अष्टावक्र से लेकर आदि शंकराचार्य तक – सनातन संस्कृति में वाद-विवाद और शास्त्रार्थ का समृद्ध इतिहास है
विश्वभर में मानव सभ्यताओं का विकास हुआ, इसके साथ साथ शासन-प्रशासन को चलाने के नियमों को भी निर्धारित किया गया। पहले कबीलों के द्वारा शासन व्यवस्था चलाई जाती थी, फिर राजा-महाराजाओं के द्वारा और बाद में जब...