TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    चीन दुनिया के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाता है, जबकि अपने ही देशवासियों से असुरक्षित महसूस करता है

    चीन भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति हो- लेकिन ड्रैगन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन’ के पीछे  नागरिकों के उत्पीड़न की अंतहीन कहानियां छिपी हैं

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    चीन दुनिया के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाता है, जबकि अपने ही देशवासियों से असुरक्षित महसूस करता है

    चीन भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति हो- लेकिन ड्रैगन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन’ के पीछे  नागरिकों के उत्पीड़न की अंतहीन कहानियां छिपी हैं

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

4 दिन में योगी का दौरा, व्यवस्था में हज़ारों कर्मी, ₹3 लाख करोड़ का कारोबार और 66 करोड़ श्रद्धालु: ऐसा रहा प्रयागराज का महाकुंभ

महाकुंभ के आखिरी दिन भारतीय वायुसेना ने विमानों को उड़ाकर मेला क्षेत्र के ऊपर एयर शो निकाला और इस भव्य आयोजन को सलामी दी

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
27 February 2025
in चर्चित, संस्कृति
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अंतिम दिन तक 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर डुबकी लगाई

13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अंतिम दिन तक 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर डुबकी लगाई

Share on FacebookShare on X

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का महाशिवरात्रि को अंतिम अमृत स्नान के बाद समापन हो गया। महाकुंभ के आखिरी दिन भारतीय वायुसेना ने विमानों को उड़ाकर मेला क्षेत्र के ऊपर एयर शो निकाला और इस भव्य आयोजन को सलामी दी। इस महाकुंभ ने ना सिर्फ धार्मिक आधार पर दुनिया को जोड़ा, बल्कि उत्तर प्रदेश का खजाना भी भर दिया। इस महाकुंभ के सफल आयोजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ख्याति को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। वे ना सिर्फ नए भारत के सख्त प्रशासक के तौर पर उभरे हैं, बल्कि मैनेजमेंट गुरु के तौर पर भी उनका उभार हुआ है।

आने वाले समय में अगर देश-दुनिया के विश्वविद्यालयों में उनके कुशल प्रबंधन पर शोध हो तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। किसी आयोजन में सिर्फ 4000 हेक्टेयर में आयोजित करना और प्रतिदिन औसतन 1.5 करोड़ लोगों का समायोजन करना आसान नहीं है। इस दौरान उत्तम व्यवस्था से लेकर श्रद्धालुओं के हित को ध्यान में रखकर योगी आदित्यनाथ ने नया इतिहास रच दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी कहे जाने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपने कौशल से साबित कर दिया कि पीएम मोदी की विरासत को और भी मजबूती के साथ वो ना सिर्फ आगे बढ़ाने में सक्षम हैं, बल्कि इसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बदलकर भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने में भी सक्षम हैं।

संबंधितपोस्ट

नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

और लोड करें

संत से सख्त प्रशासक और अब मैनेजमेंट गुरु बनकर उभरे योगी

सीएम योगी ने विश्व के इस सबसे बड़े आयोजन को सफल बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की पूरी फौज उतार दी। प्रयागराज महाकुंभ को एक अलग जिले का दर्जा देकर बालू से सने क्षेत्र को एक विकसित शहर में बदल दिया। जहाँ स्वच्छता से लेकर पेयजल, खानपान और विश्राम की अत्याधुनिक व्यवस्था की गई। हालात को परखने के लिए सीएम योगी खुद हर चौथे दिन महाकुंभ क्षेत्र का दौरा करते रहे। 45 दिन के इस आयोजन में उन्होंने 12 बार कुंभ क्षेत्र का रिकॉर्ड दौरा किया। प्रदेश के योग्य अधिकारियों को उन्होंने मेला क्षेत्र में 24 घंटे की ड्यूटी दी और उन अधिकारियों ने अपने पूरे मनोभाव से इसे पूरा किया। इससे पता चलता है कि अगर नेतृत्व सक्षम हो तो अधिकारी भी अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करने से नहीं चुकते हैं। वर्ना जिस सीमित क्षेत्र में रोजाना एक पूरा यूरोपीय देश की जनसंख्या आकर स्नान करती थी, वहाँ का मानव प्रबंधन से लेकर व्यवस्था का प्रबंधन दुरूह कार्य है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने इसे कर दिखाया। इस सफल आयोजन को मील का पत्थर की तरह हमेशा उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता रहेगा।

सीएम योगी जब कुंभ क्षेत्र में नहीं होते तो लखनऊ के कंट्रोल रूम में बैठकर कुंभ क्षेत्र का स्वयं लाइव अवलोकन किया करते थे और अधिकारियों को निर्देश देते थे। सभी अमृत स्नान के दिन की व्यवस्था की उन्होंने खुद मॉनिटरिंग की और साधु-संतों से लेकर अधिकारियों और आम लोगों तक से राय ली। यह अपने आप में एक जननेता की प्रसिद्धि का कारण बन जाता है। जब मौनी अमावस्‍या में अनुमान से अधिक भीड़ होने पर भगदड़ हुई तो सीएम खुद को प्रायश्चित भावना के तहत भावुक हो गए। यह किसी साधारण राजनेता के बस की बात नहीं थी। उस दिन रिकॉर्ड 7.64 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी।

भगदड़ के बाद सतर्क हुए सीएम योगी

इस दुखद घटना के बाद सीएम योगी और भी सतर्क हो गए। वह मौनी अमावस्‍या की दुखद घटना की जानकारी लेने खुद प्रयागराज महाकुंभ पहुँचे और अधिकारियों को चेतावनी भी दी। उन्होंने व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए 100 से ज्यादा अधिकारियों की पूरी फौज उतार दी। आईजी स्तर के अधिकारियों को ट्रैफ‍िक कंट्रोल की भी जिम्‍मेदारी दी, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 आईएएस और 25 पीसीएस अफसरों को मेला क्षेत्र में भेजा। इन्हें IAS अधिकारी आशीष गोयल के नेतृत्व में काम करने के निर्देश दिया गया। इन सभी अधिकारियों को मेला के समापन तक कुंभ क्षेत्र में ही रहने को कहा गया।

शुरुआत में महाकुंभ के सफल आयोजन की जिम्मेदारी IAS अधिकारी विजय किरण आनंद को सौंपी गई थी। भगदड़ के बाद आशीष गोयल को लाया गया था। वहीं, IAS रविंद्र कुमार मंदर को महाकुंभ क्षेत्र में प्रशासनिक जिम्मेदारी दी गई। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर पद की जिम्मेदारी आईपीएस अफसर तरुण गाबा को दी गई। 2017 बैच की IAS अधिकारी आकांक्षा राणा को कुंभ मेला क्षेत्र का विशेष कार्याधिकारी (OSD) बनाकर भेजा गया। इन्होंने शानदार काम किया। जब पीएम मोदी प्रयागराज दौरे पर गए थे, उस वक्त आकांक्षा राणा ने महाकुंभ की तैयारियों की एक-एक चीज के बारे में जानकारी दी थी। वहीं, IPS अधिकारी भानु भास्‍कर को प्रयागराज जोन का एडीजी बनाया गया। भानुचंद्र गोस्वामी को महाकुंभ की व्यवस्था को लेकर भेजा गया था। इन सभी अधिकारियों ने शानदार काम किया। वहीं, सूचना निदेशक शिशिर सिंह ने महाकुंभ से जुड़ी छोटी-छोटी बातों को आम लोगों तक पहुँचाने में जबरदस्त मेहनत की।

रेलवे और अन्य व्यवस्थाओं पर रखा विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कुशल प्रबंधन से क्राउड मैनेजमेंट, रेलवे, ट्रैफिक डायवर्जन, पार्किंग, विश्राम समेत विभिन्न जरूरतों को धरातल पर उतारा। महाकुंभ पहुँची भीड़ नियंत्रित की गई। केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर प्रयागराज एवं उसके नजदीकी स्टेशनों के साथ-साथ काशी, अयोध्या, गोरखपुर, विंध्याचल आदि प्रमुख स्‍टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने की योजना बनाई गई। सभी प्रमुख स्टेशनों से महाकुंभ स्‍पेशल ट्रेनें चलवाईं। इस व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महाकुंभ में 3,500 से ज़्यादा स्पेशल ट्रेनों चलाकर देश के विभिन्न कोनों से श्रद्धालुओं को प्रयागराज और फिर उनके गंतव्‍य तक पहुँचाया गया। प्रयागराज के 8 स्टेशनों से ट्रेनें चलाकर प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ को एकत्रित नहीं होने दिया गया। अंतिम दिन रेलवे ने नजदीकी स्टेशनों से 115 ट्रेनें चलाईं और 5.62 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया।

महाकुंभ 2025 में मेला क्षेत्र में 7000 से अधिक बसों की व्यवस्था की गई। डेढ़ लाख से अधिक शौचालय बनाए गए। स्वच्छता के लिए 10,000 सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। फायर सर्विस, हेल्प डेस्क, पार्किंग, सीसीटीवी की व्यवस्था के साथ-साथ इमरेंजसी वाले आधुनिक अस्पताल तक की व्यवस्था कुंभ क्षेत्र में ही की गई। कुंभ क्षेत्र में 15,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। वहीं, विशेष परिस्थितियों को 200 कमांडो को भी तैनात किया गया था। स्नान घाटों पर निगरानी के लिए 4000 नावों में पुलिस, गोताखोर एवं अन्य कर्मी तैनात रहे। इनमें भारतीय नौसेना के 25 गोताखोरों को भी लगाया गया था।

सांस्कृतिक पुनर्रुथान

इस साल 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अंतिम दिन तक 66 करोड़ 21 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर डुबकी लगाई। संगम में डुबकी लगाने वालों की यह संख्या 193 देशों की जनसंख्या से ज्यादा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि देवों के देव महादेव जनमानस में पूजे जाते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की विराट झाँकी ‘अनेकता में एकता’ के महापर्व प्रयागराज महाकुंभ-2025 में आज 1.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। एकता के इस ‘महायज्ञ’ में आज पवित्र स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त करने वाले सभी पूज्य साधु-संतों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!”

सीएम योगी के इस सफल आयोजन का साधु-संतों से लेकर विदेशी मेहमानों तक जमकर तारीफ की। जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महाकुंभ को भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया। उन्होंने हुए कहा कि यह आयोजन विश्व में अनूठा है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यूनेस्को ने इसे अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है। 60-62 करोड़ लोगों का एक ही शहर में आना, यह अपने आप में एक अनोखी घटना रही।”

इस बार के महाकुंभ ने श्रद्धालुओं में भी आस्था का नया रूप विकसित किया है। जो श्रद्धालु महाकुंभ स्नान के लिए आए, वे अन्य नजदीकी तीर्थस्थलों पर भी गए। इनमें अयोध्या, काशी, विंध्याचल, गोरखपुर और मथुरा महत्वपूर्ण हैं। सीएम योगी ने इसे उजागर भी किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने प्रयागराज, अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर को नए पंचतीर्थ के रूप में एक-दूसरे से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अब नए युग की ओर अग्रसर हो रहा है। प्रयागराज के कुंभ की तरह ही अयोध्या, काशी, मथुरा और गोरखपुर में श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला। सिर्फ अयोध्या में ही महाकुंभ के दौरान 16 करोड़ श्रद्धालुओं भगवान राम का दर्शन करने पहुँचे।

सीएम योगी ने कहा कि पूरा विश्व प्रयागराज के महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता का साक्षी बना है। उन्होंने कहा ‘‘यह कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, आस्था और संस्कृति का वह महोत्सव है, जिसने देश की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज एक नए युग की ओर बढ़ रहा है।

प्रयागराज का बदला स्वरूप

योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर साल 2019 में प्रयागराज कर दिया था। इसके बाद से वे उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की एक नई तारीख लिख रहे हैं। उसी साल उन्होंने आयोजित अर्ध कुंभ को वैश्विक मंच पर लाने की कवायद शुरू कर दी थी। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ को राज्य का 76वाँ जिला बनाकर एक नई गाथा लिखी थी। साल 2019 में कुंभ के आयोजन से पहले रिकॉर्ड 11 महीने में अत्याधुनिक हवाई अड्डा बना दिया गया। दरागंज के नदी तट से संगम तट नदी किनारे की सड़क को मुम्बई के मरीन ड्राइव जैसा विकसित कर दिया गया। यह एक नया विजन था, जो संस्कृतिक के साथ-साथ आर्थिक सोच का परिणाम था।

जब कुंभ 2019 सफल रहा तो उन्होंने 144 साल पर लगने वाले महाकुंभ की तैयारियाँ उसी समय से शुरू कर दीं। उन्होंने सड़कों से लेकर, गली, चौराहे, पुल, पानी की व्यवस्था, यातायात, संगम तट पर घाटों का निर्माण आदि की पहल तेज कर दी। इसके अलावा प्रयागराज शहर को हिंदू सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप में तैयार करना शुरू कर दिया। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में फ्लाईओवर, सड़कों और अंडरपास के सुधार के लिए 7500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इनमें से 1,500 करोड़ रुपए महाकुंभ व्यवस्था के लिए निर्धारित किए गए।इनमें स्टील ब्रिज, वीवीआईपी कॉरिडोर और पुलिस स्टेशन प्रमुख हैं। कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, और अयोध्या से प्रयागराज आने के लिए स्टील ब्रिज को तैयार किया गया।

शहर के प्रमुख दीवारों पर स्ट्रीट आर्ट, चौराहों पर म्यूरल्स (भित्ति चित्र), विभिन्न शैली की मूर्तियाँ (स्कल्पचर), लैंड स्केपिंग, ट्रैफिक साइन, ग्रीन बेल्ट और हॉर्टिकल्चर आदि का काम करके उसे नया रूप दिया गया। इसके कारण लोग अपनी संस्कृति से खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर पाए। यह महाकुंभ सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी रहा। महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश सरकार को भारी लाभ पहुँचाया। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने बताया कि कुंभ के लगभग 40 दिनों में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए (360 अरब अमेरिकी डॉलर) का कारोबार हुआ है। डायरी, कैलेंडर, जूट बैग और स्टेशनरी की माँग में भारी वृद्धि हुई है। सावधानीपूर्वक ब्रांडिंग के कारण बिक्री में वृद्धि हुई है।

इस महाकुंभ के आयोजन ने एक बेंचमार्क स्थापित किया है। इस बेंचमार्क को बनाए रखना या इससे आगे की तैयारी करना एक चुनौती होगी। सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में आगे ऐसा होता रहेगा या यूँ कहें कि इससे भी बढ़कर होता रहेगा, ऐसी लोगों को उम्मीद है। लेकिन, हरिद्वार, नासिक, उज्जैन जैसे कुंभ वाले तीर्थस्थलों पर इस तरह की व्यवस्था को बनाने का दबाव वहाँ की सरकारों पर रहेगा। इसमें उत्तर प्रदेश का ‘योगी मॉडल’ उनका मार्गदर्शन करेगा। इस तरह क्राउड मैनेजमेंट का यह पाठ दुनिया के लिए एक रिसर्च का एक विषय बन गया है।

स्रोत: उत्तर प्रदेश, प्रयागराज, महाकुंभ, महाकुंभ 2025, योगी आदित्यनाथ, नरेंद्र मोदी, हिंदू संस्कृति, Uttar Pradesh, Prayagraj, Maha Kumbh, Maha Kumbh 2025, Yogi Adityanath, Narendra Modi, Hindu culture,
Tags: Hindu cultureMaha KumbhMaha Kumbh 2025Narendra ModiPrayagrajUttar PradeshYogi Adityanathउत्तर प्रदेशनरेंद्र मोदीप्रयागराजमहाकुंभमहाकुंभ 2025योगी आदित्यनाथहिंदू संस्कृति
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या नेहरू ने चंद्रशेखर आज़ाद की मुखबिरी की थी? CID की गोपनीय फाइलों में छुपा वो राज़, जो आज भी उनकी शहादत की अनसुलझी गुत्थी बना हुआ है!

अगली पोस्ट

जिस प्रयागराज ने शिवाजी को दिखाई थी राह, उसी ने योगी आदित्यनाथ को एक सफल प्रशासक के रूप में कर दिया स्थापित: संस्कृति को पुनर्जागृत कर के जा रहा महाकुंभ

संबंधित पोस्ट

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’
चर्चित

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

11 September 2025

दिल्ली की गलियों में कुछ हफ़्तों से चर्चा थी-क्या संघ और भाजपा के बीच सब कुछ ठीक नहीं? विपक्ष को तो जैसे मुद्दा मिल गया...

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज
क्राइम

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज

11 September 2025

साल 1999 की ठंडी शाम। सीवान की गलियों में दीपावली के बाद की चहल-पहल धीरे-धीरे थम रही थी। चंचल अपने दोनों भाइयों—गिरीश और सतीश—के साथ...

मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?
इतिहास

मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

10 September 2025

लगभग चार हजार साल पहले मोहनजोदड़ो में मिली पत्थर की एक छोटी सी मूर्ति को लोग “पुजारी-राजा” (Priest King) कहते हैं। ये मूर्ति वर्ष 1925-26...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited