सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पांच साल में पहली बार आमने-सामने की मुलाकात के लिए अलास्का में मिले।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
16 August 2025
in AMERIKA, भू-राजनीति, विश्व
सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

अलास्का में हुई ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत।

Share on FacebookShare on X

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पांच साल में पहली बार आमने-सामने की मुलाकात के लिए अलास्का में बैठे। इस मीटिंग पर दुनिया भर की नजरें थीं। 1945 के बाद से यूरोप में हुए सबसे भीषण संघर्ष की पृष्ठभूमि में, यह शिखर सम्मेलन इतिहास, प्रतीकात्मकता और उच्च दांवों से भरा हुआ था। हालांकि इस बैठक से यूक्रेन युद्ध को रोकने में कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन यह दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली नेताओं के बीच बातचीत को फिर से शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम ज़रूर साबित हुआ। ट्रंप ने अपने रुख पर फिर से ज़ोर देते हुए कहा: “सौदा होने तक कोई समझौता नहीं है,” जबकि पुतिन ने उन्हें मास्को आने का अप्रत्याशित निमंत्रण भी दिया।

अलास्का में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन

अलास्का के एंकोरेज स्थित ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में आयोजित इस शिखर सम्मेलन का प्रतीकात्मक महत्व बहुत अधिक था। अलास्का, जो 1867 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा खरीदे जाने तक रूसी क्षेत्र था, भौगोलिक रूप से रूस के निकट है और शीत युद्ध की सीमा के रूप में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। पुतिन की वहां मेज़बानी को वर्षों के ठंडे संबंधों के बाद नए सिरे से जुड़ाव का एक साहसिक संकेत माना गया।

संबंधितपोस्ट

भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

‘भारत एक महान देश है’ ट्रंप ने शहबाज शरीफ के सामने ही पीएम मोदी की तारीफ में कह दी ये बात

ट्रम्प ने की इज़राइल-हमास युद्ध ख़त्म होने की घोषणा की, इज़राइल को बंधकों की रिहाई का इंतज़ार

और लोड करें

तीन घंटे तक चली बातचीत

लगभग तीन घंटे तक, ट्रंप और पुतिन, दो-दो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बंद कमरे में चर्चा करते रहे। इस बैठक को “परस्पर सम्मानजनक” और “रचनात्मक” बताया गया, जिसमें दोनों नेताओं ने कई बिंदुओं पर सहमति व्यक्त की, लेकिन प्रमुख मुद्दों को अनसुलझा छोड़ दिया। इसके बाद हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस संक्षिप्त, संयमित और सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी, जो चल रहे यूक्रेन संघर्ष की संवेदनशीलता को रेखांकित करती है।

ट्रंप ने जवाब देने में बरती सावधानी

अपनी टिप्पणी में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सतर्क और आशावादी लहजे में बात की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कई बिंदुओं पर सहमति तो बन गई, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे रह गए। उन्होंने दोहराया, जब तक बात पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने संकेत दिया कि प्रगति हुई है, लेकिन समाधान को अंतिम रूप देने के लिए पर्याप्त नहीं है।

मास्को में होगी अगली बैठक

ट्रंप ने ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन चर्चा के केंद्र में बना रहेगा, उन्होंने युद्धविराम के लिए अपने प्रयासों और पुतिन द्वारा यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ सीधे बातचीत करने की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। उन्होंने भविष्य की बातचीत के लिए दरवाज़ा खुला रखा और समझौते पर पहुंचने की “बहुत अच्छी संभावना” जताई, साथ ही यह भी स्वीकार किया कि किसी भी सफलता के लिए मास्को से सीधे आश्वासन ज़रूरी है। सबसे उल्लेखनीय बातचीत तब हुई जब ट्रंप ने एक और संभावित बैठक का संकेत दिया। पुतिन ने मुस्कुराते हुए अंग्रेज़ी में जवाब दिया: “अगली बार मॉस्को में।” इस साधारण टिप्पणी ने अलास्का शिखर सम्मेलन की सतर्क आशावादिता को दर्शाया।

पुतिन का रुख: यूक्रेन एक “त्रासदी” और सुरक्षा चिंता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मंच का इस्तेमाल अपने लंबे समय से चले आ रहे कथन को रेखांकित करने के लिए किया कि यूक्रेन में संघर्ष रूस के लिए बुनियादी सुरक्षा खतरों से उपजा है। उन्होंने युद्ध को एक “त्रासदी” बताया और दोहराया कि स्थायी शांति के लिए इसके “प्राथमिक कारणों” का समाधान करना आवश्यक है।

पुतिन ने कहा, “हमने हमेशा यूक्रेनी राष्ट्र को एक भाईचारे वाला राष्ट्र माना है। जो कुछ भी हो रहा है, वह हमारे लिए एक त्रासदी है।” उन्होंने शत्रुता समाप्त करने में मास्को की “ईमानदारी से रुचि” पर ज़ोर दिया। हालांकि, उन्होंने कीव या यूरोपीय राजधानियों द्वारा अलास्का में हुई शुरुआती प्रगति को “बाधित” करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी।

तो नहीं होता रूस युक्रेन सघर्ष

शायद सबसे ख़ास बात यह रही कि पुतिन ने घोषणा की कि अगर डोनाल्ड ट्रंप 2022 में राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन संघर्ष “कभी शुरू ही नहीं होता”। उन्होंने दावा किया कि पिछले अमेरिकी प्रशासन के साथ अपनी अंतिम बातचीत के दौरान, उन्होंने स्थिति को ठीक से न संभालने पर “सैन्य कार्रवाई के रूप में गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी थी। उनकी टिप्पणियों में ट्रंप के उस लंबे समय से चले आ रहे दावे की प्रतिध्वनि थी कि उनके नेतृत्व में युद्ध छिड़ ही नहीं पाता।

ट्रंप ने दिये ये संकेत

लास्का वार्ता न केवल सार-तत्व पर केंद्रित थी, बल्कि प्रतीकवाद और भाव-भंगिमाओं पर भी केंद्रित थी। स्थल का चयन—एक शीत युद्ध-कालीन केंद्र जो कभी सोवियत विमानों को रोकने का केंद्र था। ऐतिहासिक महत्व रखता था। पुतिन की वहां मेज़बानी कर ट्रंप ने खुलेपन का संकेत दिया और साथ ही बैठक को साझा इतिहास पर आधारित किया।

शिखर सम्मेलन के बाद एक उल्लेखनीय पहल करते हुए, पुतिन ने उन सोवियत पायलटों की कब्रों पर फूल चढ़ाए, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अलास्का में ऋण-पट्टा कार्यक्रम के तहत अमेरिकी विमानों को सोवियत संघ ले जाते समय शहीद हो गए थे। इस स्मरणोत्सव ने आधुनिक तनावों के बीच भी, दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित किया।

शिखर सम्मेलन का प्रारूप मूल आमने-सामने की बैठक की योजना से बदलकर “तीन-तीन” कर दिया गया। ट्रंप के साथ सीनेटर मार्को रुबियो और व्यवसायी स्टीव विटकॉफ भी शामिल हुए, जबकि पुतिन के साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उनके सहयोगी यूरी उशाकोव भी थे। विस्तारित प्रारूप ने एक सतर्क दृष्टिकोण का संकेत दिया—जो ट्रंप की 2018 में पुतिन के साथ हेलसिंकी में हुई विवादास्पद बैठक से कहीं अधिक सुनियोजित था।

प्रतीकात्मकता और कूटनीतिक शिष्टाचार के बावजूद, बैठक में कोई ठोस समझौता नहीं हुआ। दोनों नेताओं ने प्रगति के व्यापक, अस्पष्ट बयान दिए, लेकिन विशिष्ट जानकारी देने से परहेज किया और प्रेस के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

अलास्का शिखर सम्मेलन, हालांकि कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी, लेकिन इसने अमेरिका-रूस वार्ता में एक अस्थायी बदलाव का संकेत दिया। बैठक से कई मुख्य निष्कर्ष निकले। ट्रंप ने इस बात पर ज़ोर दिया कि “बहुत कम मुद्दे” अनसुलझे रह गए हैं, लेकिन उन्होंने प्रगति को समझौता घोषित करने से इनकार कर दिया। मुख्य विवाद यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े प्रतीत होते हैं। पुतिन ने दोहराया कि युद्ध रूस के लिए सुरक्षा खतरों में निहित है, और इस बात पर ज़ोर दिया कि शांति को इन कारणों का समाधान करना होगा।

पुतिन द्वारा ट्रम्प को मास्को में वार्ता जारी रखने के लिए अप्रत्याशित निमंत्रण, उभरती कूटनीति में एक नया आयाम जोड़ता है। वार्ता में न तो यूक्रेन और न ही यूरोपीय नेताओं को शामिल किया गया, जिससे कीव और पूरे यूरोप में दरकिनार किए जाने की चिंताएं बढ़ गईं। ट्रम्प ने पहले सुझाव दिया था कि ज़ेलेंस्की को क्षेत्रीय रियायतों पर “कठिन निर्णय” लेने पड़ सकते हैं, एक ऐसा रुख जो विवादास्पद बना रह सकता है। हालांकि तत्काल कोई समाधान नहीं निकला, लेकिन शिखर सम्मेलन ने आगे की चर्चाओं के द्वार खोल दिए और अन्यथा गतिरोध में फंसी यूक्रेन शांति प्रक्रिया में सतर्क आशावाद का संचार किया।

संवाद की ओर एक कदम, लेकिन रास्ता अभी लंबा है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का शिखर सम्मेलन वास्तविक से ज़्यादा प्रतीकात्मक था, लेकिन इसका कूटनीतिक महत्व था। इसने फिर से जुड़ने की इच्छा को दर्शाया, संवाद के महत्व पर ज़ोर दिया और दो शक्तिशाली नेताओं के बीच व्यक्तिगत गतिशीलता को रेखांकित किया।ट्रंप के लिए, संदेश स्पष्ट था: “जब तक कोई समझौता नहीं होता, तब तक कोई समझौता नहीं होता।” पुतिन के लिए, ज़ोर रूस की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने पर रहा, साथ ही उन्होंने खुद को शांति के लिए खुला दिखाया।

हालांकि बैठक बिना किसी सफलता के समाप्त हुई, इसने आगे की बातचीत के लिए मंच तैयार किया—संभवतः मास्को में। दुनिया बारीकी से देखेगी कि क्या अमेरिका-रूस कूटनीति की यह अस्थायी पुनः शुरुआत वह हासिल कर पाती है जो दोनों नेता चाहते हैं: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे घातक संघर्ष का अंत।

Tags: AlaskaMoscowPutinsummitTRUMPTrump and Putin talksअलास्काट्रंपट्रंप और ​पुतिन की वार्तापुतिनमास्कोशिखर सम्मेलन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मौलाना हसरत मोहानी: पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी, मुस्लिम लीग से चुनाव भी लड़े, लेकिन विभाजन हुआ तो अपने ख्वाबों के देश न जाकर भारत में ही रह गए

अगली पोस्ट

हैदराबाद में पाकिस्तानी नागरिक फहद गिरफ्तार, पत्नी ने लगाए जबरन धर्म परिवर्तन और धोखे के आरोप

संबंधित पोस्ट

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

बीबीसी की साख का घटता संकट
चर्चित

कितना भरोसेमंद है BBC? नई दिल्ली से तेल अवीव और वॉशिंगटन तक क्यों गिरती जा रही है बीबीसी की साख और विश्वसनीयता ?tfi

13 November 2025

न्यूट्रल जर्नलिज्म या ईमानदार पत्रकारिता के नाम पर एक ख़ास तरह की विचारधारा को थोपता आ रहा ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन यानी बीबीसी आज आज अपने...

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क
आयुध

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

11 November 2025

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट ने न केवल हमारी राजधानी की रफ्तार और सुरक्षा की संवेदनशीलता को झकझोर कर रख दिया...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited