देखो भई, अपने नीतीश कुमार जैसे भी हो, उनके राजनीतिक जीवटता पर आप संदेह नहीं कर सकते। परिणाम जैसा भी हो, लोग चाहे...
हरे रंग से ममता बनर्जी को कुछ अधिक प्रेम है। ये पार्टी के प्रतीक चिन्ह से लेकर उनके आदर्शों एवं उनके विचारों तक...
कहने को भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था परंतु ये अधूरा सत्य है। हम 565 रियासतों में बंटे हुए एक खंडित...
भारत, डिजिटल और वित्तीय विकास के साथ मिलकर विकास की एक नई ऊंचाई की ओर बढ़ता जा रहा है। बढ़ती आर्थिक गतिविधियों, युवा...
देश में समाजसेवा के नाम पर चल रहे NGO असल में एजेंडा चलाने से लेकर देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते रहे हैं।...
सही ही कहा गया है कि किसी व्यक्ति का मूल्य तब पता चलता है, जब वो दूर चला जाता है। यही एहसास इस...
'पश्चिमी देशों के नायक और अपने देश के खलनायक' सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव के लिए यह शब्द एकदम सटीक बैठते...
"अजी हम तो देसी हैं, हम चाय पीते हैं", इस वाक्यांश को आपने कई-कई बार सुना होगा, कभी न कभी स्वयं भी दोहराया...
किसी भी बच्चे के संदर्भ में किशोरावस्था को जीवन का सबसे अस्थिर हिस्सा माना जाता है। दुर्भाग्य से यह ठीक वही उम्र है...
देश की अदालतों में भी एक एलीट मानसिकता का वास है। इसके कारण आम आदमी की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दबी पड़ी रहती...
यह तो हम सभी जानते हैं कि कुत्ता सबसे वफादार होता है, कुत्तों को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त भी माना जाता है।...
यह सबसे बड़ी नासमझी होती है कि आप अपने घर की सुरक्षा उसके हाथ में दे दो जो स्वयं आपके दुश्मनों के दयाभाव...
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