TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

राम मंदिर के समर्थन पर पिता हुए थे बहिष्कृत, किताब के लिए नहीं मिले थे प्रकाशक; कहानी मीनाक्षी जैन के संघर्ष की

मीनाक्षी जैन के पिता गिरिलाल जैन देश के प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक थे और लंबे वक्त तक टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक रहे थे

TFI Desk द्वारा TFI Desk
15 July 2025
in चर्चित
मीनाक्षी जैन के पिता जाने-माने पत्रकार थे

मीनाक्षी जैन के पिता जाने-माने पत्रकार थे

Share on FacebookShare on X

भारतीय इतिहास लेखन में अपनी अलग पहचान बना चुकीं लेखिका और इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन को केंद्र सरकार ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। अयोध्या, राम मंदिर और भारतीय परंपरा पर उनका लंबा शोध रखा है और आज उन्हें एक सफल लेखिका के तौर पर देखा जाता है। भारत की संस्कृति और इतिहास पर उनके द्वारा लिखित या संपादित करीब दर्जनभर किताबें छप चुकी हैं। लेकिन लेखन का उनका सफर इतना आसान नहीं थी और उन्हें अपनी पहली किताब प्रकाशित कराने के लिए प्रकाशक तक नहीं मिले थे। कुछ दिनों पहले TFI से खास बातचीत में उन्होंने अपनी लेखन की यात्रा के अनसुने पहलुओं को साझा किया था।

पूरी बातचीत पर आप यहां क्लिक करके सुन सकते हैं

संबंधितपोस्ट

राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

और लोड करें

कैसे इतिहास में जागी मीनाक्षी जैन की रुचि?

डॉ. मीनाक्षी जैन बताती हैं कि वे जब दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास की छात्रा थीं, तब उनके अधिकतर शिक्षक वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने वही पढ़ाई जो पढ़ाई जाती थी लेकिन साथ ही उन्होंने स्वयं अलग-अलग स्रोतों से पढ़ना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि जो इतिहास उन्हें पढ़ाया जा रहा है और जो वे खुद पढ़ रही हैं, उसके बीच में भारी अंतर है। डॉ जैन बताती हैं कि जब उन्होंने गार्गी कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया और सिलेबस देखा, तो यह साफ समझ में आया कि पाठ्यक्रम को बहुत चालाकी से एक खास दृष्टिकोण के अनुसार तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे मेरा अध्ययन बढ़ता चला गया तो मुझे यह महसूस होने लगा कि मैं अपने साथ, अपने देश के इतिहास के साथ और अपने विद्यार्थियों के साथ अन्याय कर रही हूं। इसलिए शुरुआत में मैंने यह किया कि सिलेबस के विषय पढ़ाने से पहले एक सामान्य व्याख्यान देती थी, जिसमें अपने विचार और अपने अध्ययन से मिले निष्कर्ष विद्यार्थियों के सामने रखती थी, और उसके बाद पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाती थी। धीर-धीरे समझ आने लगा था कि हमारे इतिहास के साथ अन्याय किया गया है।” यह सब उनके लिए एक आत्मबोध की यात्रा थी, जिसमें उन्हें यह महसूस हुआ कि इतिहास को बहुत एकतरफा ढंग से पेश किया गया है और छात्रों से बहुत कुछ छुपाया गया है।

जब राम मंदिर के लिए हुआ पिता का बहिष्कार

डॉ. मीनाक्षी जैन का संबंध एक पत्रकार परिवार से था और उनके पिता गिरिलाल जैन देश के प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक थे। गिरिलाल जैन लंबे वक्त तक टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक रहे थे। मीनाक्षी जैन बताती हैं, “1980 में अयोध्या आंदोलन जब अपने चरम पर था, तब मेरे पिताजी देश के वरिष्ठ पत्रकारों में से एक हुआ करते थे। वे अपने करियर के शिखर पर थे और मेरे ख्याल से वे शायद पहले प्रसिद्ध पत्रकार थे जिन्होंने अयोध्या आंदोलन का खुलकर समर्थन किया था- सार्वजनिक रूप से लिखकर। उन्होंने लिखा था कि यह आंदोलन भारतीय सभ्यता और संस्कृति को उसके उचित स्थान पर लाने का एक प्रयास है।”

गिरिलाल जैन

उन्होंने कहा, “उनका समाज में इतना सम्मान था कि देश-विदेश से आए लोग, सरकार में हों या बाहर, उनके विचारों को गंभीरता से लिया करते थे। लेकिन जब उन्होंने अयोध्या आंदोलन का समर्थन करना शुरू किया, तो ऐसा लगा जैसे किसी ने ऊंचे शिखर से उन्हें धक्का दे दिया हो। पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग, जो कभी उनका सम्मान करता था, पूरा लुटियंस समूह उनके खिलाफ खड़ा हो गया था।” उन्होंने आगे कहा, “पिताजी ने कई बार लिखा कि यह आंदोलन किसी समुदाय के विरुद्ध नहीं है। यह उस भारतीय सभ्यता को फिर से केंद्र में लाने का प्रयास है जिसे जानबूझकर हाशिये पर धकेल दिया गया था।”

मीनाक्षी बताती हैं, “यह मेरे पिताजी के लिए एक बड़ा झटका था, एकदम केंद्र से हटा कर उन्हें बाहरी बना दिया गया। हमारे पूरे परिवार के लिए यह समय बहुत कष्टकारी था। मैंने उनकी पीड़ा और संघर्ष को नजदीक से देखा, तभी मुझे मध्यकालीन इतिहास से परे जाकर यह जानने की रुचि जगी कि असल में हमारा इतिहास है क्या। और यही वह समय था जब मेरे पिताजी के निधन के बाद मैंने ‘राम और अयोध्या’ नामक पुस्तक लिखी।”

मीनाक्षी जैन द्वारा लिखित ‘राम और अयोध्या’

जब किताब छापने के लिए नहीं मिला कोई प्रकाशक

मीनाक्षी जैन ने हमसे बातचीत में बताया, “आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस किताब को लिखने में मैंने कितना गहन शोध किया थी। शायद ही कोई स्रोत होगा जिसे मैंने छोड़ा हो। जब पुस्तक पूरी हुई, तो मुझे लगा कि यह बेस्टसेलर होगी। मुझे लगा कि प्रकाशक आगे आएंगे और कहेंगे कि हमें यह पुस्तक चाहिए। लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट। एक के बाद एक प्रकाशक ने इस किताब को खारिज कर दिया।”

उन्होंने कहा, “मैं तब तक यही सोचती थी कि पुस्तकें अपनी गुणवत्ता के आधार पर स्वीकार या अस्वीकार की जाती हैं। मेरी किताब में ऐसा कोई तथ्य नहीं था जिसे कोई गलत कह सके। मुझे तब समझ में आया कि पब्लिशिंग हाउसेज़ में कौन सी पांडुलिपियां स्वीकार होंगी, ये निर्णय भी एक तरह के दबाव के तहत लिए जाते हैं। मैं स्तब्ध थी, एक के बाद एक प्रकाशक मना करते गए। मुझे लगा कि जितना समय मैंने इस पुस्तक को लिखने में नहीं लगाया, उससे ज्यादा इसे छपवाने में लग गया। क्योंकि एक बार आप पांडुलिपि भेजते हैं, फिर कोई जवाब नहीं आता, फिर अस्वीकृति मिलती है, फिर आप किसी और को भेजते हैं… और यह सिलसिला चलता रहता है।”

जैन ने कहा कि लेकिन आख़िर में हर अनुभव आपको कुछ न कुछ सिखाता है। मेरे लिए सबसे बड़ी सीख यही रही कि अकेले चलना ही मेरा एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा, “मैं कभी किसी पर निर्भर नहीं रही। मेरी जितनी क्षमता थी, जो भी साधन मेरे पास थे, उनके अनुसार मैंने पूरी कोशिश की। जो कुछ भी मैंने किया, अपने बलबूते पर किया है।”

जब प्रकाशकों ने कहा- ‘कुछ भी छापने के लिए दे दो’

एक समय था जब प्रकाशकों ने उनकी किताब छापने से इनकार कर दिया था लेकिन फिर एक ऐसा दौर भी आया जब प्रकाशक उनका लिखा कुछ भी छापने के लिए तैयार थे। उन्होंने बताया, “जनवरी 2024, जब राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला था तब बहुत से लोगों ने उन्होंने कहा कि आप कुछ भी (छापने के लिए) दे दीजिए। मैंने कहा जो मुझे लिखना था मैंने लिख दिया नहीं। मैंने कहा आप सोचिए 15 साल पहले कोई छापने के लिए तैयार नहीं था। मैं खुद को पीड़ित नहीं मानती। मैंने इस पूरी यात्रा का आनंद लिया। भगवान मुझ पर कृपालु रहे कि मुझे कभी आर्थिक मदद की सख्त जरूरत नहीं पड़ी। मुझे दो-एक फेलोशिप जरूर मिलीं लेकिन कुल मिलाकर मैंने अपनी रिसर्च अपने खर्चे पर ही की।”

उन्होंने आगे कहा, “इसने पूरी यात्रा ने मुझे एक बात और सिखाई- रिसर्च का महत्व। आप रिसर्च जल्दबाज़ी में नहीं कर सकते। अगर आप कोई नया दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहे हैं, तो आपकी रिसर्च इतनी ठोस होनी चाहिए कि कोई उसमें खोट न निकाल सके। मैं अपनी पुस्तकों में कभी अपनी राय पाठकों पर नहीं थोपती। जो तथ्य मुझे मिलते हैं, मैं उन्हें उनके सामने रखती हूं और पाठक खुद तय करते हैं कि उनका निष्कर्ष क्या होना चाहिए।”

डॉ. मीनाक्षी जैन की प्रमुख किताबों में ‘Sati: Evangelicals, Baptist Missionaries, and the Changing Colonial Discourse’, ‘The Battle for Rama’, ‘Flight of Deities and Rebirth of Temples’, ‘Rama and Ayodhya’, ‘Vasudeva Krishna and Mathura’, ‘VISHWANATH RISES AND RISES: The Story of Eternal Kashi’ और ‘THE BRITISH MAKEOVER OF INDIA: Judicial and Other Indigenous Institutions Upturned’ शामिल हैं। इन पुस्तकों में उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों, पुरातात्विक साक्ष्यों और संस्कृत ग्रंथों के हवाले से भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा की है। वे पाठकों पर अपनी राय नहीं थोपतीं बल्कि तथ्यों के आधार पर उन्हें सोचने का अवसर देती हैं।

वर्ष 2020 में डॉ. मीनाक्षी जैन को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रह चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में वरिष्ठ पदों पर सेवाएं दी हैं। डॉ. जैन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।

Tags: Girilal JainHistoryMeenakshi JainRajya SabhaRam templeइतिहासगिरिलाल जैनमीनाक्षी जैनराज्यसभाराम मंदिर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

निमिषा प्रिया की फांसी तय? सरकार द्वारा 8.5 करोड़ की ब्लड मनी का प्रस्ताव भी बेअसर

अगली पोस्ट

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा पर यमन में लगी रोक

संबंधित पोस्ट

अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण
कृषि

अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

24 October 2025

दक्षिण एशिया के मानचित्र पर नदियां हमेशा से जीवन की नसों की तरह रही हैं। वे केवल खेतों को नहीं सींचतीं, बल्कि संस्कृतियों, सभ्यताओं और...

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी
इतिहास

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

21 October 2025

1942 का वर्ष भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में केवल एक तारीख़ नहीं था, यह उस समय की गवाही थी, जब देश के भीतर...

भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा
चर्चित

आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

21 October 2025

भारत ने वह कर दिखाया है जो कभी केवल विकसित देशों की प्रयोगशालाओं की सीमाओं में संभव माना जाता था। देश ने अपना पहला स्वदेशी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Nepal Template: How BBC Is Subtly Calling for ‘Gen Z’ Riots in India?

The Nepal Template: How BBC Is Subtly Calling for ‘Gen Z’ Riots in India?

00:08:13

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited