7वीं शताब्दी में चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग ने अपने यात्रा वृतांत में हिंदू प्रथाओं और प्रयागराज में आयोजित कुंभ का उल्लेख किया था। उन्होंने प्रयाग की नदियों और इसे हिंदू तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल बताया।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है

    “गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा जहन्नुम, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा ‘जहन्नुम’, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार"

    “भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार”

    "माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया"

    “माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया”

    भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    पश्चिमी देशों को भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है

    “गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा जहन्नुम, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा ‘जहन्नुम’, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार"

    “भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार”

    "माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया"

    “माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया”

    भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    पश्चिमी देशों को भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अमृत की बूंदों का रहस्य: कुंभ स्नान की सनातन परंपरा का इतिहास, पढ़िए हमारे ग्रंथों में क्या लिखा है

7वीं शताब्दी में चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग ने अपने यात्रा वृतांत में हिंदू प्रथाओं और प्रयागराज में आयोजित कुंभ का उल्लेख किया था। उन्होंने प्रयाग की नदियों और इसे हिंदू तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल बताया।

Dr Alok Kumar Dwivedi द्वारा Dr Alok Kumar Dwivedi
7 January 2025
in ज्ञान, संस्कृति
महाकुंभ 2025, प्रयागराज

"कुंभ" और "कुंभी" शब्द का प्रयोग स्त्री-पुरुष के संयोग से संतति की उत्पत्ति के प्रतीक रूप में किया गया है

Share on FacebookShare on X

कुंभ स्नान का इतिहास क्या है? हमारे ग्रन्थ क्या कहते हैं? प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के बीच इन सवालों पर चर्चा ज़रूरी है। अतीत से लेकर आज तक विविध कालखंडों में भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता अपने सार्वभौमिक स्वरूप में निरंतर प्रवाहमान रही है। विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के जन्म एवं उनके विघटन का जीवंत गवाह भारत की सांस्कृतिक चेतना सदियों से बनी रही है।

भारत की यह सांस्कृतिक चेतना भारत के अपने उत्सवधर्मिता, सर्वग्राह्यता एवं सामासिक भाव के परिणामस्वरूप जीवन्तता को प्राप्त है। इसी सांस्कृतिक चेतना का एक अध्याय कुंभ स्नान है। अलग-अलग धर्म एवं दासताओं के अनगिनत चक्र के बीच कुंभ की महत्ता एवं उसकी नसार्वभौमिता ने अतीत से आज तक सनातन से होते हुए आर्य एवं हिंदू संस्कृति की एकसूत्रता का मार्ग प्रशस्त किया है।

संबंधितपोस्ट

राम मंदिर के समर्थन पर पिता हुए थे बहिष्कृत, किताब के लिए नहीं मिले थे प्रकाशक; कहानी मीनाक्षी जैन के संघर्ष की

पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

विदेश में भी बजा योगी सरकार के महाकुंभ प्रबंधन का डंका, अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया जाएगा कुंभ मैनेजमेंट

और लोड करें

प्रयागराज में आयोजित होने वाला है कुंभ

जब-जब भारत के सामाजिक ताने-बाने को विदेशी आक्रांताओं द्वारा वर्ण, जाति एवं ऊंच- नीच, भेद- भाव के कुचक्रों में फंसाकर विखंडित करने का प्रयास किया जाता रहा है तब-तब महाकुंभ जैसे आयोजन इन सभी विखंडित मानसिकता के समक्ष सांस्कृतिक गौरव के लिए प्रथम पंक्ति में खड़े रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवासुर संग्राम में समुद्र मंथन के पश्चात् निकले अमृत की कुछ बूंदें छीना-झपटी के दौरान धरती के चार स्थानों पर गिरीं। अमृत की उस एक बूंद की चाह में अति प्राचीन काल से लेकर आज तक नदियों में स्नान की परंपरा से वैसे ये तो पता नहीं कि लोगों को अमृत की वह बूंद मिली या नहीं, परंतु संस्कृति की संपूर्णता, उसकी संप्रभुता एवं उसकी सार्वभौमिकता के लिए  कुंभ आज भी वरदान सदृश है।

सनातन संस्कृति का एक ऐसा महान पर्व जो कर्मकांड के कुछ कुत्सित क्रियाकलापों, मंदिरों में विशेष वर्ग के प्रवेश निषेध संबंधी इत्यादि सभी निर्बल पक्ष को विसर्जित कर नदी की जलधारा में एक साथ स्नान कर करते हुए सनातन संस्कृति की सामाजिक एवं समरस अंतस् चेतना को प्रदर्शित करता है। कुंभ प्राचीन काल से मध्य, आधुनिक सहित आगत कल में भी सनातन और आर्य संस्कृति की एकसूत्रता का अमृत रूपी ऐसा प्रवाह है जो सदियों से बहता रहा है तथा शताब्दियों तक प्रवाहमान रहेगा।

कुंभ का वैदिक दृष्टांत व इतिहास

वेदों में “कुंभ” शब्द कई स्थानों पर आया है, और इसका संबंध जल-प्रवाह से जोड़ा गया है। एक संदर्भ में चार की संख्या भी निर्दिष्ट की गई है, लेकिन इसका संबंध अमृतमंथन कथा या हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक के कुंभ पर्वों से नहीं है। ऐसी स्थिति में इस शब्द के वास्तविक अर्थ और तात्पर्य को समझने की आवश्यकता है।

ऋग्वेद (10/89/7) के अनुसार,

जघानं वृत्रं स्वधितिर्वनेव रुरोज पूरो अरदत्र सिन्धून्।
विभेद गिरं नवमित्र कुम्भमा गा इन्द्रो अकृणुतस्व युग्भि:।।

इंद्र सूर्य या विद्युत मेघ को मारता है। जैसे कुठार जंगलों को काटता है, वैसे ही वह मेघों की नगरियों को ध्वस्त करता है और नदियों को जल से युक्त करता है। यह नये घड़े के समान मेघ का भेदन करता है और अपने सहयोगियों (मरुतों) के साथ वर्षा को अभिमुख करता है। दूसरी व्याख्या में इसे “कच्चे घड़े” के रूप में बताया गया है, लेकिन अर्थ वही है।

प्रयाग-कुंभ-रहस्य में इसे इस प्रकार समझाया गया है कि कुंभ पर्व में जाने वाला व्यक्ति दान, होम, और अन्य सत्कर्मों के माध्यम से अपने पापों को काटता है। जैसे गंगा नहर अपने तटों को नष्ट करते हुए प्रवाहित होती है, वैसे ही कुंभ पर्व व्यक्ति के पूर्व संचित पापों का नाश कर उसे नूतन और शुद्ध बनाता है।

शुक्ल यजुर्वेद (19/87) में

कुम्भे वानेष्ठुर्जनिता शचोभिर्यास्मित्रगे योन्यां गर्गो नन्त:।
प्लाशिर्व्यक्त शतधार उत्पन्त्ते दुबे च कुम्भी स्वधा पितृभ्य।।।

“कुंभ” और “कुंभी” शब्द का प्रयोग स्त्री-पुरुष के संयोग से संतति की उत्पत्ति के प्रतीक रूप में किया गया है। दयानंद सरस्वती के “भाषा-भाष्य” में इसे मानव को इहलोक में शारीरिक सुख और जन्मांतर में उत्कृष्ट सुख प्रदान करने वाले पर्व के रूप में व्याख्यायित किया गया है। हालांकि, यह आवश्यक है कि सत्य की खोज में निष्पक्षता बनाए रखें और किसी भी अर्थ को आरोपित न करें।

अथर्ववेद (19/53/3) में भी “कुंभ” शब्द आया है।

पूर्ण: कुम्भोधिकाल आहितस्तं वै,
पश्यामो बहुधा नु संनत:।
सइमा विश्वा भुवनानि प्रत्यइ,
काल समाहु परमेव्योमन्।।

क्षेमकरणदास त्रिवेदी के अनुसार, कुंभ का अर्थ समय के प्रयाग से है, जो धर्मात्मा लोगों को सद्मति और अनेक प्रकार की संपत्तियां प्रदान करता है। इसे महान आकाश में ग्रह-राशि के योग से संबंधित बताया गया है। शास्त्री जी ने इसे बारह वर्षों के अंतराल पर आने वाले कुंभ के रूप में व्याख्यायित किया है, जिसे महान आकाश में ग्रहों और राशियों के योग से देखा जा सकता है। हालांकि, 12 वर्षों के कुंभ का भाव स्वकल्पित और आरोपित प्रतीत होता है। यह व्याख्या आस्थामूलक है, लेकिन इसका वेदों के वास्तविक तात्पर्य से कोई ठोस संबंध नहीं दिखता।

कुंभ का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

कुंभ शब्द का शाब्दिक अर्थ है “द्वार,” “सुगम,” और “सुरक्षित स्थान।” यहाँ कुंभ से तात्पर्य अमृत के द्वार से है। वैदिक ग्रंथों में कुंभ शब्द का उल्लेख मिलता है। ‘मेला’ का अर्थ है समूह में लोगों का एकत्र होना, मिलना, या उत्सव मनाना। समग्र रूप से देखा जाए तो कुंभ मेले का अर्थ “एक ऐसा स्थान जहां अमृत जैसा दिव्य आयोजन हो” है।

7वीं शताब्दी में चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग ने अपने यात्रा वृतांत में हिंदू प्रथाओं और प्रयागराज में आयोजित कुंभ का उल्लेख किया था। उन्होंने प्रयाग की नदियों और इसे हिंदू तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल बताया।

प्रयागराज का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। मत्स्य पुराण के अध्याय 103-112 में प्रयागराज की नदियों और तीर्थयात्रा के महत्व का सबसे व्यापक वर्णन है। महाभारत में प्रयाग में स्नान को प्रायश्चित्त और अतीत के पापों से मुक्ति का साधन बताया गया है।

महाभारत के तीर्थयात्रा पर्व में कहा गया है:
“हे भरतश्रेष्ठ, जो व्यक्ति दृढ़ व्रत का पालन करता है और माघ मास के दौरान प्रयाग में स्नान करता है, वह पापों से मुक्त होकर स्वर्गलोक को प्राप्त करता है।”

महाभारत के अनुशासन पर्व में कुंभ को एक महत्वपूर्ण तीर्थ बताया गया है। इसमें उल्लेख है कि कुंभ स्नान से व्यक्ति सत्य, दान, आत्म-नियंत्रण, धैर्य, और अन्य आध्यात्मिक मूल्यों के साथ जीवन व्यतीत करता है।

कुछ विद्वानों का मानना है कि यह कुंभ मेले का सबसे पुराना ऐतिहासिक वर्णन है, जो 644 ईस्वी में प्रयाग में हुआ था। ह्वेन त्सांग के अनुसार, प्रयाग में हर पाँच साल में एक आयोजन होता था, जिसमें बुद्ध की मूर्ति और भिक्षा वितरण का प्रमुख स्थान था। इस आयोजन में लोग आत्मा की मुक्ति के लिए शामिल होते थे।

कुंभ पर्व के महत्व को प्राचीन ग्रंथों में कई स्थानों पर उजागर किया गया है। इन ग्रंथों के अनुसार, कुंभ में स्नान समस्त पापों का नाश करता है और अनंत पुण्य प्रदान करता है। स्कंद पुराण में कुंभ स्नान की महिमा इस प्रकार वर्णित है:

सहस्त्रम कार्तिके स्नानम, माघे स्नानशतानि च।
वैशाखे नर्मदा कोटि: कुम्भ्स्नाने ततफलम ॥

“कार्तिक मास में गंगा में एक हजार बार स्नान करने से, माघ मास में संगम पर सौ बार स्नान करने और वैशाख मास में नर्मदा में एक करोड़ बार स्नान करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वह महाकुंभ में एक बार स्नान करने से प्राप्त होता है।”

विष्णु पुराण में भी कुंभ स्नान की प्रशंसा की गई है:

अश्वमेध सहस्राणि वाजपेय शतानि च।
लक्षं प्रदक्षिणा भूमे: कुम्भस्नाने तत्फलम्।।

“हजार अश्वमेध यज्ञ, सौ वाजपेय यज्ञ, और लाख बार पृथ्वी की परिक्रमा करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वह कुंभ में एक बार स्नान करने से मिल जाता है।”

इस प्रकार प्राचीन ग्रंथों और ऐतिहासिक उल्लेखों में कुंभ पर्व को एक अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक उत्सव बताया गया है। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों का जीवंत प्रतीक है। कुंभ में स्नान का महत्व पापों से मुक्ति, आत्मा की शुद्धि और अनंत पुण्य की प्राप्ति के रूप में प्रतिष्ठित है।

(डा. आलोक कुमार द्विवेदी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्ञ में पीएचडी हैं। वर्तमान में वह KSAS, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। यह संस्थान अमेरिका स्थित INADS, USA का भारत स्थित शोध केंद्र है। डा. आलोक की रुचि दर्शन, संस्कृति, समाज और राजनीति के विषयों में हैं।)

स्रोत: Mahakumbh, महाकुम्भ, 2025, २०२५, Prayagraj, प्रयागराज, History, इतिहास, हिन्दू, Hindu
Tags: HistoryMahakumbh 2025इतिहासमहाकुम्भ 2025
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

चंदन गुप्ता के हत्यारों को बचाने के लिए एक हुईं विदेशी ताकतें, लंदन से लेकर न्यूयॉर्क तक से फंडिंग: गुजरात दंगों वाली तीस्ता भी शामिल

अगली पोस्ट

महाकुम्भ 2025 में घुसपैठ की साजिश! हिंदू मेलों में अपनी दुकानदारी चलाने और धर्म का अपमान करने की जिद क्यों?

संबंधित पोस्ट

अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का
मत

अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

29 July 2025

मनुष्य अपने जीवन में आखिर चाहता क्या है? सब एक ही उत्तर देते हैं, ‘सुख और शांति’ ! केवल सुख और शांति की ही कामना...

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर
इतिहास

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

26 July 2025

देशभक्ति को बढ़ावा देने और स्थानीय नायकों की स्मृति को संजोने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार अपने सरकारी स्कूलों का नाम कारगिल युद्ध में शहीद...

अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश
इतिहास

आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

23 July 2025

एक ऐसे अमर स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश को आजाद करने की कसम तो खाई ही, खुद भी आजाद ही रहे, अंतिम समय तक। लेकिन, यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the ₹30,000 Cr Tug of War Between Karisma Kapoor and Sunjay’s Family

Inside the ₹30,000 Cr Tug of War Between Karisma Kapoor and Sunjay’s Family

00:04:08

Should the HR&CE Exist? The Controversial Control Over Hindu Temples in Tamil Nadu

00:06:31

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

00:08:32

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited