गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

महात्मा गांधी के परपोते श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने राहुल गांधी को जारी किया एक तीखा और खुला पत्र।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
23 August 2025
in इतिहास, चर्चित, ज्ञान, भारत, मत, राजनीति, समीक्षा
गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

श्रीकृष्ण कुलकर्णी के पत्र से राहुल गांधी को लेनी चाहिए सीख।

Share on FacebookShare on X

महात्मा गांधी के परपोते श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने बुधवार को राहुल गांधी को एक तीखा और खुला पत्र जारी किया। यह पत्र न केवल निजी टिप्पणी थी, बल्कि राहुल गांधी की निरंतर राजनीतिक लापरवाही और अपनी असफलताओं के लिए संस्थानों को दोष देने की उनकी आदत पर एक तीखी टिप्पणी थी।

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

और लोड करें

कुलकर्णी के प्रहार से हिली कांग्रेस

कुलकर्णी ने एक तीखे प्रहार में कांग्रेसी हलकों को हिलाकर रख दिया: “2014 में जब आपने आरएसएस पर आरोप लगाया था, तब आप गलत थे और अब जब आप चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं, तब भी आप गलत हैं।”

यह कथन विशेष ध्यान देने योग्य है। यह किसी स्वयंसेवक या राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के वंश की आवाज़ है। फिर भी, यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और लाखों राष्ट्रवादियों की उस बात को सही साबित करता है, जो वे लंबे समय से मानते आए हैं कि आरएसएस और अब चुनाव आयोग की निंदा करना कांग्रेस की ऐतिहासिक विफलताओं को छिपाने का एक हताश प्रयास है, राजनीतिक दुष्प्रचार मात्र है।

कांग्रेस की राजनीति में आरएसएस का हौवा

2014 में राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस को घसीटने की कोशिश की थी। यह न केवल एक ऐतिहासिक विकृति थी, बल्कि नैतिक रूप से अक्षम्य बदनामी भी थी। अदालतें लंबे समय से संघ को ऐसी किसी भी संलिप्तता से मुक्त कर चुकी हैं और इतिहासकारों ने इस झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया है। लेकिन, योग्यता के आधार पर वैचारिक लड़ाई लड़ने में असमर्थ, कांग्रेस ने बार-बार आरएसएस को अपना चिरकालिक हौवा बताया है। इसलिए, कुलकर्णी का यह कथन महत्वपूर्ण है। जब गांधीजी के परपोते भी सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हैं कि बापू की हत्या में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी, तो कांग्रेस का नैरेटिव ताश के पत्तों की तरह ढह जाता है।

वास्तव में 1925 में स्थापित आरएसएस ने ज़मीनी स्तर पर चुपचाप काम किया है-समाज में चरित्र, अनुशासन और सेवाभाव का निर्माण। इसका दृष्टिकोण हमेशा राष्ट्रीय एकता और हिंदू पुनर्जागरण का रहा है। ऐसे संगठन पर हत्या का आरोप लगाना न केवल ऐतिहासिक रूप से ग़लत था, बल्कि नैतिक रूप से भी घृणित था।

2014 से 2025 तक: हमला करने की राहुल की आदत

सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि राहुल गांधी इतिहास से सबक नहीं ले पा रहे हैं। अगर 2014 में आरएसएस ज़िम्मेदार था, तो 2025 में चुनाव आयोग (ईसी) ज़िम्मेदार होगा। “वोट चोरी” का आरोप लगाकर उन्होंने एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र की आधारभूत संस्था को निशाना बनाया है, ठीक उसी तरह जैसे एक दशक पहले उन्होंने आरएसएस पर बेपरवाह हमला किया था।

जैसा कि कुलकर्णी कहते हैं ये निराधार बयान जनता के विश्वास को कम करते हैं, कलह फैलाते हैं और भारत विरोधी ताकतों को बढ़ावा देते हैं। 2014 में आरएसएस और 2025 में चुनाव आयोग के बीच तुलना बहुत कुछ कहती है: यह उस मानसिकता को उजागर करती है जो वंशवादी अधिकार के आगे न झुकने वाली हर संस्था को अवैध ठहराने के लिए प्रशिक्षित है। राहुल गांधी के लिए जब लोग उन्हें अस्वीकार करते हैं तो यह कभी उनकी गलती नहीं होती। इसके लिए हमेशा आरएसएस, ईवीएम, चुनाव आयोग, न्यायपालिका या मीडिया ज़िम्मेदार होता है। दोष-स्थानांतरण के इस तंत्र में सबसे पहले सत्य ही शिकार होता है।

ऐतिहासिक समानताएं: असली “वोट चोरी”

कुलकर्णी का पत्र सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना—1946 के कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का भी ज़िक्र करता है। 15 प्रदेश कांग्रेस समितियों में से 12 ने सरदार वल्लभभाई पटेल के लिए मतदान किया था। लेकिन महात्मा गांधी के दबाव में जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष पद पर थोप दिया गया। इस एक फैसले ने इतिहास की दिशा बदल दी। भारत के लौह पुरुष पटेल, जिनके पास भारत को और मज़बूती से एकीकृत करने की दूरदर्शिता थी, को दरकिनार कर दिया गया। इसके बजाय नेहरू की दोषपूर्ण नीतियों ने आज़ादी के बाद के भारत को आकार दिया।

अगर भारत के राजनीतिक इतिहास में कभी “वोट चोरी” का कोई उदाहरण था, तो वह यही क्षण था। यह कितनी बड़ी विडंबना है कि उस वंश का उत्तराधिकारी अब वोट चोरी का रोना रो रहा है। यह सिर्फ़ पाखंड नहीं, ऐतिहासिक विस्मृति है।

आरएसएस: राष्ट्रीय एकता का संरक्षक

राहुल गांधी के झूठे आरोपों को कांग्रेस की वास्तविक ऐतिहासिक विकृतियों के साथ जोड़कर, कुलकर्णी अप्रत्यक्ष रूप से भारत के दो दृष्टिकोणों के बीच के अंतर को उजागर करते हैं: एक तरफ, एक वंशवादी कांग्रेस, जो संस्थाओं को बदनाम करके और षड्यंत्र रचकर अपना अस्तित्व बचाए हुए है। दूसरी तरफ आरएसएस, जिसने लगातार बदनामी के बावजूद सामाजिक एकता, अनुशासन और राष्ट्रवाद को मज़बूत करने के लिए चुपचाप काम किया है।

यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी अपने मतभेदों के बावजूद स्वयंसेवकों की देशभक्ति को स्वीकार किया था।1934 में वर्धा में जब आरएसएस को बदनाम करने की कोशिश की गई, तो गांधीजी ने कहा कि मैं आरएसएस शिविर में गया था। मैं उनके अनुशासन, अस्पृश्यता के अभाव और एकता की भावना से बहुत प्रभावित हुआ। ये शब्द आज भी प्रासंगिक हैं। ये हमें याद दिलाते हैं कि आरएसएस को बदनाम करना न केवल राजनीति से प्रेरित है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए भी खतरनाक है।

राहुल गांधी के लिए आईना है यह पत्र

श्रीकृष्ण कुलकर्णी का खुला पत्र फटकार से कहीं बढ़कर है। यह राहुल गांधी के सामने एक आईना है। और यह आईना क्या दिखाता है? एक ऐसा राजनेता जिसे विरासत में अधिकार मिले हैं, लेकिन बुद्धि नहीं। एक ऐसा नेता जो अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए 2014 में आरएसएस से लेकर 2025 में चुनाव आयोग तक, हर संस्था को कमज़ोर करता है। एक ऐसा वंशवादी जो जनता द्वारा अस्वीकार किए जाने पर खुद को छोड़कर बाकी सभी को दोषी ठहराता है।

ऐसी राजनीति कांग्रेस को भले ही कुछ समय के लिए चर्चा का विषय बना दे, लेकिन भारत के लिए यह विनाशकारी है। संस्थाएं भरोसे पर टिकी रहती हैं और झूठ का कारोबार करने वाले नेता उस भरोसे को खत्म कर देते हैं। अगर महात्मा गांधी के परपोते ने खुद खड़े होकर कहा है कि “बस, बहुत हो गया”, तो अब समय आ गया है कि राहुल गांधी वही विनाशकारी गलतियां दोहराना बंद करें। आरएसएस चुपचाप और निस्वार्थ भाव से भारत की सेवा करता रहेगा, जैसा कि उसने एक सदी से किया है। वंशवादी इतिहास से सीखें या नहीं, राष्ट्र निर्माण में संघ का काम हर राजनीतिक दुष्प्रचार से ज़्यादा समय तक चलेगा।

Tags: CongressMahatma Gandhiopen letter to Rahul GandhiRahul GandhirssSardar PatelShrikrishna Kulkarniआरएसएसकांग्रेसमहात्मा गाँधीराहुल गाँधीराहुल गांधी को खुला पत्रश्रीकृष्ण कुलकर्णीसरदार पटेल
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

अगली पोस्ट

किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited