PM Mudra Yojana Loan: आज से 10 साल पहले देश में औद्योगिक क्रांति लाने और पर वर्ग को व्यापार से जोड़ने के लिए PM मोदी ने मुद्रा योजना (pradhan mantri mudra yojana) की शुरुआत की थी। आज इस योजना को शुरू हुए 10 साल पूरे हो गए। इस 10 साल में भारत के लाखों परिवार ने इसका फायदा उठाया है। इस योजना के जरिए कई तरह के लोन लेकर लोगों ने न सिर्फ अपना धंधा चमकाया बल्कि देश की तरक्की में भी अहम योगदान दिया। सबसे बड़ी बात यह कि इस योजना का लाभ लेने वालों में सबसे अधिक महिलाएं है। आज योजना के 10 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से मुलाकात की। इस दौरान कई हसी मजाक के पल भी आए। आइये जानें PM मोदी की आज की बैठक और पीएम मुद्रा योजना की पूरी डिटेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PMMY (PM Mudra Yojana) के लाभार्थियों को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। यहां उन्होंने उनसे बात की। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर लाभार्थियों के सफलता की कहानियों को सुना। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह योजना सरकार की नहीं है। बल्कि यह तो देश के करोड़ों मेहनती नागरिकों के आकांक्षाओं को पूरा करने का जरिए है।
गर्मजोशी के PM ने किया स्वागत (PM Modi Mudra Yojana)
पीएम मोदी ने लाभार्थियों का अपने आवास पर गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा, “मैं आप सभी को मेरे घर आने के लिए धन्यवाद देता हं। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मेहमान के आने से घर पवित्र होता है। आपका यहां होना मेरे लिए आशीर्वाद है।” करीब आधे घंटे की बातचीत के दौरान उन्होंने उनकी यात्राएं सुनीं और जोर दिया कि यह योजना उनकी सरकार की प्रशंसा के लिए नहीं, बल्कि युवाओं और आम नागरिकों को सशक्त करने के लिए है।
..नहीं आएंगे इनकम टैक्स वाले
बातचीत के दौरान पीएम का मजाकिया अंदाज भी देखने को मिला। एक लाभार्थी से आय पूछने पर जब वह हिचकिचाया, तो पीएम ने हंसते हुए कहा, “डरो मत, वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं। मैं बोल दूंगा कि इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे!” इस पर सभी ठहाके लगाने लगे। इसके बाद युवा उद्यमी ने बताया कि उसने 2 लाख का लोन लिया था। उसके जरिए 3डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स का काम करता है। महीने में 30-35 हजार कमा लेता है और वीकएंड पर भावनगर में काम में काम करता है।
आत्मविश्वास, सम्मान और अवसर (Mudra Yojana Benefits)
PIB ने मुद्रा योजना को लेकर एक फैक्ट रिपोर्ट जारी की है। इसमें दिखाए गए आंकड़े बताते हैं कि किस तरह से इस योजना ने देश में एक क्रांति लाई है। मुद्रा योजना सिर्फ लोन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, सम्मान और अवसर दिलाना का भी प्रतीक बन गई। इस योजना का लाभ लेने वालों में 68 फीसदी महिलाएं हैं जिन्होंने अपने पैरों पर खड़े होकर समाज में अपना एक रुतबा बनाया है। इसके साथ ही यह योजना खासकर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए परिवर्तनकारी साबित हुई है। क्योंकि करीब 50 प्रतिशत लाभार्थी इन्हीं समुदायों से हैं।
33 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी ऋण
पिछले एक दशक में मुद्रा योजना के तहत देश के 52 करोड़ से अधिक लोगों को लोन दिया गया है। इसके तहत 33 लाख करोड़ रुपये का गारंटी-रहित ऋण बांटा गया है। इस योजना से सबसे अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। उन्होंने न केवल समय पर ऋण चुकाया है, बल्कि अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक आगे भी बढ़ाया है। मुद्रा योजना की वजह से अब छोटे शहरों और गांवों में भी लोग नौकरी के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में भी तेजी आई है।
ऋण की धूम इको-सिस्टम बूम
SBI की रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि मुद्रा योजना के कारण कर्ज बांटने में तेजी आई है। 2014 में बैंक 8.51 लाख करोड़ रुपये कर्ज दे रहा था। अब 2024 में यह 27.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 2025 में इस आंकड़े के 30 लाख करोड़ रुपये को पार करने का अनुमान है। SBI ने बताया कि उसके MSME कर्ज की हिस्सेदारी भी 15.8 फीसदी से बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई है। इससे भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
NPA बताता है व्यापार बढ़ा (Mudra Yojana NPA)
वित्त मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार, मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन चुकाने की दर काफी बेहतर है। दिसंबर 2024 तक सरकारी बैंकों का सकल एनपीए मात्र 3.6% रहा। इससे पता चलता है कि लाभार्थी समय पर लोन चुका रहे हैं। मतलब साफ है कि इस योजना का लाभ लेने वालों का व्यापार या स्टार्टअप तेजी से चला है।
मुद्रा योजना में 4 प्रकार का लोग
– शिशु- 50,000 तक
– किशोर- 50,000 से 5 लाख
– तरुण- 5 लाख से 10 लाख
– तरुण प्लस- 10 लाख से 20 लाख
सबसे ज्यादा किन राज्यों ने बाटे कर्ज
PIB की रिपोर्ट बताती है कि 28 फरवरी, 2025 तक, तमिलनाडु ने 3,23,647.76 करोड़ रुपये के साथ राज्यों में सबसे अधिक कर्ज बांटने वाला राज्य बना है। वहीं उत्तर प्रदेश 3,14,360.86 करोड़ रुपये के साथ दूसरे नंबर पर है। जबकि, 3,02,146.41 करोड़ रुपये के साथ कर्नाटक का तीसरा स्थान है। यहां सभी राज्यों कि लिस्ट देखें…
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के प्रयासों को स्वीकार किया है। 2017 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा था कि यह योजना महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों को आगे बढ़ा रही है। इसके बाद 2019 में IMF ने सराहना करते हुए कहा था कि यह योजना विनिर्माण, व्यापार और सेवाओं में लगे व्यवसायों को ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। इतना ही नहीं 2023 में भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने फ्री ऋण संरचना, महिला उद्यमिता पर केन्द्रित करने के साथ, महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई को बढ़ावा देने वाला बताया था। साल 2024 की रिपोर्ट में IMF ने कहा कि भारत का सक्षम नीतिगत वातावरण, ऋण तक पहुंच के माध्यम से स्वरोजगार के लिए सक्रिय रूप से योगदान दे री है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह योजना मोदी की तारीफ के लिए नहीं, बल्कि युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने न केवल करोड़ों सपनों को साकार किया है, बल्कि देश को एक आर्थिक और सामाजिक रूप से समावेशी समाज की ओर ले जा रही है। आने वाले वर्षों में भी यह योजना भारत के विकास की धुरी बनी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने लाभार्थियों को विकसित भारत बनाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।