इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने आज Rahul Gandhi की ब्रिटिश नागरिकता के मामले पर सुनवाई की है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 5 मई तय की गई है। इससे पहले भी सरकार ने कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दी थी। हालांकि, अदालत ने इसे नाकाफी मानते हुए खारिज कर दिया था। अब अगर 10 दिन के भीतर सरकार अपनी रिपोर्ट पेश कर देती है तो इस बात से पर्दा हट जाएगा कि राहुल गांधी ब्रिटिश हैं या भारतीय नागरिक?
बता दें राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए जुलाई 2024 में कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने याचिका लगाई थी। इसमें उन्हें ब्रिटिश नागरिक (Rahul Gandhi British Citizenship Case) बताते हुए उनके चुनाव को रद्द करने की मांग की गई थी। इसमें उन्होंने एक गोपनीय मेल का हवाला दिया था।
10 दिन में दें जवाब
21 अप्रैल 2025 को सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की इसे कोर्ट ने अपर्याप्त माना। कोर्ट ने कहा कि ये राष्ट्रीय महत्व का मामला है। इसमें देरी नहीं करनी चाहिए। केंद्र सरकार ने इसके लिए समय मांगा तो कोर्ट ने कहा- राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं या नहीं आप 10 दिन में जवाब दें।
क्या है मामला?
कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने 1 जुलाई 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता पर गंभीर सवाल उठाए। याचिका में राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता रखने का आरोप लगाया गया है। उनकी रायबरेली लोकसभा सीट से जीत और संसद सदस्यता को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के एक गोपनीय ईमेल का हवाला देते हुए दावा किया कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं।
विग्नेश शिशिर का दावा है कि भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) का उल्लंघन हो रहा है। भारत में दोहरी नागरिकता को प्रतिबंधित है। विग्नेश शिशिर ने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की और कहा कि वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। याचिकाकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने अपनी विदेशी नागरिकता को छुपाकर रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ा, जो नियमों का उल्लंघन है।
अब तक पूरा मामला
- 25 नवंबर 2024 को यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था। कोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि 19 दिसंबर, 2024 निर्णय लिया जाए। फिर 19 दिसंबर, 2024 को सुनवाई हुई।
- 19 दिसंबर 2024 को बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) को गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया था।
गृह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में बताया था कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखा है पर अभी जवाब नहीं आया। यूनियन ऑफ इंडिया के वकील ने पूरे मामले में जांच की बात कह पूरी रिपोर्ट के लिए 8 सप्ताह का समय मांगा था।
उत्तर प्रदेश में चल रहे हैं 3 और केस
सुल्तानपुर की अदालत में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ 2018 का एक मानहानि मामला दर्ज है। बीजेपी नेता विजय मिश्रा ने राहुल पर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। इस मामले में अगली तारीख 28 अप्रैल 2025 तय की गई है।
लखनऊ की एक अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ वीर सावरकर को लेकर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान के कारण मानहानि का मामला चल रहा है। इस मामले में अदालत ने राहुल पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया था और उन्हें 14 अप्रैल 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, राहुल कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।
हाथरस की एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ एक और मानहानि का मामला दर्ज है। बूलगढ़ी गांव के रामकुमार उर्फ रामू ने आरोप लगाया कि राहुल ने अदालत से दोषमुक्त हुए युवकों को गैंगरेप का आरोपी बताकर उनकी छवि खराब की। इस मामले की सुनवाई अब 24 अप्रैल 2025 को होगी।