सफलता के शिखर पर हो सकते थे गोविंदा परंतु उन्होंने वह सुनहरा अवसर हाथ से जाने दिया
हमारे वृद्धजन यूं ही नहीं कहते हैं कि “आधी को छोड़ सारी को धावे, न आधी मिले न पूरी पावे”। कुछ व्यक्ति ऐसे ही होते हैं जिनके भाग्य आवश्यक नहीं कि सदैव उनके साथ रहें, परंतु कुछ ऐसे भी ...