मध्य प्रदेश में बीजेपी का झंडा तो बुलंद है पर यहां नेता कुछ ज्यादा ही बे-लगाम हो चले हैं। एक दौर था जब भाजपा को अनुशासन की पार्टी कहा जाता था। मगर कुछ नेता, उनके परिवार और समर्थकों ने प्रदेश को फुलटाइम कंट्रोवर्सी बना दिया है। चाहे सड़क पर शर्मिंदगी बिखेरने वाला कांड हो या सेना के शौर्य पर सवाल उठाने की गुस्ताखी बीजेपी के नेता पीछे नहीं हटते हैं। अगर नेताओं की हिम्मत कम पड़ जाए तो उनके परिवार और समर्थक बाकी कसर पूरी कर देते हैं।
लगता है मध्य प्रदेश भाजपा के नेताओं को पार्टी, अनुशासन और मर्यादा की कोई चिंता ही नहीं रह गई है। ऐसा लगता है मानो भाजपा ने खुद ही बेलगाम होने का लाइसेंस बांट दिया हो। इसलिए तो बयानों के वीर और कारनामों के सूरमा बन गए हैं।
सड़क पर हाई वोल्टेज अश्लीलता
13 मई 2025 को मंदसौर से भाजपा नेता मनोहर धाकड़ का हाईवे पर हाई वोल्टेज प्रदर्शन वायरल हो गया। आपने फिल्मों में सड़कों पर खून बहाते तो जरूर देखा होगा लेकिन मनोहर धाकड़ को यहां इश्क लुटाने लगे। रिकॉर्ड हुए तो कैमरा देखकर मुस्कुराए नहीं बल्कि FIR के बाद अदालत से जमानत ले आए। नेताजी तो बच निकले लेकिन उनके इश्क की कीमत पर टोल के तीन कर्मचारी सस्पेंड हो गए।
सड़क पर मनोहर लाल धाकड़ की प्रेम कहानी चलो मान लेते हैं प्राइवेसी का मैटर है। क्योंकि, बचाने वाले तो उन्हें राइट टू प्राइवेसी और पर्सनल लाइफ की बात कहकर बचा सकते हैं। लेकिन, मोहन सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह ने तो देश की बेटी को लेकर ही विवादित बयान दे डाला। वैसे तो वो पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बोल रहे थे लेकिन बड़बोले बयान वीर ने इसमें कर्नल सोफिया कुरैशी को घसीट डाला।
कर्नल सोफिया पर मंत्री का बयान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक कार्यक्रम के दौरान शाह ने कहा था कि आतंकवादियों ने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा है। मोदीजी ने उन्हीं की बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी।
मामला बढ़ा तो हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई। उसके बाद से शाह गली गली माफी मांगते फिरने लगे। इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज होने के बाद एक तरफ वो माफी मांग रहे थे। दूसरी ओर FIR रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। कुंवर विजय शाह मध्य प्रदेश बीजेपी के वही नेता है जो प्रतिबंधित जंगल में मंगल कर पार्टी मनाने के कारण में भी विवादों में आए थे।
उपमुख्यमंत्री और सांसद भी विजय शाह की राह
खैर, सेना के शौर्य का बखान करने वाली देश की बेटी पर कुंवर विजय शाह का बयान कम पड़ रहा था कि खुद उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने इसकी कमी पूरी कर दी। हालांकि, देवड़ा तो बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की बात कहकर तो बच निकले लेकिन कुलस्ते ने अपनी फिसली जुबान पर कोई बयान नहीं दिया।
एक शादी समारोह में शामिल हुए फग्गन सिंह कुलस्ते विजय शाह के बयान पर राय दे रहे थे। जुबान फिसली तो उन्होंने आतंकियों को ‘हमारा’ कहकर संबोधित कर दिया। उन्होंने कहा ‘ऑपरेशन सिंदूर कर मोदीजी ने बहनों का बदला लिया है। नागरिक, सेना के अधिकारी हम सभी के लिए गर्व की बात है। भारत के लिए पाकिस्तान के जो हमारे आतंकवादी लोग हैं, उनको उन्होंने करारा जवाब दिया है।’
भला विवाद भी क्यों न हो क्योंकि इससे पहले डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी तो बयान दे दिया था। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हम प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहेंगे… पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक…उनके चरणों में नतमस्तक है।’ देवड़ा के बयान पर कांग्रेस ने उनको घेरना शुरू किया तो उन्होंने बयान को गलत तरीके से पेश करने की बात कह दी।
डांसर के साथ अश्लील डांस
डांसर के साथ अश्लील डांस करना हो या यौन उत्पीड़न के आरोप झेलना हो। इन मामलों में भी मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता पीछे नहीं रहते हैं। बीजेपी नेता कमल रघुवंशी, सिवनी मालवा शादी समारोह में पहुंचे। यहां वो ‘मुझे राणा जी माफ करना’ गाने पर महिला डांसर के साथ आपत्तिजनक हरकत करने लगे। उनकी ये हरकत देख तो कई लोग शादी छोड़कर चले गए। मामला बढ़ा तो बेशर्म नेताजी ने कह दिया वो मेरी बेटी जैसी है।
टिकट का लालच और ब्लैकमेलिंग
सीधी जिले में बीजेपी नेता अजीत पाल सिंह चौहान ने टिकट का लालच देकर एक महिला को फंसाया। जनवरी 2025 में महिला नेता ने बलात्कार, अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल और लाखों रुपये वसूलने के साथ जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। बीजेपी ने फटाफट चौहान को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि, जिला अध्यक्ष ने उन्हें ऑनलाइन सदस्य बता दिया। भाजपा जिला अध्यक्ष देव कुमार सिंह चौहान के कहा कि अजीतपाल 3 साल पहले पार्टी में शामिल हुए थे। वो केवल प्राथमिक सदस्य थे उन्होंने तो अभी तक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता नहीं ली थी।
दलित महिला की इज्जत तार-तार
एक और मामला मई 2024 में सागर से आया था जहां बीजेपी का युवा जोश दलित महिला की इज्जत तार-तार करने में निकला गया था। सागर जिले में बीजेपी युवा मोर्चा के ग्रामीण नेता अंकित सिंह पर एक दलित महिला ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया। पीड़िता के परिवार ने बताया कि दबाव के बावजूद हिम्मत जुटाकर एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि, जांच की रफ्तार कछुए से भी धीमी चल रही है। कांग्रेस महिला सुरक्षा को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
घर में घुस गए लक्ष्मी नारायण यादव
करीब एक महीने पहले ही यानी मई 2025 में अशोकनगर में बीजेपी नेता लक्ष्मी नारायण यादव की दबंगई का मामला सामने आया था। किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण यादव ने बच्चों के विवाद में एक पड़ोसी के घर में घुसकर पिटाई कर दी थी। उन पर महिलाओं के साथ अभद्रता के भी आरोप लगे थे। मामला ये था कि लक्ष्मी नारायण यादव के बेटे को पड़ोसी न किसी कारण से साइकिल चलाने रोका था। इससे तमतमाए नेताजी ने कपड़ा व्यापारी के घर में घुसकर उसके परिवार के साथ मारपीट कर दी। बात में पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल लोक से गिरफ्तार कर लिया था।
रुद्राक्ष शुक्ला की मंदिर में गुंडई
प्रदेश में भाजपा के नेता तो नेता उनके समर्थक और बेटों ने भी जमकर पार्टी की किरकिरी कराई है। अप्रैल 2025 में ही विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला का वीडिया सामने आया था जिसमें उन्होंने मंदिर को गुंडई का अड्डा बना दिया था। रुद्राक्ष आधी रात अपने काफिले के साथ देवास के मां चामुंडा मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने अपने साथियों के साथ जमकर उत्पात मचाया था। वीडियो वायरल होने के बाद उनके और 8 साथियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
इंदौरी बल्ले की आवाज
ये तो हुई नए-नए विवादों की बात तो आपको जून 2019 में उठी इंदौरी बल्ले की आवाज नहीं भूलना चाहिए। जब बीजेपी कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने सड़क को स्टेडियम बना डाला था। गंजी कंपाउंड में इंदौर नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ टीम जब एक जर्जर मकान तोड़ने पहुंची तो आकाश ने पहले उन्हें 10 मिनट में चले जाने की धमकी दी। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के लोगों पर बल्ला चला दिया। पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दनादन वाले आकाश पर मामला तो दर्ज हुआ लेकिन बाद में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया। हालांकि, उस समय इस मामले में देश की मीडिया में जमकर तूल पकड़ा था।
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मध्य प्रदेश में पार्टी को क्या हो गया है?
इन तमाम मामलों से लगता है मध्य प्रदेश में बीजेपी नेताओं ने विवादों का कुंभ मेला सजा लिया है। आए दिन नए तमाशे सामने आते हैं। सीधी में बलात्कार-ब्लैकमेलिंग का मामला, सागर में दलित महिला का शोषण, देवास में मंदिर की गुंडई, नेताओं के वायरल हुए अश्लील वीडियो हों या फिर उनके बयानों की बयार सब देखकर लगता है कि भाजपा ने अपने नेताओं को खुली छूट दे दी है। तभी तो नेता पार्टी को दरकिनार कर अपनी मनमानी पर उतारू हैं। अनुशासन की बात तो इनकी डिक्शनरी से ही गायब ही हो गई है। ऐसे में सवाल उठता ही है कि क्या ये सही है? आखिर, सुशासन और डिसिप्लिन मॉडल वाली पार्टी को मध्य प्रदेश में हो क्या गया है?