TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल, केंद्र सरकार मदद को तैयार, जानें केंद्र सरकार को मुआवजा देने में क्यों आ रही दिक्कत

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल, केंद्र सरकार मदद को तैयार, जानें केंद्र सरकार को मुआवजा देने में क्यों आ रही दिक्कत

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

10 घंटे का सफर लेकिन लग रहे 50 घंटे, टोल पर किलोमीटरों लंबी कतारें – महाकुंभ में कैसे हैं हालात?

TFI महाकुंभ ग्राउंड रिपोर्ट

himanshumishra द्वारा himanshumishra
10 February 2025
in चर्चित
महाकुंभ में कैसे हैं हालात?

महाकुंभ में कैसे हैं हालात?

Share on FacebookShare on X

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (10 फरवरी 2025) प्रयागराज के पवित्र संगम तट पर महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई। इस बार के महाकुंभ ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम किया है, जहां अब तक 42 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर अपनी आस्था व्यक्त कर चुके हैं। यह आयोजन भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का गौरवशाली प्रतीक बन गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिवेणी संगम में लगाई पवित्र डुबकी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिवेणी संगम में लगाई पवित्र डुबकी

लेकिन, मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ की घटना के बाद मेले में की गई व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। मेले में आए करोड़ों श्रद्धालु योगी सरकार की प्रतिबद्धता और इस भव्य आयोजन की सराहना कर रहे हैं तो वहीं कई लोगों को कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है।

संबंधितपोस्ट

प्रयागराज में इस्लामी कट्टरपंथियों ने तोड़ी डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा, इलाके में तनाव

प्रयागराज टू केरल, मिलेगा अच्छा कमीशन, फिर ब्रेन वॉश कर धर्मांतरण का खेल

यूपी की दलित लड़की को आतंकी बनाना चाहते थे कट्टरपंथी, केरल ले जाकर दी जिहाद की ट्रेनिंग; फिर ऐसे बची जान

और लोड करें

सच यह है कि इतने विशाल स्तर के आयोजन में चुनौतियां स्वाभाविक हैं। प्रशासन ने कई विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की है, लेकिन कहीं-कहीं कमियां भी नजर आईं। ऐसे में आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं का वास्तविक परिदृश्य क्या है और इनसे जुड़ी चुनौतियों की जमीनी हकीकत क्या है….

आरोप 1: साइन बोर्ड की कमी

महाकुंभ में रोजाना लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, और अमृत स्नान के दिन यह संख्या करोड़ों तक पहुंच जाती है। इतने बड़े आयोजन में श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन के लिए साइन बोर्ड की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता।

हाल ही में, दिल्ली से प्रयागराज आए एक श्रद्धालु ने अपनी यात्रा के अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने लिखा:

“50 घंटे का दिल्ली से प्रयागराज का सफर और फिर पवित्र संगम में डुबकी। घाट के पास व्यवस्थाएं शानदार थीं, लेकिन जो कमियां दिखीं, उन्हें बताना जरूरी है:

साइन बोर्ड – पार्किंग से आगे रास्ते में साइन बोर्ड की कमी से काफी परेशानी हुई। पैदल जाने वालों को रास्ता समझने में दिक्कत होती है।”

उनके इस ट्वीट ने ध्यान खींचा, क्योंकि साइन बोर्ड जैसे छोटे से पहलू में भी मेले की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जा सकता है। हालांकि, जब हमारी ग्राउंड टीम ने प्रयागराज में व्यवस्थाओं को करीब से देखा, तो यह बात सामने आई कि साइन बोर्ड की व्यवस्था है, लेकिन समस्या दूसरी है। दरअसल, अधिकतर श्रद्धालु संगम नोज (मुख्य घाट) पर ही स्नान करना चाहते हैं। प्रशासन भगदड़ जैसी स्थितियों से बचने के लिए श्रद्धालुओं को अन्य घाटों पर डायवर्ट करने की कोशिश कर रहा है। इसी वजह से संगम नोज के आसपास सीमित साइन बोर्ड लगाए गए हैं। यही कारण है कि कुछ लोग असुविधा महसूस कर रहे हैं।

आरोप 2 : निम्न दर्जे की शटल व्यवस्था

श्रद्धालुओं द्वारा महाकुंभ में आने-जाने के लिए शटल सेवा की व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एक ट्वीट ने ध्यान आकर्षित किया, जिसमें लिखा गया:

” शटल व्यवस्था – यह व्यवस्था बेहद निम्न दर्जे की थी। शटल के लिए डेडिकेटेड रूट होना चाहिए था। बहुत से लोग पार्किंग से घाट तक की 15 किमी की दूरी तय करने में 8-10 घंटे लगा रहे थे। 90% शटल ने जाने से मना कर दिया।”

इस मुद्दे पर जब अहमदाबाद से आए एक श्रद्धालु ने अपनी बात साझा की, तो उन्होंने बताया, “मैं अपने परिवार के साथ आया था, जिसमें वरिष्ठ नागरिक भी थे। घाट से 15 किमी दूर पार्किंग में हमें शटल लेने का सुझाव मिला, लेकिन शटल चालकों ने कहा कि भीड़ के कारण घाट तक पहुंचने में 10 से 12 घंटे लग सकते हैं। यह हमारे लिए बहुत मुश्किल था। सरकार को शटल के लिए एक अलग मार्ग तय करना चाहिए था, ताकि सीनियर सिटीजन्स को राहत मिल सके।”

50 घंटे का दिल्ली से प्रयागराज का सफर और उसके बाद प्राप्त हुआ पवित्र संगम की डुबकी। घाट के पास बहुत शानदार व्यवस्था था लेकिन जो कमियाँ दिखी उसे बताना जरूरी है:-

1. साइन बोर्ड – पार्किंग स्थल के बाद रास्ते में साइन बोर्ड बनाने में क्या दिक्कत थी। जो लोग पैदल जा रहे हैं उन्हें… pic.twitter.com/oiSGL5ixtC

— Ramnivas Kumar (@ramnivaskumar) February 10, 2025

जब हमारी टीम ने इस आरोप की जमीनी पड़ताल की और प्रशासन से बात की, तो उनकी सफाई कुछ अलग थी। प्रशासन का कहना था कि इस बार मेले में भीड़ अप्रत्याशित रूप से बहुत अधिक है। “अगर शटल के लिए एक डेडिकेटेड मार्ग बनाते हैं, तो मुख्य रास्ते और अधिक संकरे हो जाएंगे, जिससे भगदड़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।”

प्रशासन ने यह भी बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शटल सेवाओं को सीमित रखा गया है। उनका कहना है कि शटल व्यवस्था के जरिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को मदद पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन भीड़ के दबाव और लॉजिस्टिक चुनौतियों के कारण हर किसी तक सुविधा पहुंचाना संभव नहीं हो पाया।

आरोप 3: – टोल प्लाजा पर मचा कोहराम

आरोप 3: टोल प्लाजा पर मचा कोहराम
श्रद्धालुओं ने महाकुंभ तक पहुंचने के दौरान हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों और भीड़भाड़ को लेकर नाराजगी जताई है। श्रद्धालु ने ट्वीट में तीसरी चुनौती को बताते हुए लिखा:

“हाईवे टोल – टोल प्लाजा पर कोहराम मचा हुआ है। हर टोल पर 2-3 घंटे का इंतजार करना पड़ता है। जितने का टोल नहीं, उससे ज्यादा का डीजल और पेट्रोल बर्बाद हो रहा है। ऊपर से मानसिक प्रताड़ना अलग से।”

इस मामले की पड़ताल में हमारी टीम ने पाया कि टोल प्लाजा पर भारी भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को घंटों लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि ईंधन के अतिरिक्त खर्च के चलते आर्थिक दबाव भी बढ़ रहा है। कई श्रद्धालु इसे एक बेहद थकाऊ और मानसिक रूप से कष्टकारी अनुभव बता रहे हैं।

टोल पर भीड़भाड़ का मुख्य कारण महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं का एक साथ आवाजाही करना है। हालांकि, इस तरह के ऐतिहासिक और विशाल आयोजनों में व्यवस्थाओं की कमी को लेकर सवाल उठना स्वाभाविक है। टोल पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए रूट डायवर्जन जैसे कदम उठाए गए हैं, लेकिन यह समाधान भी फिलहाल पर्याप्त साबित नहीं हुआ है।

आरोप 4 : महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा की कमी 

महाकुंभ के आयोजन में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए समुचित सुविधाओं की कमी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। एक श्रद्धालु ने अपनी शिकायत में बताया:

“महाकुंभ में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन उनके लिए कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है। पार्किंग से घाट तक पहुंचने के लिए न तो कोई विशेष शटल सेवा दिखी और न ही पर्याप्त महिला शौचालय।”

इस आरोप की पड़ताल में हमारी टीम ने पाया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते शटल सेवाओं को सीमित कर दिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए समर्पित सुविधाएं, जैसे कि अलग शटल मार्ग और पर्याप्त महिला शौचालय, कई जगहों पर नदारद नजर आए।

हालांकि, ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान यह भी सामने आया कि पार्किंग से घाट तक कुछ स्थानों पर महिला शौचालय मौजूद हैं, लेकिन उनकी संख्या इस आयोजन की विशालता के हिसाब से कम है। श्रद्धालु यह भी महसूस कर रहे हैं कि इस तरह के ऐतिहासिक आयोजनों में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष इंतजाम जरूरी थे।

 

स्रोत: महाकुम्भ, महाकुंभ 2025, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रयागराज, प्रयागराज जाम, टोल प्लाजा, महाकुम्भ में अव्यवस्था, Mahakumbh, Mahakumbh 2025, President Droupadi Murmu, Prayagraj, Prayagraj traffic jam, toll plazas, mismanagement at Mahakumbh
Tags: MahakumbhMahakumbh 2025mismanagement at MahakumbhPrayagrajPrayagraj traffic jamPresident Droupadi Murmutoll plazasटोल प्लाजाप्रयागराजप्रयागराज जाममहाकुंभ 2025महाकुम्भमहाकुम्भ में अव्यवस्थाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

टोल से मिल जाएगी लाइफटाइम छुट्टी, नहीं करना होगा बार-बार रिचार्ज…सरकार ला रही खास प्लान

अगली पोस्ट

साइलेंट हार्ट अटैक का कहर: कभी बैडमिंटन खेलते तो कभी नाचते हुए हो रहीं मौत; क्या कोरोना वैक्सीन है वजह?

संबंधित पोस्ट

पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल
कृषि

पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल, केंद्र सरकार मदद को तैयार, जानें केंद्र सरकार को मुआवजा देने में क्यों आ रही दिक्कत

7 September 2025

पंजाब इन दिनों बाढ़ से कराह रहा है। खेत-खलिहान पानी में डूबे पड़े हैं। लाखों एकड़ फसलें चौपट हो चुकी हैं। किसान दिन-रात बस एक...

क्या है सरना धर्म कोड? जातिगत जनगणना के बीच चर्चा में क्यों है?
चर्चित

क्या है सरना धर्म कोड? जातिगत जनगणना के बीच चर्चा में क्यों है?

6 September 2025

इस बार झारखंड की जनगणना सरना धर्म कोड के बिना होगी। भू-राजस्व विभाग एक हफ्ते में इसकी अधिसूचना जारी करेगा। 1931 के बाद पहली बार...

भगवान को मानोगे तो नर्क में जाओगे: अलवर में कुछ ऐसे चल रहा था धर्मांतरण का खेल
क्राइम

“भगवान को मानोगे तो नर्क में जाओगे”: अलवर में कुछ ऐसे चल रहा था धर्मांतरण का खेल

4 September 2025

राजस्थान के अलवर ज़िले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। यहां एक ईसाई मिशनरी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55

IAF’s Arabian Sea Drill: Is it A Routine exercise or Future Warfare Preparation?

00:05:26

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited