Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए राफेल विमानों से स्कैल्प मिसाइलों और हैमर बम का उपयोग किया। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को नष्ट किया गया। सेना ने तय किया था कि हमले इस तरह होंगे की इससे पाकिस्तानी सेना और आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो। इस कारण भारत ने अपने उच्च तकनीक की मिसाइल और बम का उपयोग किया था। आइये जानें इनकी खासियत क्या है?
स्कैल्प मिसाइल वायु सेना की ताकत
ऑपरेशन सिंदूर में उपयोग हुए स्कैल्प मिसाइल को स्टॉर्म शैडो के नाम से भी जाना जाता है। यह लंबी दूरी की हवा से छोड़ी जाने वाली क्रूज मिसाइल है। इसे फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह यूरोपीय मिसाइल निर्माता MBDA द्वारा निर्मित है। भारत ने इसे अपने राफेल लड़ाकू विमानों के साथ खरीदा है। यह भारतीय वायुसेना की सटीक हमले की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- प्रकार- एयर-लॉन्च लॉन्ग रेंज क्रूज मिसाइल
- रेंज- लगभग 450 किलोमीटर
- वारहेड क्षमता- 450 किलोग्राम का हाई-एक्सप्लोसिव पेनिट्रेटर
- गति- सबसोनिक (ध्वनि से धीमी लेकिन स्थिर गति)
- नेविगेशन प्रणाली- INS (Inertial), GPS, TERCOM, IIR (इन्फ्रारेड इमेजिंग)
- स्टील्थ क्षमता- रडार से बचने में सक्षम
- मिशन प्रोफाइल- लॉन्च के बाद खुद चलने में सक्षम
- निर्माता- MBDA, यूरोपीय रक्षा कंपनी (फ्रांस, UK, इटली और जर्मनी का संयुक्त उद्यम)
साइलेंट असैसिन स्कैल्प मिसाइल
स्कैल्प मिसाइल हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। करीब 1,300 किलोग्राम वजनी और 5.1 मीटर लंबी इस मिसाइल में टर्बोजेट इंजन (TR60-30) का उपयोग किया जाता है। टर्मिनल गाइडेंस के लिए इसमें इन्फ्रारेड सीकर तकनीक का इस्तेमाल होता है जो टारगेट की तस्वीर को हमला करने से पहले वेरीफाई कर लेता है। यह एक तरह की साइलेंट असैसिन है जो इसे रडार से बचाती है।
पहले कहां हुआ है उपयोग?
- – NATO देशों ने इराक, सीरिया, और लीबिया में आतंकवादी ठिकानों पर कई बार प्रयोग किया जा चुका है।
- – यूक्रेन ने भी 2023 में इसी मिसाइल का इस्तेमाल रूस के अंदर गहरे ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया।
राफेल के साथ घातक हो जाती है स्कैल्प मिसाइल
स्कैल्प मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत इसकी सेंटीमीटर स्तर की सटीकता है। यह चलते हुए वाहनों, बंकरों, कमांड सेंटरों, हथियार डिपो को नष्ट कर सकती है। सबसे खास और बड़ी बात की इसके लिए मौसम मायने नहीं रखता है। ये जमीन पर पहुंचकर जमीन के नीचे तक विस्फोट करती है। जब इसे राफेल के साथ उपयोग किया जाता है तो उसके SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली इसे अधिक घातक बना देती है।
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हैमर बम रेंज कम पर ताकत ज्यादा
हैमर बम (HAMMER Bomb) सभी मौसमों में काम करने वाला स्मार्ट एयर-टू-सरफेस हथियार है। इसकी स्टैंड-ऑफ क्षमता काफी ज़्यादा है। ये अपने वॉरहेड्स और गाइडेंस किट के क्लोज एयर सपोर्ट मिशन के साथ-साथ डीप स्ट्राइक मिशन में के लिए काम आता है। इसे फ्रांस की कंपनी सफरान बनाती है। भारत लंबे समय से इन्हें खरीदते आया है।
- पूरा नाम- हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूमिशन एक्सटेंडेड रेंज
- प्रकार- एयर-टू-ग्राउंड
- निर्माता- सफरान इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस (फ्रांस)
- रेंज- लगभग 70 किलोमीटर
- वजन विकल्प- 250 किग्रा, 500 किग्रा, 1000 किग्रा
- लॉन्च प्लेटफॉर्म- राफेल फाइटर जेट (अन्य विमानों से भी लॉन्च हो सकता है)
- टेक्नोलॉजी- INS + GPS + IR/Laser गाइडेंस
- खासियत- ये किलेबंद ठिकानों को भेदने में सक्षम इसले जैमिंग से नहीं पकड़ा जा सकता है
मल्टी परपस है हैमर बम
GPS और इनर्शियल नेविगेशन प्रणाली के कारण यह बम टारगेट पर एक इंच की गलती के बिना गिरता है। इसे कम ऊंचाई से भी आसानी से टारगेट पर फायर किया जा सकता है। ये दुश्मन के रडार से बचने में माहिर है। मॉड्यूलर डिजाइन के कारण इसे अलग-अलग वजन के बमों के साथ उपयोग किया जा सकता है। कुल मिलाकर ये छोटे बड़े किसी भी ऑपरेशन के लिए फिट है। इसे इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के जरिए रोकना मुश्किल है।
भारत ने हैमर बम को पहली बार 2016 में राफेल सौदे के हिस्से के रूप में खरीदा। इसके बाद साल 2020 में अतिरिक्त स्टॉक की खरीद की गई थी। ऑपरेशन सिंदूर में इसका उपयोग किया गया है। ये स्कैल्प और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों की तुलना में थोड़ा सस्ता होता है। पर इस प्री कंप्यूटर प्रोग्राम के साथ चलाया जा सकता है। इसी कारण इसकी तकनीक इसे मल्टी परपस इस्तेमाल के काबिल बनाती है।
भारत की सैन्य क्षमता
ऑपरेशन सिंदूर में स्कैल्प मिसाइल और हैमर बम भारत की सैन्य क्षमता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनकी स्टील्थ, रेंज और सटीकता इसे आतंकी ठिकानों, बंकरों को नष्ट करने के लिए आदर्श बनाती है। ऑपरेशन सिंदूर में इनका उपयोग भारत की रक्षा तकनीक की ताकत का प्रतीक है। यह केवल पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए चेतावनी है। यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति को भी दिखाता है।