TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 जुलाई 2003 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य 'रज्जू भैया' का देहावसान हुआ था।

Dr. Mahender द्वारा Dr. Mahender
14 July 2025
in इतिहास, मत
आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

Share on FacebookShare on X

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया का देहावसान हुआ था। इस कारण से प्रतिवर्ष 14 जुलाई को रज्जू भैया की पुण्यतिथि  होती है । लगभग 5 वर्ष पूर्व सुप्रसिद्ध लेखक डॉ रतन शारदा जी की पुस्तक ‘आरएसएस 360’ का अनुवाद कार्य करने का अवसर मुझे मिला था, उस दौरान रज्जू भैया के बारे में गहराई से जान पाया था । इस आलेख में रतन जी की पुस्तक के हवाले से संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ को विनम्र श्रद्धांजलि दी जा रही है।

भारत के आधुनिक इतिहास में कुछ ऐसे व्यक्तित्व होते हैं जो बिना किसी दिखावे के, बिना किसी राजनीतिक मंच या प्रचार के, अपने समर्पण, तप और विचारों के माध्यम से समाज की गहराइयों तक प्रभाव डालते हैं। रज्जू भैया ऐसे ही व्यक्तित्व थे। उनका जीवन और योगदान केवल संघ तक सीमित नहीं था बल्कि वे एक वैज्ञानिक, शिक्षक, विचारक और सबसे बढ़कर एक विनम्र, सादे, राष्ट्रभक्त साधक थे।

संबंधितपोस्ट

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

और लोड करें

रज्जू भैया बहुत कुशाग्र बुद्धि के व्यक्तित्व थे। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के समय वे संघ से जुड़े। अपने उत्कृष्ट संगठनात्मक कौशल के कारण उनकी संघ में तीव्रता से दायित्वोन्नति हुई। वह एक प्रोफेसर के रूप में प्रचारक की तरह ‘झोला’ उठाकर और ‘धोती कुरता’ में व्याख्यान देने हेतु अपनी कक्षाओं में सीधे चले जाते थे। उनकी वैज्ञानिक प्रतिभा के कारण ही भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक श्री सी.वी. रमण और होमी जहांगीर भाभा जैसे महान न्यूक्लिअर वैज्ञानिकों ने अपने साथ शोधकार्य करने हेतु आमंत्रित किया था। परन्तु, उन्होंने संघ के माध्यम से समाज हित में कार्य करने के लिए अपने मार्ग का चुनाव पूर्व में ही कर लिया था।

वह अत्यंत मृदुभाषी, प्रसन्नचित और ओजस्वी व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनकी अंतरात्मा आध्यात्मिक थी जो उनके व्यक्तित्व से परिलक्षित होता था। जो भी उनसे भेंट करने जाता, उनसे बहुत प्रभावित होता था। अपने मृदु स्वभाव और सहयोगी वृति के कारण अध्यापन के समय से ही सभी उन्हें आदरपूर्वक ‘रज्जू भैया’ कहकर बुलाते थे। वह बहुत अच्छे कवि और गायक थे और उन्होंने संघ के कई गीतों के संगीत निर्धारण में भी मदद की थी।

रज्जू भैया कहते थे, “सभी लोग मूल रूप से अच्छे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे की अच्छाई पर विश्वास करके ही व्यवहार करना चाहिए। किसी के प्रति क्रोध, ईर्ष्या, इत्यादि उसके पिछले अनुभवों के प्रतिबिम्ब है, जो उसके व्यवहार को भी प्रभावित करते हैं। मुख्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति अच्छा है और हर कोई विश्वसनीय है।”

उनकी स्मृति बहुत तेज थी, वर्षो और दशकों उपरान्त मिलने के बाद भी वे परिचित लोगों और पूर्व छात्रों को नाम लेकर पुकारते थे। वे कुशाग्र बुद्धिजीवी और शारीरिक साहस के साथ साथ दृढ संकल्पित व्यक्ति थे। अपनी राय स्पष्ट रूप से व्यक्त करने से वे कदापि हिचकिचाते नहीं थे। सरसंघचालक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, शिक्षा के प्रति उनके जुनून ने संघ के अनुसांगिक संगठनों को भारत के नुक्कड़ और कोनों तक पहुंचकर हजारों विद्यालय संचालित करने के लिए प्रोत्साहित किया। आनंददायक तथ्य यह है कि वे श्रीगुरूजी के सहयोग से सन 1948-1950 में संघ के इस शिक्षा आंदोलन का श्री गणेश करने वाले प्रचारकों नानाजी देशमुख और भाऊराव देवरस वाली टोली के सदस्य थे।

अन्य सरसंघचालकों की तरह वे भी स्वदेशी की अवधारणा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में दृढ़ विश्वास रखते थे। ग्रामीण विकास हेतु गतिविधियों को आरम्भ करते हुए उन्होंने सन 1995 में घोषणा की थी कि गाँवों को क्षुधा मुक्त, रोग मुक्त तथा शिक्षा युक्त करने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आज देश में ऐसे सैकड़ों गाँव हैं जहाँ स्वयंसेवकों द्वारा किए गए ग्रामीण विकास कार्यों ने आस-पास के गाँवों के लोगों को प्रेरित किया है और उनके प्रयोगों का उन लोगों द्वारा अनुकरण किया जा रहा है। उनके पास विद्यार्थियों, संगी-साथियों, शिक्षाविदों, आध्यात्मिक और सामाजिक/राजनीतिक नेताओं के साथ मधुर संबंध बनाये रखने का कौशल था। रज्जू भैया भाजपा के कई नेताओं के पालक थे। उनकी राजनीतिक सूझबूझ बहुत तीव्र थी, परन्तु संघकार्य के प्रति निष्ठा के कारण उन्होंने स्वयं को सक्रिय राजनीति से दूर रखा।

संघ में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि आपातकाल के विरोध में हुए भूमिगत संघर्ष के दौरान वे भारत के वरिष्ठ नौकरशाहों, राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं से संपर्क करने वाले प्रमुख व्यक्ति थे। वे राम जन्मभूमि आंदोलन का मार्गदर्शन करने वाले संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से एक थे। संघ प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही भाजपा राष्ट्रीय राजनीति में दुर्बल खिलाड़ी से अग्रणी खिलाड़ी बनी और अंततः केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्तारूढ़ हुई।

रज्जू भैया की सोच अत्यंत आधुनिक होते हुए भी भारतीय मूल्यों में गहराई से रची-बसी थी। वे मानते थे कि राष्ट्र की उन्नति केवल राजनीति से नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण से संभव है। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई बार कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण होना चाहिए। वे विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय के पक्षधर थे। भौतिकी जैसे वैज्ञानिक विषय में गहन अध्ययन करने के बावजूद वे आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति को जीवन का मूल आधार मानते थे।

वर्ष 2000 में, जब उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगा, तब उन्होंने स्वेच्छा से संघ का नेतृत्व छोड़ दिया और अपने उत्तराधिकारी के रूप में कु. सी. सुदर्शन जी को यह दायित्व सौंप दिया। यह भी उनकी विनम्रता और निस्वार्थता का प्रतीक था।

14 जुलाई 2003 को पुणे में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ ही भारत ने एक ऐसे सच्चे राष्ट्रसेवक को खो दिया, जो हमेशा पृष्ठभूमि में रहकर भी देश की आत्मा को दिशा देता रहा। रज्जू भैया उन बिरले व्यक्तित्वों में से थे, जिनकी सादगी में गहराई, मौन में विचार और सेवा में शक्ति थी। वे एक विचारक थे, जो मंच से नहीं, बल्कि अपने आचरण से प्रेरणा देते थे। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि देश सेवा किसी विशेष मंच या पद की आवश्यकता नहीं रखती बल्कि वह एक भाव है, जो हृदय से उठता है और जीवन का मार्ग बन जाता है।

आज के समय में जब राष्ट्रभक्ति को केवल राजनीतिक नारों तक सीमित किया जा रहा है, वहीं रज्जू भैया का जीवन हमें बताता है कि सच्ची राष्ट्रभक्ति समाज के हर व्यक्ति को शिक्षित, संगठित और सशक्त करने में है।

Tags: 14 july14 जुलाईdr mahender thakurdrmahenderthakurProf. Rajendra SinghRajju BhaiyaRashtriya Swayamsevak SanghrssSarsanghchalakआरएसएसप्रो राजेंद्र सिंहरज्जू भैयाराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघसरसंघचालक
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘जंगल में जन्मीं बेटियां, सांपों से दोस्ती और अध्यात्म’: 8 वर्षों से भारत के जंगलों में छिपी रूसी महिला की कहानी, जानें भावुक संदेश में क्या लिखा?

अगली पोस्ट

गोमांस खिलाया, रेप किया और भाइयों से शोषण कराया: नाबालिग हिंदू लड़की ने शौहर नाज़िल पर लगाया लव जिहाद का आरोप

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited