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नाम जपो, कीरत करो, वंड छको… समाज सुधार के लिए गुरु नानक ने किए कई कार्य, दिल्ली से काबा तक उनकी कहानियाँ

ऋषि-मुनियों एवं संतों की पवित्र भूमि भारत में ज्ञान की वैविध्य सभ्यता अत्यंत प्राचीन है। इस सभ्यता का विकास विविध कालखण्डों में इसी धरा पर जन्मे संतों, भक्तों आदि ने किया है। भारत की सभ्यता, संस्कृति का...

बिस्नु जू के पग तें निकसि संभु सीस बसि… माँ गंगा और गणेश के आराधक सैयद गुलाम नबी, सनातन परंपराओं से था स्नेह

मध्यकाल में जो हिंदी साहित्य हमें प्राप्त होता है उसे समृद्ध करने में तत्कालीन रचनाकारों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। मध्यकाल के रचनाकारों ने जो साहित्य रचा, उस साहित्य की समृद्धि के कारण ही इसे स्वर्ण युग...

सेर सिवराज है… वो महाकवि जिन्होंने ठुकराया औरंगजेब का प्रस्ताव, भूषण ने अपनी रचनाओं से छत्रसाल और छत्रपति को कर दिया अमर

मध्यकाल के उत्तरार्द्ध में जहाँ एक ओर निरंकुश केंद्रीय मुगल सत्ता अपनी कुनीतियों से छोटे-बड़े देशी रजवाड़ों को विवश कर भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता का भाव और हमारे अतीत के प्रति गौरव के भाव का ह्रास कर रही...

‘हजार हूर नहीं चाहिए, वेद धर्म नहीं त्यागूँगा’: सनातन की समरसता का प्रतीक है संत रविदास का जीवन, सिकंदर लोदी के सामने नहीं झुके

वेदों की भूमि भारत को मध्यकाल में विदेशी आततायियों द्वारा भारी मात्रा में लूटा गया, यहाँ की प्राचीन संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया गया, बड़े पैमाने पर यहाँ के लोगों का जबरन मतांतरण भी करवाया...

बचपन में ही श्रीकृष्ण को मान लिया था पति, हँस कर पिया विष का प्याला: श्रीकृष्ण की भक्त मीराबाई, जो श्रीकृष्ण में ही विलीन हो गईं

प्रेम की अनेक अमर कहानियों के देश भारत में एक ऐसी प्रेम कहानी है जो सामान्य नहीं बल्कि कई मायनों में असाधारण है। आज हम बात करेंगे मध्यकालीन भक्त कवयित्री मीराबाई के कृष्ण के प्रति शाश्वत प्रेम...

अंधे थे, लेकिन नेत्र ईश्वर को देखते थे… कुएँ में गिरे तो श्रीकृष्ण ने दिया दर्शन, ठुकरा दिया था अकबर का प्रस्ताव

मध्यकाल के पूर्वार्द्ध, अर्थात भक्तिकाल में जब कृष्ण भक्त कवियों की चर्चा की जाती है तो सूरदास का नाम सबसे पहले आता है। 1478 ईस्वी में मथुरा के रुनकता नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे...

जय बोलो किशन कन्हैया की… 12 बच्चों की मौत के बाद जन्मे ‘वली मुहम्मद’, हिन्दू त्योहारों के मुरीद थे ‘नज़्म के जनक’

1739 ई. में जब दिल्ली पर नादिरशाह का हमला हुआ, उसी के आस-पास दिल्ली में एक ऐसे शख्स का जन्म हुआ, जो आगे चलकर एक बेहद शानदार शायर के रूप में उभरा। आज भी तीज-त्योहारों पर उस...

कष्ट में बीता बचपन, जवानी में पत्नी से फटकार और रहीम से मित्रता: कुछ ऐसे रामबोला से बन गए गोस्वामी तुलसीदास

कहा जाता है कि कलम की ताकत से व्यक्ति यदि चाहे तो बहुत कुछ हासिल कर सकता है। हमारे सामने अनेक ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने वर्षों पहले अपनी लेखनी चलाई और उनकी रचनाओं के माध्यम से आज...

जम्मू कश्मीर राज्य के संस्थापक डोगरा योद्धा गुलाब सिंह, 22 रियासतों में बँटे प्रदेश को किया संगठित

भारत के इतिहास में 19वीं शताब्दी के आरंभ में अंग्रेजों की सर्वोच्चता के खिलाफ लड़ते हुए मराठों, गोरखाओं और मुगलों का पतन हुआ। जब यह सब हो रहा था, तब सिखों ने लाहौर में जबरदस्त ताकत हासिल...

जिनसे शेरशाह सूरी ने भी माँगी माफ़ी: कहानी ‘पद्मावत’ की रचना करने वाले मलिक मुहम्मद जायसी की

भारत के इतिहास में मध्यकाल का कालखंड एक सांस्कृतिक संक्रमण के दौर से गुजर रहा था। जहाँ एक ओर मुगलों द्वारा हिन्दू मंदिरों, इमारतों इत्यादि को तोड़कर भारतीय संस्कृति को जबरन नष्ट किया जा रहा था, तो...

जब औरंगज़ेब ने कृष्णभक्ति के कारण अपनी ही बेटी को दी उम्रकैद, जानिए कैसा था ‘फ़ारसी की मीरा’ का जीवन

15 फरवरी, 1638 में मुगल शासक औरंगज़ेब और उनकी बेगम दिलरस बानो के आँगन में उनकी पहली संतान के रूप में एक बेटी ने जन्म लिया। मुगल बादशाह के घर में जन्मी इस बेटी का नाम जेबुन्निसा...

इस बार राजमहल नहीं, मछुआरे के घर में पैदा हुए ‘बुद्ध’: जापान से निकली बौद्ध धर्म की धारा

हम जानते हैं कि बौद्ध धर्म की शुरुआत भारत से ही हुई और आज इसकी अनेक शाखाएँ विश्व के अलग-अलग देशों में फैल चुकी हैं और अपने-अपने तरीके से बुद्ध की शिक्षाओं को बौद्ध धर्म के अनुयायियों...

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