी और 22000 कबूतर शामिल थे, ये कबूतर पोस्ट के चरम विकास का समय था। गौरतलब है कि कबूतर से सन्देश भेजने के इस युग में डाकिया नहीं होता था, या पोस्ट ऑफिस नहीं थे, ऐसा बिलकुल भी नहीं है। उनका एक अलग ही दिशा में विकास हो रहा था।

भारत का पहला चिपकने वाला डाक टिकट

इन घटनाओं से बहुत पहले भारत में डाक टिकट भी आ गया था। सिंध डॉक भारत और एशिया का पहला चिपकने वाला डाक टिकट था। यह एक ऐतिहासिक डाक टिकट 1 जुलाई, 1852 को सिंध प्रांत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासक सर बार्टले फ्रेरे ने जारी किया। उस समय भारत में डाक सेवाएं बहुत विकेंद्रीकृत और अविश्वसनीय थीं। जहाँ जारी हुआ वहीं से अपना नाम लेने वाले, सिंध डॉक को डाक सेवाओं को व्यवस्थित करने के लिए पेश किया गया था। ये आजकल के डाक टिकट जैसा चौड़ा नहीं बल्कि गोल आकार का डाक टिकट था और इसे सिंध प्रांत में डाक सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

ब्रिटेन में पैनी ब्लैक डाक टिकट के बाद इसे जारी किया गया था और इसने भारत में भी डाक टिकटों के इस्तेमाल को लोकप्रिय बनाया। इसे सिंध प्रांत में इसलिए जारी किया गया क्योंकि वो इलाका ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सीधे नियंत्रण में था। उस दौर तक 1857 का पहला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम कहलाने वाला युद्ध भी नहीं हुआ था और पूरा भारत फिरंगियों के कब्जे में नहीं था। सिंध डॉक के बाद भारत में कई अन्य प्रकार के डाक टिकट जारी किए गए, जिनमें भारतीय ध्वज वाला डाक टिकट और अशोक स्तंभ वाला डाक टिकट शामिल हैं। सिंध डॉक एक ऐसा आविष्कार था जिसने भारत में डाक सेवाओं को अधिक व्यवस्थित बनाने का रास्ता खोल दिया।

पैनी ब्लैक डाक टिकट

पैनी ब्लैक दुनिया का पहला चिपकने वाला डाक टिकट था जिसे सार्वजनिक डाक प्रणाली में इस्तेमाल किया गया। यह एक ऐतिहासिक डाक टिकट है जिसने डाक सेवा के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी थी। ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम में 1 मई, 1840 को इस डाक टिकट को जारी किया। इसका इस्तेमाल कुछ दिन बाद 6 मई, 1840 से शुरू हुआ। ये वो दौर था जब वहाँ डाक सेवाएं बहुत महंगी और जटिल थीं। डाकिया को पत्र पहुंचाने के लिए पैसे दिए जाते थे और डाक का खर्च सन्देश पाने वाला देता था। मोटे तौर पर समझें तो पैनी ब्लैक के आने से डाक सेवाएं पोस्ट पेड से प्री पेड हो गईं। यह एक छोटा सा काला रंग का टिकट था जिस पर ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया का चित्र बना हुआ था। इसे लिफाफे पर चिपकाया जाता था और डाक का खर्च पहले से ही दे दिया जाता था।

पैनी ब्लैक के आते ही डाक सेवाएं आम लोगों के लिए खुल गईं। सिर्फ अमीर अब अपने सन्देश नहीं भेजते थे, बल्कि आम लोगों ने भी पत्र लिखने शुरू किए और इससे समाज में संचार के नए रास्ते खुले।

हरकारा: भारत के डाक तंत्र का एक महत्वपूर्ण अतीत

डाक टिकट और पोस्ट ऑफिस के सिस्टम से बहुत पहले से, हरकारा, जो पैदल संदेश पहुंचाते थे, वो भारतीय डाक व्यवस्था संभालते थे। इनकी पहचान घुंघरू बंधा हुआ भाला तथा पैरों में बंधे हुए कपड़े हुआ करते थे। शेरशाह सूरी के शासन काल में हरकारों के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र की व्यवस्था की गई। मौर्य काल से जो उत्तर-पथ और दक्षिणी पथ कहलाते थे, उनमें से एक को शेरशाह सूरी ने दुरुस्त करवाया और हरकारों के लिए ग्रैंड ट्रंक रोड पर सरायों का निर्माण कराया गया। जहाँ हराकारे यात्रा के दौरान विश्राम किया करते थे वही सराय समय बीतने के साथ डाकबंगला के नाम से प्रसिद्ध हो गए। अभी जो करीब-करीब सभी महत्वपूर्ण भारतीय शहरों में डाकबंगला है, वो कभी न कभी हरकारों के रुकने का ठिकाना हुआ करता था।

शेरशाह के बाद मुगल काल की शुरुआत में हरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। वे संदेशवाहक, सूचना संग्रहकर्ता और सैन्य संदेश वाहक के रूप में कार्य करते थे। अकबर के शासनकाल में डाक व्यवस्था को उन्नत बनाया गया था, जिससे सूचनाएं तेजी से प्रसारित होती थीं और प्रशासन बेहतर रहता था। अंग्रेजी शासन के दौरान, डाक व्यवस्था में फिर से बदलाव आए और हरकारों की भूमिका बदलती हुई, डाकिये की भूमिका में बदली। ट्रेन और टेलीग्राफ के आगमन के साथ, आधुनिक डाक व्यवस्था का विकास हुआ। ट्रेन-टेलीग्राफ के युग में हरकारे एक शहर से दूसरे शहर दौड़ाने की ज़रूरत नहीं रही। उन्होंने भारत में संचार क्रांति में अहम भूमिका निभाई थी, और आज भी गांवों में डाकिया की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।

पटना और प्रीपेड डाक टिकट – ताम्र टिकट

तत्कालीन पोस्टमास्टर जनरल थॉमस इवांस और तत्कालीन डिप्टी पोस्टमास्टर जनरल चार्ल्स ग्रीम के अगुआई में  ताम्र टिकट डालने की योजना बनी। उस वक्त पोस्ट ऑफिस रेगुलेशन एक्ट, 1774 नाम का कानून था, जिसके अनुसार डाक शुल्क की अग्रिम अदायगी हेतु 1 और 2 आना कीमत के सिक्कों के आकार के ताम्र टिकट ढाले गये। इनपर ‘पटना पोस्ट’ टंकित था| इनकी शुरुआत 31 मार्च, 1774 को हुई। उस दौर में मुगल शासक पटना का नाम बदलकर एक मुगल शहजादे के नाम पर करने पर तुले थे, इसलिए इन टिकटों को ‘अजीमाबाद एकन्नी’ और ‘अजीमाबाद दुअन्नी’ के नाम से भी जाना जाता था। दो आने वाले टिकट के आगे की तरफ ‘पटना पोस्ट दो आना’ और पीछे मुगलों की दरबारी भाषा फारसी में ‘अजीमाबाद डाक दो अनी’ मुद्रित होता था|

इन टिकटों को उनके जारी होने के ग्यारह वर्ष बाद, सितम्बर 1785 ई. में अंततः वापस ले लिया गया। यह अनूठा प्रयोग ग्रेट ब्रिटेन में यूनिफार्म पेनी डाक और पेनी ब्लैक की शुरुआत से 55 साल पहले हुआ था। यानी चिपकने वाला प्रीपेड स्टाम्प भले विदेशों में जन्मा लेकिन प्रीपेड डाक टिकट के पीछे भारत, बिहार और पटना भी हैं। बिहार में 1774 में फिरंगियों का पोस्ट ऑफिस रेगुलेशन एक्ट चलता था, मुगल ताम्र टिकट के पिछले हिस्से पर पहुँच गए थे, या फिर ब्रिटेन से काफी पहले भारत का आम आदमी चिट्ठियों का आदान-प्रदान करता था, इन बातों से इतिहास का स्थापित नैरेटिव भी थोड़ा टूटने लगता है। किसी एक चीज का इतिहास भी उठा लें, तो ऐसा लगता है हमने अपना ही इतिहास नहीं पढ़ा। लेकिन फिर इतिहास कोई और मुद्दा है, उसपर कभी और बात करेंगे!

स्रोत: Pigeon, कबूतर, Dak Post, डाक पोस्ट, इतिहास, History, Communication, संचार,
Tags: CommunicationHistoryPigeonइतिहासकबूतरसंचार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का अंतहीन सिलसिला: चिन्मय दास को नहीं मिला वकील, भीड़ की पिटाई से ICU पहुंचा पुराना वकील

अगली पोस्ट

इधर योगेंद्र यादव का लेख, उधर सड़क पर उतर गए किसान: हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव के बाद बौखलाया इकोसिस्टम, चाहता है बांग्लादेश जैसी अराजकता

संबंधित पोस्ट

15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?
इतिहास

15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?

12 August 2025

“महावतार नरसिंह” फिल्म धूम मचाती जा रही है । भक्त प्रहलाद की अटल भक्ति के पीछे आखिर क्या था? विचार करेंगे तो ध्यान आएगा कि...

औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति
इतिहास

ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

9 August 2025

हमें भी पढ़ाया गया और हमारे बच्चों को भी यही पढ़ाया गया कि मेवाड़ की रानी कर्णावती ने बहादुर शाह की आक्रमण से रक्षा के...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन
मत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

9 August 2025

आज घटित हुई एक छोटी सी घटना इस लेख का कारण बनी। कई दिनों की लंबी यात्रा के बाद पिछले कल गाज़ियाबाद पहुंचा था। परिवार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

why are Punjabi pop icons yo yo honey Singh, karan aujla abusing indian culture?

why are Punjabi pop icons yo yo honey Singh, karan aujla abusing indian culture?

00:04:17

'We’ll Start from the East’: Asim Munir’s Threat – Who’s Arming Pakistan?

00:06:14

The Secret Power of India’s Unseen Army

00:07:17

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

00:10:19

From jewellery to petroleum, know all about key exports at risk under Trump's 50% tariffs

00:04:28
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited