जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की नृशंस हत्या के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में लगातार CCS, CCPA, CCEA जैसी उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं और रक्षा मंत्री, CDS व NSA से भी मुलाकात कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान भी परमाणु ताकत होने की गीदड़ भभकी दे रहा है लेकिन असल में पाकिस्तान के भीतर भय और घबराहट का माहौल है। सेना से सैनिक इस्तीफा दे रहे हैं और बड़े सैन्य अधिकारियों के परिवार देश छोड़कर चले गए हैं। भारत के पलटवार के भय से थर्राया पाकिस्तान अब अपनी जान बचाने के लिए अमेरिका की शरण में पहुंच गया है।
‘Newsweek’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिज़वान सईद शेख ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वे भारत के साथ बढ़ते तनाव को कम करने में मदद करें। रिज़वान शेख का कहना है कि क्योंकि ट्रंप, यूरोप और मिडिल ईस्ट में लड़ाइयों को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। रिज़वान शेख ने ‘Newsweek’ से बातचीत के दौरान कहा, “अगर हमारे पास ऐसा राष्ट्रपति है जिसका साफ मकसद दुनिया में शांति लाना है, जो इस कार्यकाल में खुद को एक शांतिदूत के रूप में यादगार बनाना चाहता है, जिसने युद्ध खत्म किए, युद्ध को टाला और विवादों को सुलझाने में भूमिका निभाई, तो मुझे नहीं लगता कि कश्मीर से बड़ा और गंभीर मुद्दा कोई और हो सकता है, खासकर परमाणु खतरे के लिहाज़ से।”
रिज़वान शेख ने कहा, “इस खतरे के बावजूद हमारे पास एक मौका है कि हम सिर्फ हालात को तुरंत शांत करने के बजाय, कश्मीर मुद्दे का कोई ऐसा हल निकालें जो लंबे समय तक चले। हमें ऐसा स्थायी समाधान चाहिए जो दोनों तरफ के लोगों के लिए शांति और स्थिरता लाए।” गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ से बात की है। इस दौरान रूबियो ने भारत से तनाव कम करने की अपील की है और पाकिस्तान से आतंकी हमले की निंदा करने और जांच में सहयोग करने की बात कही है।