समीक्षा

मोहन भागवत के भाषण में छिपे हैं कई संदेश, समझें इसके राजनीतिक मायने

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में सरसंघचालक मोहन भागवत का भाषण केवल एक वैचारिक उद्घोषणा नहीं था, बल्कि इसमें कई राजनीतिक...

राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’: बिहार में भ्रम की राजनीति या हकीकत?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों बिहार में “वोट अधिकार यात्रा” निकाल रहे हैं। उनका दावा है कि यह यात्रा लोकतंत्र...

दिल्ली में IUML ने खोला कार्यालय, प्रियंका गांधी की गैरमौजूदगी ने बढ़ाई अटकलें

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने दिल्ली में अपने नए राष्ट्रीय समिति कार्यालय “कायदे मिल्लत सेंटर” का उद्घाटन किया। लेकिन इस कार्यक्रम से...

जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक राजस्थान के जोधपुर में पांच सितंबर से होने वाली है। ऐसे तो आरएसएस ने बयान जारी कर इसे...

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

महात्मा गांधी के परपोते श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने बुधवार को राहुल गांधी को एक तीखा और खुला पत्र जारी किया। यह पत्र न केवल...

CSDS का असली चेहरा सामने – विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

CSDS वही संस्था है, जिसके आंकड़ों का इस्तेमाल राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के मतदाताओं को बदनाम करने के लिए किया था, कांग्रेस अब...

कांग्रेस की फेक न्यूज़ फैक्ट-चेक में फंसी, पवन खेड़ा व संजय कुमार ने ट्वीट हटाए

कांग्रेस और राहुल गांधी एक बार फिर देश की जनता को गुमराह करने के लिए झूठ फैलाते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं।...

TOI का दोहरा मापदंड: एक ओर तुष्टिकरण, दूसरी ओर हिंदू संस्कृति पर चोट

टाइम्स ऑफ़ इंडिया पर लंबे समय से हिंदू त्योहारों, परंपराओं और प्रतीकों के ख़िलाफ़ कहानी गढ़ने का आरोप लगता रहा है। लेकिन, हाल...

अंग्रेज़ और न्यायपूर्ण शासन ? गुलाम मानसिकता में जीने वालों को अब अपनी आंखों से औपनिवेशिक पट्टी हटा लेनी चाहिए

ज्ञात इतिहास में भारत पर आक्रांताओं के रूप में आने वालों में शक, हूण, कुषाण, मुसलमान, डच, पोर्तुगीज, फ्रेंच, अंग्रेज़ आदि प्रमुख हैं।...

वामपंथी इतिहासकार इरफ़ान हबीब का बाबा साहेब अंबेडकर पर वार: ‘राष्ट्रवाद नहीं, ब्रिटिश हुकूमत का समर्थन किया’

भारत के जटिल राजनीतिक परिदृश्य में डॉ. भीमराव अंबेडकर दलितों के लिए एक प्रमुख व्यक्ति राष्ट्र के लिए एक संवैधानिक निर्माता और दलित...

“गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

मानवीय वकालत के क्षेत्र में, निरंतरता न केवल नैतिक विश्वसनीयता के लिए, बल्कि लोकतांत्रिक संदर्भ में नेतृत्व की वैधता के लिए भी मायने...

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