TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

स्वर्गीय चेतराम जी हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य को अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले आधुनिक ‘दधीचि’ थे। उनका जन्म 3 अगस्त, 1948 को पंजाब के फ़ाजिल्का जिला की अबोहर तहसील के गांव झंडवाला हनुमंता के एक किसान स्वर्गीय श्री रामप्रताप एवं स्वर्गीय श्रीमती दाखा देवी के घर में हुआ था।

Dr. Mahender द्वारा Dr. Mahender
3 August 2025
in इतिहास
सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

संघ अर्थात चेतराम जी

Share on FacebookShare on X

आज 3 अगस्त है, इसलिए यह लेख एक ऐसे महान व्यक्तित्व के जन्म दिवस पर लिखा जा रहा हैं, जिनके लिए लोगों द्वारा व्यक्त की गई उपमायें कुछ ऐसी हैं: सेवाव्रती, कर्मठ स्वयंसेवक के साथ तत्वनिष्ठ कार्यकर्ता, सम्पर्क पुरोधा एवं आत्मविलोपी, समावेशी व्यक्तित्व, विचार भक्त, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, हिम्मतवान योजक, अथक परिश्रमी, सुकोमल हृदयी, सहिष्णुता की मूर्ति, मार्गदर्शक, अखंड साधक, सजगता एवं अनुशासन प्रिय, मनोवैज्ञानिक, संततुल्य अनात्म- प्रशंसक, आत्मीयता की मूर्ति, कुशल संगठक एवं अद्भुत योजक, दृढ़वती समाजसेवक, व्यवस्थाप्रिय, सिद्धांतजीवी, कर्मयोगी, सिद्धांत मर्मज्ञ; सूचि और लम्बी है। मैंने अपने जीवन में किसी व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए इतने अधिक और भारी शब्दों का प्रयोग होते नहीं देखा है। एक व्यक्ति के इतने रूप कदाचित ही किसी ने देखे होंगे। और इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं हैं। मुझे स्वयं उन महान विभूति का स्नेह प्राप्त हुआ है। उन महान विभूति का नाम है, ‘स्वर्गीय श्री चेतराम जी।’

स्वर्गीय चेतराम जी हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य को अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले आधुनिक ‘दधीचि’ थे। उनका जन्म 3 अगस्त, 1948 को पंजाब के फ़ाजिल्का जिला की अबोहर तहसील के गांव झंडवाला हनुमंता के एक किसान स्वर्गीय श्री रामप्रताप एवं स्वर्गीय श्रीमती दाखा देवी के घर में हुआ था। वे अपने दो भाई और चार बहनों में चौथे स्थान पर थे। चेतराम जी की शिक्षा गांव मोजगढ़ में हुई फिर उन्होंने डी. ए. वी. कॉलेज अबोहर से बी. ए. की शिक्षा प्राप्त की। वे विद्यार्थी जीवन में ही अबोहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने। शिक्षा पूरी होने पर उनकी सरकारी नौकरी लग गयी थी पर संघ की लगन होने के कारण सन 1971 में बैंक की नौकरी छोड़कर संघ के प्रचारक निकले और पंजाब में संघ का कार्य किया। मुक्तसर नगर और फाजिल्का तहसील के बाद 1973 से 82 तक वे रोपड़ जिला प्रचारक रहे। सन 1975 में तत्कालीन सरकार द्वारा देश में थोपे आपातकाल में संघ की योजनानुसार सक्रिय रहे लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ नहीं सकी। उन्होंने पुलिस के साथ खूब आँख मिचौली खेली। वे प्रायः रेंजर की वर्दी पहन कर वन और पहाड़ों में होते हुए इधर से उधर निकल जाते थे। वे तैरने में भी बहुत कुशल थे।

संबंधितपोस्ट

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

बाढ़ में RSS स्वयंसेवकों की सेवा: पंजाब के हजारों परिवारों तक राहत पहुंचाने का महाअभियानू

और लोड करें

वर्ष 1982 में उनकी नियुक्ति हिमाचल प्रान्त में हुई और उन्हें हिमाचल में बिलासपुर जिले का काम मिला। तब से लेकर अपने अंतिम क्षण तक चेतराम जी ने हिमाचल में ही संघ कार्य के विस्तार में अपना सम्पूर्ण जीवन होम कर दिया और बिलासपुर ही उनका केन्द्र रहा। इस दौरान उन्होंने बिलासपुर के काम को बहुत मजबूत बनाया। कुछ साल बाद वे मंडी विभाग के प्रचारक भी बने। संघ कार्य को विस्तार देने के उद्देश्य से वे अध्यापकों से बहुत संपर्क रखते थे। इससे उनका छात्रों से भी संपर्क हो जाता था और फिर इसका लाभ संघ की शाखा के विस्तार के लिए मिलता था। शाखा तथा कार्यकर्ताओं के नाम उन्हें याद रहते थे। अतः वे डायरी आदि का प्रयोग कम ही करते थे।

1990 में किसी मानसिक उलझन के चलते उन्होंने प्रचारक जीवन छोड़ दिया, लेकिन गृहस्थी फिर भी नहीं बसायी। बल्कि उन्होंने एक गोशाला खोली और एक कार्यकर्ता के साथ साझे में ट्रक खरीदा। इससे कुछ आय होने लगी। फिर वे हिमाचल प्रान्त के प्रथम प्रांत कार्यवाह के नाते फिर पूरी गति से संघ के काम में लग गये। अब प्रवास का व्यय वे अपनी जेब से करते थे। गोशाला का काम उन्होंने अपने भतीजे को सौंप दिया। उन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में संघ के कदम बढ़ रहे थे। वरिष्ठ अधिकारीयों की दृष्टि उन पर गई और उन्हें ‘हिमाचल शिक्षा समिति’ का काम दे दिया गया। चेतराम जी अब विद्यालयों के विस्तार में लग गये।

संघ के वरिष्ठ प्रचारक ठाकुर रामसिंह को चेतराम जी पर बहुत विश्वास था। ठाकुर रामसिंह संघ के आरंभिक प्रचारकों में से एक थे। उनके बारे में सुप्रसिद्ध लेखक अरुण आनंद जी की सुप्रसिद्ध पुस्तक ‘दी फॉर्गोटन हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया’ में एक विस्तृत अध्याय दिया हुआ है। जब ठाकुर रामसिंह जी पर ‘इतिहास संकलन समिति’ का काम आया, तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश में यह काम भी चेतराम जी को ही सौंप दिया। इसके बाद ‘ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान, नेरी (हमीरपुर)’ की देखभाल भी उनके ही जिम्मे आ गयी। चेतराम जी के प्रयासों से आज यह शोध संस्थान व्यापक स्तर पर भारत को भारत की दृष्टि से देखते हुए शोध कार्य कर रहा है। चेतराम जी का अनुभव बहुत व्यापक था। इसके साथ ही वे हर काम के बारे में गहन चिंतन करते थे। कार्यकर्ताओं के स्वभाव और प्रवृत्ति को भी वे खूब पहचानते थे। इस कारण उन्हें सर्वत्र सफलता मिलती थी। हिमाचल में आने वाले सभी प्रांत प्रचारक भी उनके परामर्श से ही काम करते थे।

ठाकुर राम सिंह जी और चेतराम जी 2007 लेह में सिंधु नदी के तट पर

इस भागदौड़ और अस्त-व्यस्तता में वे पार्किन्सन नामक रोग के शिकार हो गये। इससे उन्हें चलने में असुविधा होने लगी। बहुत सी बातें उन्हें अब याद नहीं रहती थीं। दवाओं से कुछ सुधार तो हुआ; पर अब पहले जैसी बात नहीं रही। अतः उनके साथ राकेश नामक एक गृहस्थ कार्यकर्ता को नियुक्त कर दिया गया। राकेश तथा उनकी पत्नी ने चेतराम जी की भरपूर सेवा की। चेतराम जी जहां प्रवास पर जाते थे, तो राकेश भी साथ में जाता था। चार साल ऐसे ही काम चला; पर फिर कष्ट बढ़ने पर प्रवास से विश्राम देकर बिलासपुर में ही उनके रहने की व्यवस्था कर दी गयी। अंतिम समय में कुछ दिन शिमला मैडिकल कॉलिज में भी उनका इलाज चला। वहाँ पर ही 5 अगस्त, 2017 चेतराम जी मानवदेह त्यागकर भगवान के श्री चरणों में लीन हो गए। उनके परिजनों की इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव झंडवाला हनुमंता में ही किया गया।

मुझे उनका सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। बचपन में मैं उनसे बहुत डरता था, क्योंकि उनका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली था। लेकिन वे हृदय से अत्यंत कोमल थे। कार्यकर्ताओं की चिंता करना कोई उनसे सीख सकता था। मेरे गाँव में हम लोग गाँव के शिव मंदिर में एक बड़ा मेला और कुश्ती प्रतियोगिता कराते हैं। कुछ वर्ष पूर्व मैंने मेले के लिए चेतराम जी को मुख्यातिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए कहा। पिताजी ने उनसे बात की,लेकिन अपनी जगह महंत सूर्यनाथ जी को मुख्यातिथि बनाया और स्वयं भी आये। हमारे गाँव के मंदिर में लगी 36 किलोग्राम की घंटी उनके दोनों के ही हाथों से लगवाई गयी थी। मैं डर के कारण उनके निकट नहीं जा रहा था, लेकिन मैं बाहर से देखा था कि उन्होंने पिताजी की जेब में चुपचाप 1000 रूपए रख दिए थे। मेले में धन की आवश्यकता रहती है ये बात चेतराम जी को पता थी। अपने कार्यकर्ता (मेरे पिताजी) का मनोबल बढ़ाने की यह घटना आज तक मेरी आँखों के सामने घूमती रहित है। चेतराम जी पर लिखित पुस्तक में एक जगह लिखा गया है “संघ अर्थात चेतराम जी”, ये बात अक्षरसः सत्य है। आज भी हिमाचल विशेषकर बिलासपुर जिला में यदि संघ संबंधी कोई भी बात हो तो चेतराम जी का नाम न आये ऐसा होना असंभव है। उनके द्वारा तैयार किये हुए संघ के कार्यकर्ता आज संघ और अनुषांगिक संगठनों के शीर्ष दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।

पूज्य पिताजी के साथ महंत सूर्यनाथ जी और चेतराम जी

बिलासपुर जिला में पंजाब के जालंधर से सुमित जी नामक एक प्रचारक आये थे। उनका एक संस्मरण यहाँ देना आवश्यक है। जिससे हमें समझ आएगा कि किसी ने यह पंक्ति क्यों लिखी कि “संघ अर्थात चेतराम जी।” सुमित जी बताते हैं,”प्रचारक के नाते उनको प्रवास पर जाना होता था। जब भी किसी नए परिवार या व्यक्ति से संघ आधारित परिचय होता तो उनका एक ही प्रश्न होता,”चेतराम जी कैसे हैं?” और फिर वह चेतराम जी संग अपनी संघ कार्य की यादों के किस्से सुनाते थे। मैं सोच में पड़ जाता था कि इस गाँव में अपना (संघ का) काम नहीं है, लेकिन मैं जिन्हे संघ से जोड़ने आया हूँ वे तो मुझसे भी पुराने हैं।” इसके पीछे कारण चेतराम जी का अथक परिश्रम, स्नेह और त्याग था।

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से चेतराम जी ने बहुत से कार्यकर्ताओं को संघ कार्य के लिए खड़ा किया, प्रचारक निकाले। उनसे प्रेरित होकर प्रचारक निकले राजेन्द्र जी बताते हैं,“चेतराम जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। मूलतः पंजाब के होने के बाद भी चेतराम जी हिमाचल में बहुत पैदल चलते थे। उन्होंने हिमाचल का कोना-कोना छान लिया था। बड़े दुर्गम और पहाड़ी रास्तों को उन्होंने अपने पैरों ने नापा था। संघ के कार्य को बढाने के लिए उन्होंने ही विस्तारक योजना शुरू की थी। जिसका अनुसरण अखिल भारतीय स्तर पर किया गया। आज केवल उनका गुणगान करने से काम नही चलेगा अपितु जिस प्रकार से उन्होंने तिल-तिल जलकर समाज के लिए कार्य किया। हमें उसका अनुसरण करना चाहिए।”

चेतराम जी बहुत पैदल चलते थे, ये मैंने स्वयं देखा है। उन दिनों यातायात के साधन नही थे, सडकें नही थीं, मेरा गाँव पहाड़ी पर है। संघ कार्यालय बिलासपुर से लगभग 6 किलोमीटर पहाड़ी चढना पड़ता है। चेतराम जी पहाड़ी चढ़कर मेरे गाँव आये हैं।

चेतराम जी के जीवन पर इसे लेखों की बड़ी श्रृंखला लिखी जा सकती है। हिमाचल प्रदेश के संघ के कार्यकर्ताओं और संघ से दूसरे क्षेत्रों में गए लोगों के लिए चेतराम जी आज भी प्रेरणा का स्त्रोत हैं और हमेशा रहेंगे। ऐसे ध्येय साधक श्री चेतराम जी को नमन।

Tags: 100 Years of RSSChetram Ji Himachaldr mahender thakurdrmahenderthakurRashtriya Swayamsevak SanghrssRSS HimachalVSKhimachal
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

अगली पोस्ट

बेंगलुरु में पीजी में रह रही छात्रा के साथ बलात्कार, पीजी मालिक अशरफ गिरफ्तार, खाने के बदले की थी सेक्स की माँग

संबंधित पोस्ट

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा
इतिहास

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

13 September 2025

इतिहास की धूल में दबी कुछ कहानियां ऐसी हैं, जिनकी चमक आज भी आंखें चौंधिया देती है। कोहिनूर हीरा ऐसी ही एक कहानी है। यह...

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

बैटल ऑफ सारागढ़ी
इतिहास

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

12 September 2025

सैन्य शब्दकोश का एक शब्द है- ‘लास्ट स्टैंड’, यानी वो लड़ाई जहां एक पक्ष भले ही हार गया हो, लेकिन उसकी शूरवीरता, उसकी जांबाज़ी हार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited