संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार यानी कल प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में पेश किया जाएगा, और इसके बाद इस पर आठ घंटे तक विस्तार से चर्चा की जाएगी। सरकार अब विधेयक को पारित कराने के लिए फ्लोर मैनेजमेंट में पूरी तरह से जुटी हुई है, और यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों सदनों में इसे पास कराने में कोई बड़ी दिक्कत नहीं आएगी। इसीलिए भाजपा के साथ साथ NDA के सहयोगी दलों जैसे JDU, TDP और अन्य दलों ने भी व्हिप जारी कर सभी सांसदों को उपस्थित रहने को कहा है। बीजेपी ने 3 लाइन का व्हिप जारी किया है। आम तौर पर इस श्रेणि का व्हिप बेहद महत्वपूर्ण और गंभीर स्थिति में ही जारी किया जाता है और इसके अनुसार सांसदों की उपस्थिति हर हाल में अनिवार्य होती है। इस श्रेणि के व्हिप का उल्लंघन करने पर उनकी सदस्यता तक जा सकती है। वहीं सत्ता पक्ष ही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने भी व्हिप जारी कर सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने की हिदायत दी है।
वहीं इस बिल को कई सकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी मिल रही हैं, खासकर केरल से, जहां केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) ने विधेयक का समर्थन करते हुए इसे स्वागत योग्य कदम बताया। केरल में केरल काउंसिल ऑफ चर्चेज सहित कई दूसरे कैथोलिक संगठनों ने भी इस विधेयक को समर्थन दिया है और सांसदों से अपील की है कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इसे समर्थन दें। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के संचालन को पारदर्शी बनाने और इनसे जुड़े विवादों का निपटारा करने के लिए सरकार को जरूरी ताकत देगा।
विपक्ष का वॉकआउट
वक्फ संशोधन बिल पर जानकारी देते हुए किरेन रिजीजू ने कहा कि “कुछ सदस्य चर्चा के लिए 6 घंटे की मांग कर रहे थे, कुछ 4 घंटे, जबकि विपक्ष ने इसे 12 घंटे तक बढ़ाने की बात की थी। इसके बाद सभी पक्षों के बीच सहमति बनी और विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा तय की गई।” उन्होंने यह भी कहा, “सदन की भावना को देखते हुए, अध्यक्ष इसे और बढ़ाने का फैसला भी ले सकते हैं।”
कल इसे लेकर लोकसभा में हंगामा होने की अटकलें जताई जा रही है, क्योंकि विपक्षी सदस्य इस विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने के लिए पूरी तरह लामबंद दिख रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक पर संभावित टकराव के संकेत मंगलवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में देखने को मिले थे। हालांकि सरकार ने भी बिल को पास कराने के लिए कमर कस ली है और आंकड़ों को देखते हुए ये मुश्किल भी नहीं होगा।
रिजिजू ने प्रेस को बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वक्फ विधेयक पर 8 घंटे की बहस का ऐलान किया था, लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और वॉकआउट कर दिया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जानबूझकर डर फैलाने और विधेयक पर चर्चा से बचने के लिए वॉकआउट कर रहे हैं। उनका कहना था कि सरकार विधेयक पर व्यापक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, ताकि सभी दलों को विवादास्पद खंडों पर अपनी आपत्तियां उठाने का पूरा मौका मिले।
उन्होंने यह भी कहा, “कुछ दल जानबूझकर विधेयक पर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और बहस से भागने के बहाने तलाश रहे हैं। देश इस विधेयक पर उठ रही आपत्तियों को सुनना चाहता है।”
कुछ ऐसा रहा इस बिल का सफर
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले साल 8 अगस्त को इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था। उस समय विपक्ष ने इस विधेयक पर जमकर हंगामा किया था, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने का फैसला लिया। इस समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल हैं।
जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में एनडीए के घटक दलों द्वारा पेश किए गए 14 संशोधनों को स्वीकार किया, जबकि विपक्ष की ओर से पेश किए गए 44 संशोधनों को खारिज कर दिया। इस रिपोर्ट के आधार पर विधेयक को संशोधित किया गया, और फिर कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। अब यह विधेयक संसद में चर्चा और पारित होने की ओर बढ़ रहा है।