उत्तराखंड में लगातार सनातन धर्म के नाम पर लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आने के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने ठगी करने वालों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया है। इस अभियान की शुरुआत उत्तराखंड सरकार द्वारा की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर दी जानकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक ट्वीट के माध्यम से बताया, “देवभूमि उत्तराखंड में सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले छद्म भेषधारियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ असामाजिक तत्व साधु-संतों का वेश धारण कर लोगों, विशेष रूप से महिलाओं को ठगने का कार्य कर रहे हैं। इससे न केवल धार्मिक भावनाएँ आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुँच रहा है।”
दोषी किसी भी मजहब का हो सजा जरूर होगी
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति, चाहे किसी भी धर्म या संप्रदाय से हो अगर ऐसे कार्यो में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जिस प्रकार राक्षस कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर भ्रम फैलाने का प्रयास किया था, वैसे ही आज भी कई कालनेमि समाज में सक्रिय हैं।”
नकली साधु-संतों की होगी पहचान और उन पर कार्रवाई
उत्तराखंड सरकार इस अभियान के तहत उन लोगों की पहचान करेगी जो साधु-संत या धर्मगुरु का वेश धारण कर लोगों को धोखा देते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बार ऐसे लोग अन्य मजहबों से भी जुड़े होते हैं, जो लोगों को सनातन के नाम पर गुमराह करते हैं। अब ऐसे लोगों के खिलाफ राज्य में विशेष स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि राज्य सरकार वो सभी कार्य कर रही है जो सनातन धर्म की रक्षा के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने बताया था कि अब तक राज्य में 6,500 एकड़ भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है और 500 से अधिक मजारों पर भी कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह राज्य की जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफी) संरचना को बदलने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देंगे। इसी दिशा में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
रामायण में कौन था कालनेमि?
रामायण में कालनेमि एक राक्षस था, जिसे रावण ने हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने से रोकने के लिए भेजा था। जब लक्ष्मण शक्ति बाण से मूर्छित हो गए थे और हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरि पर्वत की ओर जा रहे थे, तब कालनेमि ने एक साधु का वेश धारण कर उन्हें भ्रमित करने का प्रयास किया। लेकिन बजरंग बली ने उसकी चाल समझते ही उसका वध कर दिया।
अब उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान को ‘ऑपरेशन कालनेमि’ नाम देकर यह संदेश दिया गया है कि जो भी छद्म साधु लोगों को गुमराह कर रहे हैं, उनका भी उसी प्रकार अंत होगा।