'आक्रान्ताओं' के लिए खोज परिणाम

जब जोधपुर प्रांत लगभग पाकिस्तान का भाग बन गया था

“जो रियासतें पाकिस्तान के साथ मिल रही हैं, उन्हे आपसे क्या मिलेगा?” “यॉर हाइनेस, मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। मैं उन्हे हिंदुस्तान से कहीं ज़्यादा सहूलियत देने के लिए तैयार हूँ, एंड यॉर हाइनेस मैं ये सादे ...

कुतुब मीनार का सत्य क्या है?

किसी ने सही ही कहा है, “सच पेड़ के बीज की तरह होता है, जितना भी दफना लो, एक न एक दिन बाहर जाता है”। ठीक इसी भांति कुछ लोग चाहे जितना इतिहास के कुछ अध्याय मिटा दें या ...

कैसे भारत के सूती वस्त्र ने किया विदेशियों को आश्चर्यचकित

भारत का कपास : “आपको पता है, मेरे कपड़े मैनचेस्टर के निर्मित है, और मेरे....” ये बातें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ऐसे बता रहे थे, जैसे कोई युद्ध जीतकर आ रहे हों। हीन भावना का ऐसा बेढंगा ...

सावरकर के प्रति HSRA की रुचि की अनकही कही कथा

कुछ समय पूर्व एक ‘महापुरुष’ ने अपने कर्मों का बचाव करते हुए कहा था, “देखिए जी, हम सावरकर की औलादें नहीं है, हम भगत सिंह के वंशज हैं। हम आखिरी सांस तक अत्याचार के विरुद्ध लड़ेंगे” बोलने में क्या ...

तेन धार का युद्ध – जब 2000 पाकिस्तानियों पर भारी पड़े थे केवल 11 राजूपत सिपाही

Battle of Tain Dhar - थर्मोपायली, लोंगेवाला, सारागढ़ी, इन सबके बारे में आपने बहुत सुना होगा पर तेन धार की पवित्र भूमि का उल्लेख कभी सुना है? नौशेरा का नाम सुना है? नहीं? कैसे सुनेंगे, असली इतिहास आपको बताया ...

चित्रकूट से चित्तौड़ बने नगर में बप्पा रावल ने कैसे भरी शक्ति, जानिए इसके पीछे का इतिहास

हर नगर की स्थापना के पीछे की एक कथा होती है और भारत में कथाओं का ऐसा अनंत भंडार है जिसका कोई हिसाब नहीं है। हर नगर का अपना भव्य इतिहास है और ऐसा ही एक नगर है चित्रकूट। ...

औरंगजेब ने जो फिल्म दिखाई उसकी ‘स्क्रिप्ट’ तो अकबर ने तैयार की थी, वो ‘महान’ नहीं ‘क्रूर’ था!

आपको क्या लगता है, मुगलों में सबसे दुष्ट, सबसे अत्याचारी कौन था? बादशाह आलमगीर यानी औरंगज़ेब? निस्संदेह आपका उत्तर यही होगा और स्वाभाविक भी है क्योंकि कर्म ही ऐसे हैं उसके, परंतु ये आधा सत्य है। तो क्या बाबर? ...

प्रत्येक भारतीय को अवश्य पढ़नी चाहिए कल्हण की महान कृति राजतरंगिणी

“कश्मीरियत, जम्हूरियत, इंसानियत” राजतरंगिणी: यह नारा कहने को कश्मीर की परिभाषा है परंतु वास्तविक कश्मीर क्या है? क्या आपने सोचा? उर्दू में घुले ये चंद शब्द कश्मीर को परिभाषित करने हेतु पर्याप्त नहीं हो सकते। कश्मीर की वास्तविकता को ...

हिंदू पत्नियां सलाहकार और मार्गदर्शिका होती थीं फिर ‘मुगल’ आ गए

कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा। धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।। अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन प्रदान करने वाली मां, रति के संदर्भ में रंभा, धर्म में सनुकुल और क्षमा ...

बृहदेश्वर मंदिर मानव इतिहास की उत्कृष्ट कलाओं में से एक क्यों है?

देश के इतिहास को कितना तोड़ा-मरोड़ा गया है यह किसी से छिपा नहीं है। देश की संस्कृति और धरोहर को दबाने और मुगलों के महिमामंडन से लेकर अन्य तमाम चीजों से हमारा इतिहास भरा पड़ा है लेकिन जैसे जैसे ...

पीर बाबा और ‘ताबीज़ संस्कृति’ की ओर हिंदू इतना आकर्षित क्यों हो रहे हैं?

“भर दे झोली मेरी” “शिरडी वाले साईं बाबा, आया है तेरे दर पे सवाली” “तू मेरी हीर मेरी मैंने दिल से माना तुझे हर वीरवार पीर बाबा से भी मांगा तुझे!” ऐसे अनेक गीत कभी न कभी आपने कहीं ...

खुशहाली, विवाद, राज हत्या और प्रेत आत्माएं: ‘शनिवार वाड़ा’ का इतिहास

“काका, म्हाला वाचवा!” एक बालक प्रांगण में इधर से उधर दौड़ते हुए चिल्ला रहा था पर उसकी पुकार एक व्यक्ति देखकर भी अनसुनी कर रहा था। सत्ता की लालसा में वह इतना अंधा हो चुका था कि उस युवा ...

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