असम के चार जिलों में AFSPA 6 महीनों के लिए बढ़ाया गया।
29 March 2024
उत्तर प्रदेश में बाहुबली युग के एक और चेहरे का हुआ अंत।
29 March 2024
मुख्य बिंदु राष्ट्रीय युवा महोत्सव में गालीबाज इतिहासकार और लेखक देवदत्त पटनायक के निमंत्रण पर मचा बवाल लेखक देवदत्त पटनायक ट्विटर पर महिलाओं के लिए अभद्र भाषा का करते हैं प्रयोग लोगों के विरोध और तकनीकी समस्या के कारण नहीं हो सका उनके सत्र का प्रसारण भारत के गालीबाज इतिहाकर ...
बात अगर काल्पनिक इतिहास रचने की हो, तो काफी समय तक रोमिला थापर, इरफान हबीब, बिपिन चन्द्रा जैसे लोगों का हमारे देश में बोलबाला हुआ करता था। आजकल इस क्षेत्र में देवदत्त पटनायक जैसे लोगों की बहार रहती है। देवदत्त पटनायक काल्पनिक इतिहास ही नहीं रचते हैं, बल्कि शास्त्रों को ...
प्रोपगैंडा फैलाने में सबसे आगे रहने वाले देवदत्त पटनायक एक आदर्श विद्यार्थी की भांति ही समय पर उठते हैं, नाश्ते में ब्रेड ऑमलेट की भांति मैक्स मूलर के शास्त्र खाते हैं, और दूध हॉर्लिक्स की तरह ही सनातन धर्म पर वेंडी डोनिगर का प्रोपगैंडा घोलकर पीते हैं और फिर निकल ...
देवदत्त पटनायक जी, मैं यह स्वीकार करते हुए अपनी बात को शुरू करती हूँ कि मैंने आपके द्वारा लिखी हुई महान पुस्तकों को नहीं पढ़ा है। इसलिए मुझे इन पर टिप्पणी करने से परहेज करना होगा। हालांकि, मैंने आपके ट्वीट्स पढ़े हैं और हाल ही में चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मिनी ...
सीमित सोच का एक जीता जागता उदाहरण है देवदत्त पटनायक सभी आधुनिक भारतीय इतिहासकार, सभी आधुनिक भारतीय शिक्षाविद, सभी आधुनिक भारतीय विचारकों मे एक समानता है, वे हिन्दू धर्म को हमेश अब्राहमिक या सेमिटिक चश्मे से देखते है। इसी सीमित सोच और विचारधारा के इर्द गिर्द मंडराकर ये लोग अपने ...
देश की जानी-मानी इतिहासकार रोमिला थापर से जेएनयू प्रशासन की ओर से मांगे गए सीवी का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि उनके एक वीडियो क्लिप ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। इस वीडियो में इतिहासकार रोमिल थापर कहती दिख रही हैं कि 'महाभारत में ...
हमारे प्यारे राष्ट्र को इंडिया या भारत क्या कहा जाए, इस पर बहस अभी ख़त्म नहीं हुई है। सोशल मीडिया इस भाषाई संघर्ष के लिए युद्ध का मैदान बन गया है, जिसमें विशाल बहुमत भारत का समर्थन कर रहा है, जबकि कुछ अभी भी भारत के औपनिवेशिक युग के टैग ...
लेखक देवदत्त पटनायक एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। सोमवार को उन्होंने हड़प्पा और वैदिक सभ्यता से जुड़ा एक ट्वीट किया जिसके बाद से वो आलोचनाओं से घिर गये। https://twitter.com/devduttmyth/status/1171040391568609282 देवदत्त ने अपने ट्वीट में कहा था कि, “हड़प्पा वैदिक नहीं था। लेकिन वेद हड़प्पन के ही थे। क्योंकि ...
विश्वास नहीं होता, यह वही भारत है, जहाँ से अर्थशास्त्र, रामायण, महाभारत जैसी कालजयी रचनायें निकली है. ये वो भारत नहीं लगता, जहाँ चंद्रकांता, आवरण जैसी रचनाओं से साहित्यिक जगत को समृद्ध किया गया. इस लेख में वो कारण जानिये, जिनके पीछे भारतीय साहित्य की छवि पर प्रश्नचिन्ह लग चूका ...
“ऐसी वाणी बोलिए कि जमकर झगड़ा होय, पर उनसे न पंगा लीजिए जो आपसे तगड़ा होय!” Khan Sir Controversy: लगता है वामपंथी बिरादरी का इस चुटकुले से छत्तीस का आंकड़ा रहा है तभी तो वह अनेकों बार मुंह उठाकर अपनी भद्द पिटवाने हेतु आ जाते हैं। अब खान सर के ...
कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा। धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।। अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन प्रदान करने वाली मां, रति के संदर्भ में रंभा, धर्म में सनुकुल और क्षमा करने में धृति; इन छह गुणों वाली पत्नी मिलना दुर्लभ है। ...
सोशल मीडिया जहां लोगों को एक दूसरे के करीब ला रहा है, तो वहीं पर ये वैमनस्य बढ़ाने और साइबर क्राइम, ऑनलाइन स्टॉकिंग, अश्लीलता इत्यादि को बढ़ावा देने का भी काम कर रहा है। टिक टॉक पर भले ही केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया हो, परंतु उसकी जगह इंस्टाग्राम ...